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Gst जी एस टी

gst

जी एस टी 

Question

Question and Answare

Q.1 When Gst shall be levied or Charged ?

Ans-  CGST Shall be levied on all intrastate supplies of goods all service. except on the supply of alcoholic liquor for human consumption.

Q 1. जी एस टी चार्ज कब होता है ? या जी एस टी कब लगता है ?

 Answer -        Section-9  इसके बारे मे बात करता है |

CGST चार्ज होता  जब राज्य के अन्दर , माल और सेवा  का  सप्लाई  होता है  पर इंसान के पिने की अल्कोहलिक शराब  की  सप्लाई  पर GST नहीं लगता है |

Hinglish

CGST चार्ज होता है  ON Within State सप्लाई ऑफ़ GOODS OR SERVICE BOTH EXCEPT ALCOHOL LIQUOR FOR HUMAN Consumption .


Gst Introduction जी एस टी आसान भाषा मे

Gst Introduction

जी एस टी  आसान भाषा मे

Question

Question and Answare

Q.1 When Gst shall be levied or Charged ?

Ans-  CGST Shall be levied on all intrastate supplies of goods all service. except on the supply of alcoholic liquor for human consumption.


Q 1. जी एस टी चार्ज कब होता है ? या जी एस टी कब लगता है ?

 Answer -        Section-9  इसके बारे मे बात करता है |

CGST चार्ज होता  जब राज्य के अन्दर , माल और सेवा  का  सप्लाई  होता है  पर इंसान के पिने की अल्कोहलिक शराब  की  सप्लाई  पर GST नहीं लगता है |

Hinglish

CGST चार्ज होता है  ON Within State सप्लाई ऑफ़ GOODS OR SERVICE BOTH EXCEPT ALCOHOL LIQUOR FOR HUMAN Consumption

Q.2 On Which Rate GST Shall be Levied ?

Ans- GST SHALL BE LEVIED AT RATE OF TAX NOTIFIED BY GST COUNCIL.

Q-2 किस रेट से जी एस टी लगेगा ?

Ans-  जो रेट जी एस टी  कॉउंसिल नोटिफाईड करेगी उस रेट से लगेगा |

RCM ( Reverse Charge Mechanism) रिवर्स चार्ज

a)   In RCM Receiver of goods or service liable to pay GST tax Instead Supplier of goods or service.

 b  )all the provision of GST applicable to recipient .

  c)  The Govt may on the Recommedation of GST Council Notify Specified Class of Person who shall, in       respect of supply of specified categories of goods or services or both received from an unregistered supplier, pay the tax on reverse charge basis.


a ) रिवर्स चार्ज  में माल व सेवा खरीदने पर  जो खरीदता है उसकी जिम्मेदारी होती है सरकार  को    टैक्स पेमेंट करने की |

b) जी एस टी के सारे नियम खरीददार पर लगते है |

c) सरकार जी एस टी कॉउंसिल की सलाह पर कुछ परसन को नोटिफाइड कर सकती है अगर वो  स्पेसीफाइड सेवा या माल ख़रीदे तो उस पर्सन को टैक्स का पेमेंट करना होगा |

Question

Question and Answare

Q. In Which Cases ( Business ) ECO (E-Commerce Operator ) Liable to Pay Gst ?

 Ans-  There are three Cases

A) Transport Of Passenger by Radio Taxi

B) Hotel

C) House Keeping Services.


Q. कोनसे बिज़नेस में ECO (E-Commerce Operator ) को टैक्स पेमेंट करना होता है ?

Ans-  There are three Cases

A) Transport Of Passenger by Radio Taxi

B) Hotel

C) House Keeping Services.


Gst Supply जी एस टी सप्लाई

 Scope of supply

सप्लाई का मतलब

Question

Question and Answare

Q. What do you mean by supply Under GST Act? or What is Scope of supply ? or when gst is charged ?

Ans-  GST  is Charged on Supply and Supply includes all type of supply  Such as means following things includes supply

Clause (a)

  i)   Sale of any things

  ii)   Transfer,

   iii)  Barter, exchange ,

   iv ) License,

   v)  Rental, lease

   vi) Disposal made or agreed to be made . for a consideration by a person in the furtherance of business

Clause (b)

Importation of services for a consideration whether or not in the course or furtherance of business and 

Clause (c)

the activities specified in schedule I made or agreed to be made without consideration.

Q. जी एस टी कब लगता है ? जी एस टी मे सप्लाई का मतलब क्या है सप्लाई किसे कहते है ?

Ans-  जी एस टी  सप्लाई पर लगता है और सप्लाई में ये सब सम्मिलित होता है-

Clause (a)

i)  किसी भी चीज का विक्रय |

ii)  ट्रांसफर / हंस्तातरण |

iii)  चीजों को बदलना |

iv) लाइसेंस |

v) किसी भी चीज को किराये या ठेके पर देने में |

vi) किसी भी चीज को नस्त या खत्म करना  या ख़तम करने का समझोता करना  व्यवसाय करने  में प्रतिफल के बदले |

Clause (b)

किसी भी सेवा को आयात करना प्रतिफल के बदले ,भले व्यवसाय में उपयोग करे  या नहीं  |

Clause (c)

शे̮ड्‌यू्‌ल्‌ 1 में जो क्रिया लिखी गयी है अगर वो बिना प्रतिफल के दे या देने का  समझोता करे तो भी सप्लाई माना जायेगा |


E WAY BILL इ वे बिल

This is generally a way of complying with the rules of GST, in which the person who takes the goods from one place to another can know the necessary goods like
i) which is mentioned in the bill,
ii) the place to which the goods are to be taken
iii) Uploads the distance (between where the goods are to be picked up and where they are to be dropped) etc. on the e-way bill portal before the goods are transported and generates the e-way bill.

ये सामान्यतः जी एस टी  के नियमो के पालना करने का तरीका है जिसमे जो व्यक्ति माल को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है वो आवश्यक माल की जानकारी जैसे 

i)  जो बिल में लिखी हुई है ,

ii) स्थान जहा पर माल ले जाना है 

iii) दुरी (जहा से माल उठाना है और जहा छोड़ना है के बिच की ) इत्यादि  माल ले जाने से पहले अपलोड करता है इ वे बिल  पोर्टल पर और इ वे बिल जनरेट करता है |

Question

Question and Answare

Q. 1 When is the e-way bill to be generated? Who has to generate the e-way bill?

a) If any registered person moves goods from one place to another or he buys from unregistered, the cost of the goods is 50,000 /- (inclusive) then he has to generate E-way bill.
b) Even if the value of the goods is less than 50,000, if the registered person wishes to generate the e-way bill, he can.

Q. 1 इ वे बिल कब जेनेरेट करना होता है ? इ वे बिल किसे जेनेरेट करना होता है ?

 a) अगर कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है या  वो  अनरजिस्टर्ड से ख़रीदे, माल की कीमत 50,000 /- ( सहित )   हो तो उसे  इ वे बिल जेनेरेट करना होता है  |  

b) अगर माल  कीमत  50,000 से कम हो तो भी अगर रजिस्टर्ड व्यक्ति अपनी इच्छा से इ वे बिल जेनेरेट करना चाहता है तो कर सकता है |


Under what circumstances e-way bill has to be generated even at a cost less than 50,000? Or What is the special rule in case of job work and handicraft to generate e way bill?

a) If the principal sends the goods to a job worker who is in another state, the principal or (if the job worker is registered) either of the two will generate an e-way bill, irrespective of the cost of the goods, i.e. less than Rs 50,000. They have to generate the bill.

b) If handicraft goods are sent from one state to another, then it is necessary to generate E-way bill.

किन परिस्थितयो में 50,000 से कम कीमत पर भी इ वे बिल जेनरेट करना है ? या विशेष नियम इ वे बिल जेनरेट करने के जॉब वर्क एंड हेंडीक्राफ्ट के केस में क्या है ?

a)  अगर  प्रिंसिपल माल भेजे, जॉब वर्कर को ,जो दूसरे राज्य में है तो प्रिंसिपल या (जॉबवर्केर अगर रजिस्टर्ड हो तो ) दोनों में से कोई भी इ वे बिल जेनरेट करेगा माल की कीमत कितनी भी हो मतलब 50,000 से कम हो तो भी इ वे बिल जेनरेट  करना है


b)  अगर हेंडीक्राफ्ट का माल एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जाता है तो इ वे बिल जेनरेट करना जरुरी है |


Que-3 If the goods are sent by road, who will generate the e-way bill? or Who will generate the e-way bill if the goods are sent by own vehicle? or Who will generate the e-way bill if the goods are sent by hired vehicle?

When the registered person sends or receives goods from one place to another
by his own car or
off road by hired car
Then the registered person will generate the e-way bill from the e-way bill portal.

Que- 3 अगर माल रोड से भेजा जाये तो इ वे बिल कौन जेनरेट करेगा ? या अगर खुद (स्वयं ) की गाड़ी से माल भेजे तो इ वे बिल कौन जेनरेट करेगा ? या अगर किराये (भाड़े ) की गाड़ी से माल भेजे तो इ वे बिल कौन जेनरेट करेगा ?

जब रजिस्टर्ड व्यक्ति एक स्थान से दूसरे  स्थान माल भेजे या प्राप्त करे 

उसकी खुद की गाड़ी से या 

किराये पर ली हुई गाड़ी से रोड से 

तो रजिस्टर्ड व्यक्ति  इ वे बिल जेनरेट करेगा इ वे बिल पोर्टल से


Compensation Cess मुआवजा उपकर

 

A GST Compensation Cess at specified rate has been imposed under the Goods and Services Tax (Compensation to States) Cess Act, 2017 on the specified luxury items or demerit goods, like pan masala, tobacco, aerated waters, motor cars etc., computed on value of taxable supply. Compensation cess is leviable on intra-State supplies and inter-State supplies with a view to provide for compensation to the States for the loss of revenue arising on account of implementation of the GST. Compensation is to be provided to a State for a period of 5 years from the date on which the State brings its SGST Act into force

माल और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) उपकर मुआवजा उपकर अधिनियम. 2017 के तहत एक निर्दिष्ट दर पर एक जीएसटी मुआवजा उपकर लगाया गया है। पान मसाला, तंबाकू, वातित पानी, मोटर कार आदि जैसी विशिष्ट मनोरंजन की वस्तुओं या अवगुण वस्तुओं पर, कर योग्य आपूर्ति के मूल्य पर गणना की जाती है। जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजा प्रदान करने की दृष्टि से अंतर-राज्य आपूर्ति और अंतर-राज्य आपूर्ति पर मुआवजा उपकर लगाया जाता है। राज्य को उस तारीख से 5 साल की अवधि के लिए मुआवजा प्रदान किया जाना है जिस दिन राज्य अपने एसजीएसटी अधिनियम को लागू करता है।

Question

Question and Answare

In which Items GST Compensation Cess Levied ?

GST Compensation  Cess Levied specified luxury items or demerit goods, like pan masala, tobacco, aerated waters, motor cars etc.

मुआवजा उपकर किन किन वस्तुओं पर लगाया जाता है ?

मुआवजा उपकर पान मसाला, तंबाकू, वातित पानी, मोटर कार आदि जैसी विशिष्ट मनोरंजन की वस्तुओं या अवगुण वस्तुओं पर लगाया जाता है ,

Supply Under Gst जी एस टी के तहत आपूर्ति

The scope of supply under GST can be understood in terms of following parameters:

Supply should be of goods or services.

Supply should be made for a consideration

Supply should be made in the course or furtherance of business

 

While these parameters describe the concept of supply, under certain circumstances, transactions have been deemed as supply even when the supply is made without consideration or not in the course or furtherance of business. Activities specified in Schedule I are deemed to be a supply even without consideration. Further, import of services for a consideration, whether or not in the course or furtherance of business is treated as supply.

जी एस टी के तहत आपूर्ति के दायरे को निम्नलिखित मापदंडों के संदर्भ में समझा जा सकता है:

आपूर्ति माल या सेवाओं की होनी चाहिए ||

 आपूर्ति प्रतिफल के लिए की जानी चाहिए

आपूर्ति व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ाने के लिए की जानी चाहिए

हालांकि ये मानदंड आपूर्ति की अवधारणा का वर्णन करते हैं, कुछ परिस्थितियों में, लेन-देन को आपूर्ति के रूप में माना जाता है, भले ही आपूर्ति बिना किसी प्रतिफल के की जाती है या व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ने के दौरान नहीं की जाती है। अनुसूची | में निर्दिष्ट गतिविधियों को बिना प्रतिफल के भी आपूर्ति माना जाता है।

Question

Question and Answare

What do you mean by Supply Under GST ?

Supply Includes

Supply for consideration in course or furtherance of business [Section 7(1)(a)]

Importation of services for consideration whether or not in course or furtherance of business [Section 7(1)(b)]

Supply without consideration [Section 7(1)(c) + Schedule I]

Excludes

 Negative list [Section 7(2) + Schedule III]

Activities to be treated as supply of goods or supply of services [Section 7(1A) + Schedule II]

जी एस टी में आपूर्ति का मतलब क्या है ?

इसमें शामिइल है:

कार्यप्रणाली में या व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिफल के लिए आपूर्ति[धारा 7(1)(a)]

 व्यवसाय के कार्यप्रणाली या आगे बढ़ने पर प्रतिफल करने के लिए सेवाओं का इसमें शामिल है: +

आयात [धारा 7(1)(b)]

बिना प्रतिफल के आपूर्ति [धारा 7(1)(c) + अनुसूची।] को

 छोड़कर:

नकारात्मक सूची [धारा 7(2) + अनुसूची II]

वस्तुओं की आपूर्ति या सेवाओं की आपूर्ति के रूप में मानी जाने वाली गतिविधियाँ

[धारा 7(1A) + अनुसूची ]

Which are the activities which are without consideration also considered as supply or Deemed Supply ?

Schedule-I Activities to be treated as supply even if made without consideration.

1.    Permanent transfer or disposal of business assets where input tax credit has been availed on such assets.

2.    Supply of goods or services or both between related persons or between distinct persons as specified in section 25, when made in the course or furtherance of business. Provided that gifts not exceeding fifty thousand rupees in value in a financial year by an employer to an employee shall not be treated as supply of goods or services or both

3.     Supply of goods — (a) by a principal to his agent where the agent undertakes to supply such goods on behalf of the principal; or (b) by an agent to his principal where the agent undertakes to receive such goods on behalf of the principal.

4.    Import of services by a person from a related person or from any of his other establishments outside India, in the course or furtherance of business.

कोनसी गतिविधिया बिना प्रतिफल के होती है पर आपूर्ति मानी जाती है ?

अनुसूची-1

गतिविधियों को आपूर्ति के रूप में माना जाना चाहिए, भले ही वे बिना प्रतिफल

के किए गए हों

पैरा नंबर

विवरण

1.    व्यावसायिक परिसंपत्तियों का स्थायी स्थानांतरण या निपटान जहां ऐसी परिसंपत्तियों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया गया है।

 

2.    संबंधित व्यक्तियों के बीच या अलग-अलग व्यक्तियों के बीच वस्तु या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति, जैसा कि धारा 25 में निर्दिष्ट है, जब कार्यप्रणाली में या व्यवसाय को आगे बढ़ाया जाता है। बशर्ते कि एक नियोक्ता द्वारा किसी कर्मचारी को एक वित्तीय वर्ष में पचास हजार रुपये से अधिक मूल्य के उपहार को वस्तु या सेवाओं या दोनों कीआपूर्ति के रूप में नहीं माना जाएगा। |

 

3.    माल की आपूर्ति - (a) एक प्रिंसिपल द्वारा अपने एजेंट को जहां एजेंट प्रिंसिपल की ओर से ऐसे __माल की आपूर्ति करने का वचन देता है, वस्तु एवं सेवा कर  (b) एक एजेंट द्वारा अपने प्रिंसिपल को जहां एजेंट प्रिंसिपल की ओर से ऐसे माल प्राप्त करने का वचन देता है। |

 

4.    किसी व्यक्ति द्वारा किसी संबंधित व्यक्ति से या भारत के बाहर उसके किसी अन्य प्रतिष्ठान से, कार्यप्रणाली में या व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए सेवाओं का आयात।

Which are the Activities or transactions which shall be treated neither as a supply of goods nor a supply of services ?

1. Services by an employee to the employer in the course of or in relation to his employment.

2. Services by any court or Tribunal established under any law for the time being in force.

3. (a) Functions performed by Members of Parliament, Members of State Legislature, Members of Panchayats, Members of Municipalities & Members of other local authorities;

 (b) Duties performed by any person who holds any post in pursuance of the provisions of the Constitution in that capacity; or

(c) Duties performed by any person as a Chairperson or a Member or a Director in a body established by the Central Government or a State Government or local authority and who is not deemed as an employee before the commencement of this clause.

 4. Services of funeral, burial, crematorium or mortuary including transportation of the deceased.

 5. Sale of land and, subject to paragraph 5(b) of Schedule II, sale of building.

6. Actionable claims, other than lottery, betting and gambling.

 7. Supply of goods from a place in the non-taxable territory to another place in the non-taxable territory without such goods entering into India.

 8. (a) Supply of warehoused goods to any person before clearance for home consumption.

 (b) Supply of goods by the consignee to any other person, by endorsement of documents of title to the goods, after the goods have been dispatched from the port of origin located outside India but before clearance for home consumption

कोनसी गतिविधियां या लेनदेन जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवाओं की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा ?

1.    एक कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को उसके रोजगार के दौरान या उसके संबंध में सेवाएं।

2.    किसी भी कानून के तहत स्थापित किसी भी अदालत या ट्रिब्यूनल द्वारा सेवाएं।

3.     

(a)  संसद सदस्यों, राज्य विधानमंडल के सदस्यों, पंचायतों के सदस्यों, नगर पालिकाओं के सदस्यों और अन्य स्थानीय प्राधिकरणों के सदस्यों द्वारा किए गए कार्य;

   (b) संविधान के प्रावधानों के अनुसरण में किसी भी पद को धारण करने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए कर्तव्य; या

   (c) केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा स्थापित निकाय में अध्यक्ष या सदस्य या निदेशक के रूप में किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए कर्तव्य और जिन्हें इस खंड के शुरू होने से पहले कर्मचारी के रूप में नहीं समझा जाता है।

4.     मृतक के परिवहन सहित अंतिम संस्कार, दफनाने, श्मशान या मुर्दाघर की| सेवाएं।.

1.     भूमि की बिक्री और, अनुसूची || के पैराग्राफ 5 (बी) के अधीन, भवन की बिक्री|

2.    लाटरी, सट्टे और जुए के अलावा कार्रवाई योग्य दावे।

3.    भारत में प्रवेश किए बिना गैर-कर योग्य क्षेत्र में एक स्थान से गैर-कर योग्य | | क्षेत्र में दूसरे स्थान पर माल की आपूर्ति।

4.     

(a)  घरेलू खपत के लिए मंजूरी से पहले किसी भी व्यक्ति को गोदाम में | रखे सामान की आपूर्ति। |

(b)  भारत के बाहर स्थित मूल बंदरगाह से माल भेजने के बाद, लेकिन घरेलू खपत के लिए निकासी से पहले, माल के शीर्षक के दस्तावेजों के समर्थन द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को माल की आपूर

What do you mean by Composite supply ?

v Consist of two or more supplies

v Naturally bundled

v In conjunction with each other

v One of which is principal supply

v Tax liability shall be rate of principal supply

Example: Charger supplied along with mobile phones

समग्र आपूर्ति किसे कहते है ?

समग्र आपूर्ति •दो या दो से अधिक आपूर्ति से मिलकर बनता है • स्वाभाविक रूप से बंडल • एक दूसरे के साथ संयोजन में •जिनमें से एक प्रमुख आपूर्ति है •कर देयता मूल आपूर्ति की दर होगी • उदाहरण: मोबाइल फोन के साथ दिया गया चार्जर।

What do you mean by mixed supply ?

•Consist of two or more supply •Not naturally bundled •Though can be supplied independently, still supplied together •Tax liability shall be the rate applicable to the supply that attracts highest rate of tax .

Example: A gift pack comprising of choclates, candies, sweets and balloons

मिश्रित आपूर्ति किसे कहते है ?

दो या दो से अधिक आपति से मिलकर बनता है •स्वाभाविक रूप से बंडल नहीं हालांकि स्वतंत्र रूप से आपूर्ति की जा सकती है, फिर भी एक साथ आपूर्ति की जा सकती

कर देयता उस आपूर्ति पर लागू दर होगी जो कर की उच्चतम दर को आकर्षित करती है।

 •उदाहरण: एक उपहार पैक जिसमें चॉकलेट, कैंडी, मिठाई और गुब्बारे शामिल हैं

Place of Supply माल का स्थान

GST is a destination-based consumption tax, i.e. the tax is levied on the consumption of supply at the destination thereof or at the point of consumption of such supply. 

जीएसटी एक गंतव्य-आधारित उपभोग कर है, अर्थात कर उसके गंतव्य पर आपूर्ति की खपत पर या ऐसी आपूर्ति की खपत के बिंदु पर लगाया जाता है। 'आपूर्ति का स्थान' उस स्थान को दर्शाता है जहाँ आपूर्ति की खपत होती है।

Question

Question and Answare

What is Place of supply where supply involves the movement of goods, whether by the supplier or the recipient or by any other person?

Location of the goods at the time at which, the movement of goods terminates for delivery to the recipient.

जहाँ आपूर्ति में माल की आवाजाही शामिल जिस पर है, चाहे आपूर्तिकर्ता या प्राप्तकर्ता द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा की जाये तो माल का स्थान क्या होता है ?

उस समय माल का स्थान जिस पर प्राप्तकर्ता को वितरण के लिए माल की या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आवाजाही समाप्त हो जाती है

Que What is Place of supply Where the goods are delivered to the recipient or any person on the direction of the third person by way of transfer of title or otherwise i.e in case of bill to ship to model ?

Principal place of business of such third person.

जहाँ माल प्राप्तकर्ता या किसी व्यक्ति को तीसरे व्यक्ति के निर्देश पर शीर्षक के प्रमुख स्थान हस्तांतरण के माध्यम से या अन्यथा वितरित किया जाता है तो माल का स्थान क्या होता है ?

ऐसे तीसरे व्यक्ति के व्यवसाय का प्रमुख स्थान.

What is Place of supply where there is no movement of goods either by supplier or recipient ?

Location of such goods at the time of delivery to the recipient.

जहाँ आपूर्तिकर्ता या प्राप्तकर्ता द्वारा माल की कोई आवाजाही नहीं होती है तो माल का स्थान क्या होता है ?

 प्राप्तकर्ता को वितरण के समय ऐसे माल का स्थान

What is Place of supply where goods are assembled or installed at site ?

Place where the goods are assembled or installed.

. जहाँ स्थल पर माल इकट्ठा या स्थापित किया जाता है तो माल का स्थान क्या होता है ?

वह स्थान जहाँ माल इकट्ठा या स्थापित किया जाता है

What is Place of supply in case of Immovable property related-services including accommodation in hotel/boat/vessel ?

Location at which the immovable property or boat or vessel is located or intended to be located.

If located outside India: Location of the recipient

If the immovable property or boat or vessel is located in more than one State than Each such State in proportion to the value of services provided in each State.

होटल/नाव/जहाज में आवास सहित अचल संपत्ति संबंधी सेवाओं में माल का स्थान क्या होता है ?

वह स्थान जहाँ अचल संपत्ति या नाव या जहाज स्थित है या स्थित होने का इरादा है ।

  यदि भारत के बाहर स्थित है: प्राप्तकर्ता का स्थान

यदि अचल संपत्ति या नाव या जहाज एक से अधिक राज्यों में स्थित है तो ऐसा प्रत्येक राज्य प्रत्येक राज्य में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के मूल्य के अनुपात में .

What is Place of supply in case of Restaurant and catering services, personal grooming, fitness, beauty treatment and health service ?

Location where the services are actually performed

रेस्तरां और खानपान सेवाएँ व्यक्तिगत सौंदर्य, फिटनेस, सौंदर्य उपचार और स्वास्थ्य सेवा में माल का स्थान क्या होता है ?.

स्थान जहाँसेवाएँ वास्तव में की जाती हैं .

What is Place of supply in case of Training and performance appraisal ?

B2B: Location of such registered person

B2C: Location where the services are actually performed

प्रशिक्षण और प्रदर्शन मूल्यांकन सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

B2C: वह स्थान जहाँ सेवाएँ वास्तव में निष्पादित की जाती हैं.

What is Place of supply in case of Admission to an event or amusement park ?

Place where the event is actually held or where the park or the other place is located

किसी कार्यक्रम या मनोरंजन पार्क में प्रवेश सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

वह स्थान जहाँ वास्तव में आयोजन होता है  या जहाँ पार्क या अन्य स्थान स्थित है

What is Place of supply in case of Organisation of an event including ancillary services and assigning of sponsorship to such events ?

Ans B2B: Location of such registered person

       B2C: Location where the event is actually held • If the event is held outside India: Location of the recipient.

If the event is held in more than one State (in cases of unregistered recipient) than Each such State in proportion to the value of services provided in each State

सहायक सेवाओं सहित किसी कार्यक्रम का आयोजन और ऐसे आयोजनों को प्रायोजन प्रदान करना सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

   B2C: वह स्थान जहाँ वास्तव में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है .

यदि कार्यक्रम भारत के बाहर आयोजित किया जाता है: प्राप्तकर्ता  का स्थान

यदि कार्यक्रम एक से अधिक राज्यों में आयोजित किया जाता हैं अपंजीकृत प्राप्तकर्ता के मामलों में

ऐसा प्रत्येक राज्य में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के मूल्य के अनुपात में

What is Place of supply in case of Transportation of goods, including mails or courier ?

B2B: Location of such registered person

 B2C: Location at which such goods are handed over for their transportation.

      If the goods are transported outside India: Location of the destination of goods

मेल या कूरियर सहित माल का परिवहन सेवा में माल का स्थान क्या होता है ?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

B2C: वह स्थान जहाँ ऐसे माल उनके परिवहन के लिए सौंपे जाते हैं

         यदि माल भारत से बाहर ले जाया जाता है  माल के गंतव्य का स्थान

What is Place of supply in case of Passenger transportation ?

B2B: Location of such registered person

 B2C: Place where the passenger embarks on the conveyance for a continuous journey

यात्री परिवहन सेवा में माल का स्थान क्या होता है ?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

B2C: वह स्थान जहाँ यात्री निरंतर यात्रा के लिए वाहन पर आता है

What is Place of supply in case of Services on board a conveyance ?

Location of the first scheduled point of departure of that conveyance for the journey.

एक वाहन पर सेवाएँ में माल का स्थान क्या होता है ?

यात्रा के लिए उस वाहन के प्रस्थान के पहले निर्धारित बिंदु का स्थान.

What is Place of supply in case of Banking and other financial services including stock broking ?

Location of the recipient of services in the records of the supplier

 Location of the supplier of services if the location of the recipient of services is not available.

स्टॉक ब्रोकिंग सहित बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाएँ में माल का स्थान क्या होता है ?

आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान

 सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान यदि सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान उपलब्ध नहीं है

What is Place of supply in case of Insurance service ?

B2B: Location of such registered person

B2C: Location of the recipient of services in the records of the supplier.

बीमा सेवाएँ में माल का स्थान क्या होता है ?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

B2C आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान

What is Place of supply in case of Advertisement services to the Government ?

Each of States/Union territory where the advertisement is broadcasted/displayed/

run/disseminated.

Proportionate value in case of multiple States.

सरकार को विज्ञापन सेवाएँ में माल का स्थान क्या होता है ?

प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र जहाँविज्ञापन प्रसारित/प्रदर्शित/चलाया/प्रसारित किया जाता है ।

   कई राज्यों के मामले में आनुपातिक

What is Place of supply in case of Telecommunication services ?

Services involving fixed line, leased and internet leased circuits, dish antenna etc: Location of such fixed equipment

Post-paid mobile/ internet services: Location of billing address of the recipient and if the same is not available, location of supplier.

Pre-paid mobile/ internet/DTH services provided:

• Through selling agent/reseller/distributor: Address of such selling agent/reseller/distributor in the records of supplier at the time of supply

 • By any person to final subscriber: Location where pre-payment is received or place of sale of vouchers

 • When payment made through electronic mode - Location of recipient in records of supplier

Other cases: Address of the recipient in the records of the supplier and if the same is not available, location of supplier

If the leased circuit is installed in more than one State Each such State in proportion to the value of services provided in each State

दूरसंचार सेवाएँ में माल का स्थान क्या होता है ?

फिक्स्ड लाइन, लीज और इंटरनेट लीज सर्किट, डिश एंटेना आदि से जुड़ी सेवाएँ: ऐसे फिक्स्ड उपकरण का स्थान

 पोस्ट-पेड मोबाइल/इंटरनेट सेवाएँ: प्राप्तकर्ता के बिलिंग पते का स्थान और यदि वह उपलब्ध नहीं है, तो आपूर्तिकर्ता का स्थान ।

प्रीपेड मोबाइल/इंटरनेट/डीटीएच सेवाएँप्रदान की गई

: • बिक्री एजेंट/पुनरविक्रेता/वितरक के माध्यम से: आपूर्ति के समय आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में ऐसे बिक्री

प्रतिनिधि पुनरविक्रेता/वितरक का पता

 

किसी भी व्यक्ति द्वारा अंतिम ग्राहक तक: वह स्थान जहाँ पूर्व भुगतान प्राप्त होता है या वाउचर की बिक्री का स्थान

जब इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भुगतान किया जाता है - आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में  प्राप्तकर्ता का स्थान ।

अन्य मामले: आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में प्राप्तकर्ता का पता और यदि वह उपलब्ध नहीं है, तो आपूर्तिकर्ता का स्थान

यदि पट्टे पर दिया गया परिपथ अधिक राज्यों में स्थापित ऐसा प्रत्येक राज्य प्रत्येक राज्य में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के मूल्य के अनुपात में

What is Place of Supply if service are other than specified service ?

B2B Location of such registered person

         B2C Where the address on record exists: Location of the recipient.

                  Other cases: Location of the supplier of services.

निर्दिष्ट सेवाओं के अलावा अन्य सेवाओं के लिए माल का स्थान क्या होता है ?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

 B2C आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान

  सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान यदि सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान उपलब्ध नहीं है

 

What is general/ Default rule of Place of supply ?

B2B Location of such registered person

 B2C Where the address on record exists: Location of the recipient.

    Other cases: Location of the supplier of services.

निर्दिष्ट सेवाओं के अलावा अन्य सेवाओं के लिए माल का स्थान क्या होता है ?

B2B: ऐसे पंजीकृत व्यक्ति का स्थान

 B2C आपूर्तिकर्ता के अभिलेख में सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान

          सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान यदि सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान उपलब्ध नहीं है

Place of supply in case of where location of supplier OR location of recipient is outside India सेवाओं की आपूर्ति का स्थान जहाँ आपूर्तिकर्ता का स्थान या प्राप्तकर्ता का स्थान भारत से बाहर है माल का स्थान

Below provisions are not applicable in case of goods that are temporarily imported into India for repairs/treatment/any process and exported after such repairs/treatment/any process without being put to any other use in India.

नीचे दिए गए  प्रावधान उन सामानों के मामले में लागू नहीं होते हैं जिन्हें भारत में मरम्मत/उपचार/किसी भी प्रक्रिया के लिए अस्थायी रूप से आयात किया जाता है और भारत में किसी अन्य उपयोग के बिना ऐसी मरम्मत/उपचार किसी भी प्रक्रिया के बाद निर्यात किया जाता है

Question

Question and Answare

1. If Services supplied in respect of goods which are required to be made physically available ?

Location where the services are actually performed

यदि भौतिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक वस्तुओं के संबंध में आपूर्ति की जाने वाली सेवाएँ हो ?

स्थान जहाँसेवाएँ वास्तव में की जाती हैं

2. If Services supplied in respect of goods but from a remote location by way of electronic means ?

Location where the goods are situated at the time of supply of services

यदि माल के संबंध में आपूर्ति की गई सेवाएँ लेकिन इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूरस्थ स्थान से दी गयी हो ?

वह स्थान जहाँ सेवाओं की आपूर्ति के समय माल स्थित है

3. What If Services which require the physical presence of the recipient or the person acting on his behalf with the supplier of services ?

Location where the services are actually performed.

4. यदि ऐसी सेवाएँ हो जिनके लिए सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के साथ प्राप्तकर्ता या उसकी ओर से कार्य करने वाले व्यक्ति की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता होती है ?

स्थान जहाँसेवाएँ वास्तव में की जाती हैं

5. If Service supplied directly in relation to an immovable property including accommodation in hotel, boat, vessel ?

Place where the immovable property is located or intended to be located .

यदि होटल, नाव, जहाज में आवास सहित अचल संपत्ति के संबंध में सीधे आपूर्ति की गई सेवा हो ?

वह स्थान जहाँअचल संपत्ति  स्थित है या स्थित होने का इरादा है

What is Place of supply in case of Admission to an event or amusement park ?

Place where the event is actually held or where the park or the other place is located.

किसी कार्यक्रम या मनोरंजन पार्क में प्रवेश सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

वह स्थान जहाँ वास्तव में आयोजन होता है  या जहाँ पार्क या अन्य स्थान स्थित है

What is Place of supply in case of if above services provided At more than one location, including a location in the taxable territory ?

Location in the taxable territory

कर योग्य क्षेत्र में एक स्थान सहित एक से अधिक स्थानों पर हो?

कर योग्य क्षेत्र में स्थान

What is Place of supply in case of Services supplied by a banking company, or a financial institution, or a NBFC to account holders, Intermediary services, Services consisting of hiring of means of transport, including yachts but excluding aircrafts and vessels, up to a period of one month ?

Location of the supplier of services

वित्तीय संस्थान, या एनबीएफसी दवारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ , मध्यस्थ सेवाएँ , सेवाओं में नौकाओं सहित परिवहन के | साधन किराए पर लेना शामिल है, लेकिन एक महीने की अवधि तक विमान और जहाजों को छोड़कर सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान

What is Place of supply in case of Transportation of goods, other than by way of mail or courier ?

Place of destination of such goods.

माल का परिवहन, मेल या कुरियर से भिन्न में माल का स्थान क्या होता है?

ऐसे माल का गंतव्य स्थान माध्यम

What is Place of supply in case of Passenger transportation ? Place where the passenger embarks on the conveyance for a continuous journey .?

Place where the passenger embarks on the conveyance for a continuous journey .

यात्री परिवहन सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

वह स्थान जहाँ यात्री निरंतर यात्रा के लिए वाहन पर चढ़ता है .

What is Place of supply in case of Services provided on-board a conveyance ?

First scheduled point of departure of that conveyance for the journey.

एक वाहन पर ऑन-बोर्ड प्रदान की जाने वाली सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

यात्रा के लिए उस वाहन के प्रस्थान का पहला निर्धारित बिंदु

What is Place of supply in case of Online information and database access or retrieval services ?

Location of recipient of service.

ऑनलाइन सूचना और डेटाबेस पहुंच या पुनर्माप्ति सेवा में माल का स्थान क्या होता है?

 सेवा प्राप्त करने वाले का स्थान

TDS provision for TDS on interest on securities प्रतिभूतियों पर ब्याज पर टीडीएस के लिए टीडीएस प्रावधान

Section - 193

 Payer – Any person

  Payee – Resident person

  Rate – 10%

Ø       Addition points

No TDS if interest is paid:

ü       For Debenture issued by a public company to Individual/HUF if interest does  not excee 5,000 during the PY and the same is paid by a/c payee cheque.

    ü  To LIC, GIC or other insurers.

ü             Listed D-MAT Securities.

    ü  To Individual on 4.25% National Defence Bonds, 1972 or 4.25% National     Defence Loans, 1968 or 4.75% National Defence Loan, 1972.

ü       National Development Bonds.

ü        7 Year National Savings Certificate (IV-Issue).

ü        54EC Capital Gains Bonds issued by Power Finance Corp. Ltd. or Indian Railway Finance Corp. Ltd.

ü        Individual holding 6.5% Gold Bonds, 1977 or 7% Gold Bonds, 1980 provided that the nominal value of bonds does not exceed 10,000.

ü      On Govt. Security [exception- interest on 8% Savings (Taxable) Bonds, 2003 or 7.75% Savings (Taxable) Bonds, 2018, if interest is more than 10,000 during the PY then TDS applicable]

धारा -193

 भुगतानकर्ता - कोई भी व्यक्ति

 आदाता - निवासी व्यक्ति

 दर – 10%

 

ü      एक सार्वजनिक कंपनी द्वारा व्यक्ति/एचयूएफ को जारी किए गए डिबेंचर के लिए यदि ब्याज पीवाई के दौरान 5,000 से अधिक नहीं होता है और इसका भुगतान ए/सी पेयी चेक द्वारा किया जाता है।

ü     एलआईसी, जीआईसी या अन्य बीमा कंपनियों के लिए।

ü       सूचीबद्ध डी-मैट सिक्योरिटीज।

ü       4.25% राष्ट्रीय रक्षा बांड, 1972 या 4.25% राष्ट्रीय रक्षा ऋण, 1968 या 4.75% राष्ट्रीय रक्षा ऋण, 1972 पर व्यक्ति के लिए।

ü       राष्ट्रीय विकास बांड।

ü  7 साल का राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (IV-अंक)।

ü      पावर फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड या इंडियन रेलवे फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा जारी 54EC पूंजीगत लाभ बांड।

ü      6.5% गोल्ड बॉन्ड, 1977 या 7% गोल्ड बॉन्ड, 1980 रखने वाले व्यक्ति बशर्ते कि बॉन्ड का नाममात्र मूल्य 10,000 से अधिक न हो।

ü      सरकार पर। सुरक्षा [अपवाद- 8% बचत (कर योग्य) बांड, 2003 या 7.75% बचत (कर योग्य) बांड, 2018 पर ब्याज, यदि ब्याज पीवाई के दौरान 10,000 से अधिक है तो टीडीएस लागू)

Question

Question and Answare

What is rate of TDS on interest on securities?

TDS rate on interest on securities is 10%.

प्रतिभूतियों पर ब्याज पर टीडीएस की दर क्या है?

प्रतिभूतियों पर ब्याज पर टीडीएस की दर 10% है।

TDS provision for payment to NR sports person Association / entertainer एनआर स्पोर्ट्स पर्सन एसोसिएशन / एंटरटेनर को भुगतान का प्रावधान

Section - 194E

Payer – Any person

Payee – NR Sport person or NR entertainer (who is not a citizen of India ) or NR sport association.

Rate – 20.8% (20% + HEC @4)

 

1. Income received by NR sportsmen (who is not a citizen of India) by way of;

ü  Paticipation in any game or sport in India.

v  Advertisement.

v  Contribution of article is newspapers, magazines, journals relating to game or sports in india.

2.Guarantee income received by NR sports association or institution in relation to any game or sports played in India.

3. Income received for performing in India by NR entertainer (who is not a citizen of India.)

 

Section - 194E

भुगतानकर्ता - कोई भी व्यक्ति

प्राप्तकर्ता - एनआर स्पोर्ट पर्सन या एनआर एंटरटेनर (जो भारत का नागरिक नहीं है) या एनआर स्पोर्ट एसोसिएशन।

दर - 20.8% (20% + एचईसी @4)

1. एनआर खिलाड़ियों (जो भारत का नागरिक नहीं है) द्वारा प्राप्त आय;

ü   भारत में किसी भी खेल या खेल में भाग लेना।

ü  विज्ञापन।

ü   लेख का योगदान भारत में खेल या खेल से संबंधित समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पत्रिकाएं हैं।

2. भारत में खेले जाने वाले किसी भी खेल या खेल के संबंध में एनआर स्पोर्ट्स एसोसिएशन या संस्था द्वारा प्राप्त आय की गारंटी।

3. एनआर एंटरटेनर (जो भारत का नागरिक नहीं है) द्वारा भारत में प्रदर्शन करने के लिए प्राप्त आय।

 

 

 

Question

Question and Answare

What is rate of payment to NR sports person Association / entertainer?

Payment to NR sports person  Association / entertainer rate  20.8%(20%+HEC@4)

एनआर स्पोर्ट्स पर्सन एसोसिएशन / एंटरटेनर को भुगतान की दर क्या है?

एनआर स्पोर्ट्स पर्सन एसोसिएशन / एंटरटेनर रेट को भुगतान 20.8%(20%+HEC@4)

TDS provision for commission on sale of lottery tickets लॉटरी टिकटों की बिक्री पर कमीशन का प्रावधान

payer – Any Person

Payee – Any Person

Rate – 5%

1.     No TDS  If commission is up to 15,000 in FY.

2.    Assessee was a lottery ticket seller. Assessee won lottery from unsold tickets.

Assessee contended that it was professional income and therefore income was taxable at normal rate and and NOT  30% u/s. 115BB. Held, the head in which the income is assessed is irrelevant.

Although the income may be professional income same is taxable @ 30%.

भुगतानकर्ता - कोई भी व्यक्ति

प्राप्तकर्ता - कोई भी व्यक्ति

दर 5%

1. कोई टीडीएस नहीं अगर कमीशन वित्त वर्ष में 15,000 तक है।

2. निर्धारिती एक लॉटरी टिकट विक्रेता था। निर्धारिती ने बिना बिके टिकटों से लॉटरी जीती।

निर्धारिती ने तर्क दिया कि यह पेशेवर आय थी और इसलिए आय सामान्य दर पर कर योग्य थी और धारा के तहत 30% नहीं। 115बीबी। माना, जिस मद में आय का आकलन किया जाता है वह अप्रासंगिक है।

हालांकि आय पेशेवर आय हो सकती है, लेकिन 30% की दर से कर योग्य है।

 

Question

Question and Answare

What is rate for commission on sale of lottery tickets ?

Commission on sale of lottery tickets rate 5%

लॉटरी टिकटों की बिक्री पर कमीशन की दर क्या है?

लॉटरी टिकटों की बिक्री पर कमीशन दर 5%

TDS provision for commission brokerage कमीशन ब्रोकरेज के लिए टीडीएस प्रावधान

payer – Any person other than Individual & HUF [Ind /HUF required to deduct TDS if last year T/O   >1 cr in case of business or G/R> 50 lakhs in case of profession] 

Payee – Resident person    

Rate – 5%


1.      No TDS if commission or brokerage is upto 15,000 in FY.

2.      NO TDS on payment by BSNL Or MTNL to their public call office franchises

3.      No TDS if commission or brokerage related to security like commission to underwriter, brokerage on public issue ect.

भुगतानकर्ता - व्यक्ति और एचयूएफ के अलावा कोई भी व्यक्ति [इंड/एचयूएफ को टीडीएस काटने की आवश्यकता है यदि पिछले वर्ष व्यापार के मामले में टी/ओ >1 करोड़ या पेशे के मामले में जी/आर> 50 लाख]

आदाता - निवासी व्यक्ति

दर - 5%

1. वित्त वर्ष में कमीशन या ब्रोकरेज 15,000 रुपये तक होने पर कोई टीडीएस नहीं।

2. बीएसएनएल या एमटीएनएल द्वारा अपने पब्लिक कॉल ऑफिस फ्रेंचाइजी को भुगतान पर कोई टीडीएस नहीं

3. कोई टीडीएस नहीं अगर सुरक्षा से संबंधित कमीशन या दलाली जैसे अंडरराइटर को कमीशन, पब्लिक  इश्यू पर ब्रोकरेज आदि।

Question

Question and Answare

What is rate for commission brokerage ?

Commission brokerage rate 5%

कमीशन ब्रोकरेज के लिए दर क्या है?

कमीशन ब्रोकरेज दर 5%

TDS provision for , fees for professional service (FPS) , fees for technical services (FTS), Remuneration to directors , Royalty ,Non-compete fees (NCF). पेशेवर सेवा (एफपीएस) के लिए टीडीएस प्रावधान, तकनीकी सेवाओं के लिए शुल्क (एफटीएस), निदेशकों को पारिश्रमिक, रॉयल्टी, गैर-प्रतिस्पर्धी शुल्क (एनसीएफ)।

Section – 194J

 Payer  - any person other than Individual & HUF[ind/HUF required to deduct TDS, if last year T/O >1cr in case of business or G/R >50 lakhs in case of profession]

Payee – Resident person

Rate – 10%( reffer point)

1.      In following cases TDS rate is 2% instead of 10%

Ø  Payment to any call centre.

Ø  Fees for Technical service (not being professional service.)

Ø  Royalty paid for sale distribution or exhibition of cinematographic film.

2.      No TDS if amount is upto 30,000 limit of 30,000 pa is applicable separately for each nature of payment (i.e 30,000 each for FPS, FTS Royalty , Non –compete) no limit for for director fees (TDS to be deducted mandatorily.)

3.      No TDS on FPS by Individual /HUF if made exclusively for personal purposes.

4.      Individual /HUF , if last year T/O 1cr or GR>50 lakhs, are required to deduct TDS only from FPS and FTS. No need to deduct TDS on royalty or NCF even last year TO/GR more then prescribed limit.

5.      CBDT Notification ; Payments made to sportsperson, sports columnist, umpire commentator, referee, physiotherapist team physician anchor event manger will also be regarded as FPS and  accordingly be liable to TDS u/s 194J.

6.      Consideration paid for acquisition of software falls within the definition of royalty and hence, would be liable for TDS U/S 194J  However, no TDS would be attracted in cases of subsequent transfers if the transfer is made without any modification and TDS has already been deducted u/s 194J or 195 in the earlier transfers & transferor submit declaration along with PAN for same.

7.      CBDT circular : Third party administrators (TPA) making payments on behalf of insurance companies to hospitals for settlement of medical / insurance claims etc. are liable to deduct TDS u/s 194J.

Section – 194J

भुगतानकर्ता - व्यक्ति और एचयूएफ के अलावा कोई भी व्यक्ति [इंड/एचयूएफ टीडीएस काटने के लिए आवश्यक है, यदि पिछले वर्ष टी/ओ > व्यवसाय के मामले में 1 करोड़ या पेशे के मामले में जी/आर > 50 लाख]

आदाता - निवासी व्यक्ति

दर - 10% (रेफर पॉइंट)

1. निम्नलिखित मामलों में टीडीएस दर 10% के बजाय 2% है

किसी भी कॉल सेंटर को भुगतान।

तकनीकी सेवा के लिए शुल्क (पेशेवर सेवा नहीं है।)

सिनेमैटोग्राफिक फिल्म के बिक्री वितरण या प्रदर्शन के लिए भुगतान की गई रॉयल्टी।

2. कोई टीडीएस नहीं यदि राशि 30,000 तक है तो 30,000 प्रति वर्ष की सीमा भुगतान की प्रत्येक प्रकृति के लिए अलग से लागू होती है (यानी प्रत्येक एफपीएस, एफटीएस रॉयल्टी, गैर-प्रतिस्पर्धी के लिए 30,000) निदेशक शुल्क के लिए कोई सीमा नहीं है (टीडीएस अनिवार्य रूप से काटा जाना है।)

3. व्यक्ति / एचयूएफ द्वारा एफपीएस पर कोई टीडीएस नहीं अगर विशेष रूप से व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए बनाया गया हो।

4. व्यक्ति/एचयूएफ, यदि पिछले वर्ष टी/ओ 1 करोड़ या जीआर> 50 लाख, केवल एफपीएस और एफटीएस से टीडीएस काटने की आवश्यकता है। पिछले साल भी रॉयल्टी या एनसीएफ पर टीडीएस काटने की जरूरत नहीं टीओ/जीआर निर्धारित सीमा से अधिक है।


5. सीबीडीटी अधिसूचना; खिलाड़ी, खेल स्तंभकार, अंपायर कमेंटेटर, रेफरी, फिजियोथेरेपिस्ट टीम फिजिशियन एंकर इवेंट मैनेजर को किए गए भुगतान को भी एफपीएस माना जाएगा और तदनुसार धारा 194जे के तहत टीडीएस के लिए उत्तरदायी होगा।

6. सॉफ़्टवेयर के अधिग्रहण के लिए भुगतान किया गया प्रतिफल रॉयल्टी की परिभाषा के अंतर्गत आता है और इसलिए, धारा 194जे के तहत टीडीएस के लिए उत्तरदायी होगा, हालांकि, बाद के हस्तांतरण के मामलों में कोई टीडीएस नहीं लगेगा यदि स्थानांतरण बिना किसी संशोधन के किया गया है और टीडीएस पहले से ही है पूर्व के हस्तांतरणों में धारा 194जे या 195 के तहत कटौती की गई है और हस्तांतरणकर्ता उसी के लिए पैन के साथ घोषणा प्रस्तुत करता है।

 7. सीबीडीटी परिपत्र: चिकित्सा/बीमा दावों आदि के निपटान के लिए अस्पतालों को बीमा कंपनियों की ओर से भुगतान करने वाले तीसरे पक्ष के प्रशासक (टीपीए) धारा 194जे के तहत टीडीएस काटने के लिए उत्तरदायी हैं।

Question

Question and Answare

What is rate of TDS on (a) fees for professional service ?

TDS on  (a) fees for professional service rate 10%

(ए) पेशेवर सेवा के लिए फीस पर टीडीएस की दर क्या है?

टीडीएस ऑन (ए) पेशेवर सेवा दर के लिए शुल्क 10%

TDS provision for E- commerce (sale of goods/ service) ई-कॉमर्स (माल/सेवा की बिक्री) के लिए टीडीएस प्रावधान

Section -194-O

Payer – any person ( E-com. Operator who owns, operate or manage E-facility or platform) example  – amazon, flip kart ect.

Payee – Resident person (E –com. Participant who selling goods or service through E-com. Operator facility or platform)

Rate – 1%( gross amount of sale i.e price collected from customer by e-com. Operator)

1.      No TDS if ALL the following conditions are satisfied:

« The e-com. Participant is an Ind or HUF.

The gross amount of such sale or services or both during the PY upto * 5 lakh.

The e-com. participant has furnished his PAN or Aadhaar to the e-com. operator.

2.      Any payment made by a purchaser of goods or services directly to an e-com. participant but sale facilitated by e-com. operator, shall deemed to be the amount paid/credited by e-com, operator to e-com. participant and shall be included in gross amount for the purpose of TDS.

3.      If TDS deducted u/s 194-0 (or not deductible due to 5 lakhs limit), TDS cannot be deductible under any other section. However this rule is not applicable if amount received by e-commerce operator for hosting advertisement or providing any other services which are not related to sale of goods/services.

4.      This section include sale of goods as well as service and service includes fees for professional and technical service also. If any professional service or technical service provided through online mode then this section applicable.

 

Section -194-O

  भुगतानकर्ता - कोई भी व्यक्ति (ई-कॉम। ऑपरेटर जो ई-सुविधा या प्लेटफॉर्म का मालिक, संचालन     या प्रबंधन करता है) उदाहरण - अमेज़ॅन, फ्लिप कार्ट इत्यादि।

 प्राप्तकर्ता - निवासी व्यक्ति (ई-कॉम। प्रतिभागी जो ई-कॉम के माध्यम से सामान या सेवा बेचता  है। ऑपरेटर सुविधा या प्लेटफॉर्म)

 दर - 1% (बिक्री की सकल राशि यानी ई-कॉम ऑपरेटर द्वारा ग्राहक से एकत्र की गई कीमत

 1. कोई टीडीएस नहीं यदि निम्नलिखित सभी शर्तें पूरी होती हैं:

  « ई-कॉम। प्रतिभागी एक इंडस्ट्रीज़ या एचयूएफ है।

 पीवाई के दौरान ऐसी बिक्री या सेवाओं या दोनों की सकल राशि 5 लाख तक।

 ई-कॉम। प्रतिभागी ने ई-कॉम को अपना पैन या आधार प्रस्तुत किया है। ऑपरेटर।

  2. सामान या सेवाओं के खरीदार द्वारा सीधे ई-कॉम को किया गया कोई भी भुगतान। प्रतिभागी लेकिन ई-कॉम द्वारा बिक्री की सुविधा। ऑपरेटर, ई-कॉम, ऑपरेटर द्वारा ई-कॉम को भुगतान/क्रेडिट की गई राशि मानी जाएगी। प्रतिभागी और टीडीएस के प्रयोजन के लिए सकल राशि में शामिल किया जाएगा।

 3. अगर धारा 194-0 के तहत टीडीएस काटा जाता है (या 5 लाख की सीमा के कारण कटौती योग्य नहीं है), टीडीएस किसी अन्य धारा के तहत कटौती योग्य नहीं हो सकता है। हालांकि यह नियम लागू नहीं होता है यदि ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा विज्ञापन की मेजबानी या ऐसी कोई अन्य सेवा प्रदान करने के लिए प्राप्त राशि जो माल/सेवाओं की बिक्री से संबंधित नहीं है।

 4. इस खंड में माल की बिक्री के साथ-साथ सेवा भी शामिल है और सेवा में पेशेवर और तकनीकी सेवा के लिए शुल्क भी शामिल है। यदि कोई पेशेवर सेवा या तकनीकी सेवा ऑनलाइन मोड के माध्यम से प्रदान की जाती है तो यह खंड लागू होता है। 

Question

Question and Answare

What is rate of TDS on E- commerce (sale of goods/ service)?

TDS rate on E- commerce (sale of goods/ service) 1% Gross amount of sale price

ई-कॉमर्स (माल/सेवा की बिक्री) पर टीडीएस की दर क्या है?

ई-कॉमर्स (माल/सेवा की बिक्री) पर टीडीएस दर बिक्री मूल्य की 1% सकल राशि

Capital Gains पूंजीगत लाभ

.

.

Question

Question and Answare

When income taxable under capital gain ?

If there is a Transfer of Capital Asset during the Previous Year, then Gains/Profit on such transfer is taxable under the head capital Gains. ( Short term & Long term ) then

in the Previous year in which Transfer took place

पूंजीगत लाभ के तहत आय कब कर योग्य होती है?

यदि पिछले वर्ष के दौरान पूंजीगत संपत्ति का स्थानांतरण हुआ है, तो इस तरह के हस्तांतरण पर लाभ/लाभ पूंजीगत लाभ के तहत कर योग्य है। (शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म) तब

पिछले वर्ष में जिसमें स्थानांतरण हुआ था

What is the meaning of Transfer under capital gain ?

TRANSFER INCLUDES section 2(47) :

  1. Sale, Exchange Relinquishment of Asset
  2. Extinguishment of any right
  3. Transfer which has effect of Transferring/enabling the enjoyment of immovable property than Eg:. Becoming member of Housing co-operative society/ company and getting possession of House on paying consideration
  4. Compulsory Acquisition of property
  5. Conversion of Capital Asset into stock in Trade
  6. Redemption/ Maturity of Zero Coupon Bond
  7. Giving possession of an immovable property for consideration in part performance of contract.

 

कैपिटल गेन के तहत ट्रांसफर का क्या मतलब है?

स्थानांतरण में धारा 2(47) शामिल है:
1. संपत्ति की बिक्री, विनिमय त्याग
2. किसी अधिकार का निर्वापन
3. स्थानांतरण जो अचल संपत्ति के आनंद को स्थानांतरित करने/सक्षम करने का प्रभाव है जैसे:। आवासीय सहकारी समिति/कम्पनी का सदस्य बनना एवं प्रतिफल देने पर मकान का कब्जा प्राप्त करना
4. संपत्ति का अनिवार्य अधिग्रहण
5. व्यापार में पूंजीगत संपत्ति का स्टॉक में रूपांतरण
6. जीरो कूपन बांड का मोचन/परिपक्वता
7. अनुबंध के भाग निष्पादन में प्रतिफल के लिए अचल संपत्ति का कब्जा देना।

When Capital Gains is taxable under Income Tax ?

Generally, Capital Gains is chargeable in the year in Which Transfer Takes place, than But in these 4 cases, Year of Changeability is different from Year of Transfer

Exceptions to sec 45(1) :

  1. Conversion of capital Asset into stock in Trade
  2. Compulsory Acquisition of asset
  3. Insurance claims for Damage or Destruction of capital Asset
  4. Joint Development Agreement

Taxability:

1.     Year in which stock is sold

2.     Year in which compensation is received

3.     Year in which Insurance claim is received

4.     Year in which CC is issued by competent Authority

आयकर के तहत पूंजीगत लाभ कब कर योग्य होता है?

आम तौर पर, पूंजीगत लाभ उस वर्ष में प्रभार्य होता है जिसमें स्थानांतरण होता है, लेकिन इन 4 मामलों में, परिवर्तनशीलता का वर्ष स्थानांतरण के वर्ष से भिन्न होता है

धारा 45(1) के अपवाद :

व्यापार में स्टॉक में पूंजीगत संपत्ति का रूपांतरण
संपत्ति का अनिवार्य अधिग्रहण
पूंजीगत संपत्ति की क्षति या विनाश के लिए बीमा दावा
संयुक्त विकास समझौता
करदेयता:

1. वर्ष जिसमें स्टॉक बेचा जाता है

2. वर्ष जिसमें मुआवजा प्राप्त हुआ हो

3. वह वर्ष जिसमें बीमा दावा प्राप्त हुआ हो

4. वर्ष जिसमें सक्षम प्राधिकारी द्वारा सी.सी. जारी किया जाता है

When Capital Gains is taxable under Income Tax in case of Conversion of capital Asset into stock in Trade ?

Capital Asset into Stock in Trade

  1. Year of Calculating Capital Gain & applying Indexation =Year of conversion
  2. Year of Taxability =Year in which Stock in Trade is sold

 

पूंजीगत संपत्ति के व्यापार में स्टॉक में रूपांतरण के मामले में आयकर के तहत पूंजीगत लाभ कब कर योग्य है?

व्यापार में स्टॉक में पूंजीगत संपत्ति
1. कैपिटल गेन की गणना और इंडेक्सेशन लागू करने का वर्ष = रूपांतरण का वर्ष
2. करदेयता का वर्ष = वह वर्ष जिसमें व्यापार में स्टॉक बेचा जाता है

How much amount taxable under Capital Gain in case of Conversion of capital Asset into stock in Trade ?

Capital Gain :

FVOC = Fair market value on conversion date minus(-) Cost of Acquisition/ICost of Acquisition = cost of Acquisition 

= Capital Gain= xxx

By applying Indexation of year of conversion

व्यापार में स्टॉक में पूंजीगत संपत्ति के रूपांतरण के मामले में पूंजीगत लाभ के तहत कितनी राशि कर योग्य है?

पूंजी लाभ :

FVOC = रूपांतरण तिथि पर उचित बाजार मूल्य घटा (-) अधिग्रहण की लागत/अधिग्रहण की लागत = अधिग्रहण की लागत

= पूंजीगत लाभ = XXX

परिवर्तन के वर्ष का सूचीकरण लागू करके

How much amount taxable as Business income in case of Conversion of capital Asset into stock in Trade ?

PGBP Income :

Sale Value= Sale Price

minus(-)  Cost = Fair market value

= PGBP Income

Conclusion: In the year when stock in Trade is Sold, 2 Incomes will be taxable:. PGBP & Capital Gain

व्यापार में स्टॉक में पूंजीगत संपत्ति के रूपांतरण के मामले में व्यापार आय के रूप में कितनी राशि कर योग्य है?

पीजीबीपी आय :

बिक्री मूल्य = बिक्री मूल्य

ऋण (-) लागत = उचित बाजार मूल्य

= पीजीबीपी आय

निष्कर्ष: उस वर्ष जब व्यापार में स्टॉक बेचा जाता है, 2 आय कर योग्य होगी:। पीजीबीपी और पूंजीगत लाभ

How much amount taxable under Capital Gain in case of compulsory acquisition of capital Asset ?

In case of  Initial Compensation :

  1. Full value of consideration   i.e. compensation amount minus (cost of acquisition or index cost of acquisition + COST OF improvement OR Index cost of improvement)

In case of Enhanced Compensation :

1.     Full value of consideration i.e.  Enhanced compensation amount minus Litigation expenses

 

पूंजीगत संपत्ति के अनिवार्य अधिग्रहण के मामले में पूंजीगत लाभ के तहत कितनी राशि कर योग्य है?

प्रारंभिक मुआवजे के मामले में :

विचार का पूरा मूल्य यानी मुआवजे की राशि माइनस (अधिग्रहण की लागत या अधिग्रहण की सूचकांक लागत + सुधार की लागत या सुधार की सूचकांक लागत)
बढ़े हुए मुआवजे के मामले में:

1. विचार का पूरा मूल्य यानी बढ़ी हुई मुआवजा राशि माइनस लिटिगेशन खर्च

How much amount taxable under Capital Gain in case of compulsory acquisition if Compensation is received in Instalments ?

  1.  In case of  Initial Compensation :   Full Amount is taxable when first Installment was Received.
  2. In case of Enhanced Compensation :  Taxable in the respective years when different Installments are received Taxable in the year

 

यदि किस्तों में मुआवजा प्राप्त होता है तो अनिवार्य अधिग्रहण के मामले में पूंजीगत लाभ के तहत कितनी राशि कर योग्य है?

1. प्रारंभिक मुआवजे के मामले में: पहली किश्त प्राप्त होने पर पूरी राशि कर योग्य होती है।
2. बढ़े हुए मुआवजे के मामले में: संबंधित वर्षों में कर योग्य जब विभिन्न किश्तें वर्ष में कर योग्य प्राप्त होती हैं

How much amount taxable under Capital Gain in case of compulsory acquisition if Enhanced Compensation received due to interim order of Court ?

Taxable in the year  when Final Order is Passed.

 If Initial Compensation :

a)    LTCG → Enhanced - LTCG

b)    STCG → Enhanced- STCG

न्यायालय के अंतरिम आदेश के कारण बढ़ा हुआ मुआवजा प्राप्त होने पर अनिवार्य अधिग्रहण के मामले में पूंजीगत लाभ के तहत कितनी राशि कर योग्य है?

अंतिम आदेश पारित होने वाले वर्ष में कर योग्य।

 यदि प्रारंभिक मुआवजा :

क) एलटीसीजी → संवर्धित - एलटीसीजी

बी) एसटीसीजी → उन्नत- एसटीसीजी

What is taxability if interest received on delay of compensation ?

Interest received on delay of compensation - Taxable under IFOS & 50% deduction is allowed u/s 57.

करदेयता क्या है यदि मुआवजे में देरी पर प्राप्त ब्याज?

मुआवजे में देरी पर प्राप्त ब्याज - IFOS के तहत कर योग्य और धारा 57 के तहत 50% कटौती की अनुमति है।

What is the provision if compulsory Acq. of urban Agriculture land ?

For Ind/HUF, Compulsory Acq. of urban Agriculture land - Fully Exempt u/s 10(37) than

If such land is used by him/ his parents/HUF for Agri. purpose in preceding 2 years before Transfer.

क्या है प्रावधान अगर अनिवार्य ए.सी. शहरी कृषि भूमि की?

इंडस्ट्रीज़/एचयूएफ के लिए, अनिवार्य Acq। शहरी कृषि भूमि की - धारा 10(37) के तहत पूरी तरह से छूट
यदि ऐसी भूमि का उपयोग उसके/उसके माता-पिता/एचयूएफ द्वारा कृषि के लिए किया जाता है। स्थानांतरण से पहले 2 साल पहले का उद्देश्य।

What is the provision if Insurance Claims for Damage or Destruction of Capital Asset ?

When Cap. Asset is  Damaged due to : Fire, Flood, Earthquake, Tsunami, Riot, Civil Disturbance.

  1. year of Calculating Capital Gains and applying Indexation = Year of compulsory Acquisition
  2. Year of Taxability = Year in which Compensation is received

यदि पूंजीगत संपत्ति के नुकसान या विनाश के लिए बीमा दावा करता है तो क्या प्रावधान है?

जब कैप। संपत्ति को नुकसान हुआ है: आग, बाढ़, भूकंप, सुनामी, दंगा, नागरिक गड़बड़ी।

पूंजीगत लाभ की गणना और इंडेक्सेशन लागू करने का वर्ष = अनिवार्य अधिग्रहण का वर्ष
करदेयता का वर्ष = वह वर्ष जिसमें मुआवजा प्राप्त हुआ

What is the provision of Capital Gains in case of Joint Development Agreement ?

Assessee : Individual/HUF

  1. Year of Calculating Capital Gains  and applying Indexation is Year in which possession is Transferred in JDA
  2. Year of Taxability is Year in which completion Certificate is issued by competent Authority.
  3. FVOC= Stamp Duty value of share in Project on the date of issue completion certificate + any amt. received

संयुक्त विकास समझौते के मामले में पूंजीगत लाभ का क्या प्रावधान है?

निर्धारिती : व्यक्ति/एचयूएफ
1. पूंजीगत लाभ की गणना और इंडेक्सेशन लागू करने का वर्ष वह वर्ष है जिसमें जेडीए में कब्जा हस्तांतरित किया जाता है
2. करदेयता का वर्ष वह वर्ष है जिसमें सक्षम प्राधिकारी द्वारा पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
3. एफवीओसी = पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि पर परियोजना में शेयर का स्टाम्प शुल्क मूल्य + कोई भी राशि। प्राप्त

How to Computation SHORT TERM CAPITAL GAIN in Section 48 ?

SHORT TERM CAPITAL GAIN-

Full Value of Consideration                            xxx

Less Transfer Expenses                                (xxx)

Net Sale Consideration                        =        xxx

Less Cost of Acquisition                                (xxx)

Less  Cost of Improvement                                      (xxx)

Short Term Capital Gain/(loss)            =        xxx

(STT not allowed in Transfer Expenses)

2nd Proviso to Section 48 INDEXATION : CII For F.Y. 01-02 - 100 For F.Y. 22-23 - 331 If Asset is purchased before 1.4.2001. CII will be 100

 

सेक्शन 48 में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की गणना कैसे करें?

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन-

प्रतिफल का पूरा मूल्य =  XXX

कम अंतरण व्यय  = (xxx)

शुद्ध बिक्री प्रतिफल = xxx

अधिग्रहण की कम लागत (xxx)

सुधार की कम लागत (xxx)

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/(हानि) = XXX

(हस्तांतरण व्यय में एसटीटी की अनुमति नहीं है)

धारा 48 इंडेक्सेशन का दूसरा प्रावधान: वित्तीय वर्ष के लिए सीआईआई। 01-02 - 100 वित्तीय वर्ष के लिए 22-23 - 331 अगर संपत्ति 1.4.2001 से पहले खरीदी गई है। सीआईआई 100 होगा

Which case Indexation is not available ?

Some cases indexation is not available -

  1. Slump Sale
  2. Section 112A
  3. Depreciable Asset (Always short Term)
  4. Bonds or Debentures Except (Capital Index Bonds & Sovereign Bonds)

किस मामले में इंडेक्सेशन उपलब्ध नहीं है?

कुछ मामलों में इंडेक्सेशन उपलब्ध नहीं है -
1. मंदी की बिक्री
2. धारा 112ए
3. मूल्यह्रास योग्य संपत्ति (हमेशा अल्पावधि)
4. बॉन्ड या डिबेंचर को छोड़कर (कैपिटल इंडेक्स बॉन्ड और सॉवरेन बॉन्ड)

What is Tax Rates in case sale of Equity shares/ Units of Equity Oriented Fund/ Units of Business Trust ?

a. Short Term Cap. Gain Taxable u/s sec 111A than  Taxable @     15%

b. Long term Cap. Gain Taxable uls 112A  than Taxable @10% in excess of 1,00,000

Other STCG → Normal Tax Rate

Other LTCG (Other than 112A) (Taxable u/s 112 - Taxable@20%)

Full value of Consideration:  → Amount Received or Accruing as a result of Transfer of Capital Asset

 

इक्विटी शेयरों/इक्विटी ओरिएंटेड फंड की इकाइयों/बिजनेस ट्रस्ट की इकाइयों की बिक्री के मामले में कर की दरें क्या हैं?

एक। शॉर्ट टर्म कैप। धारा 111ए के तहत करयोग्य लाभ @ 15% की दर से कर योग्य

बी। लॉन्ग टर्म कैप। 1,00,000 से अधिक में कर योग्य @ 10% की तुलना में कर योग्य उल 112A प्राप्त करें

अन्य एसटीसीजी → सामान्य कर दर

अन्य एलटीसीजी (112ए के अलावा) (धारा 112 के तहत करयोग्य - कर योग्य@20%)

प्रतिफल का पूर्ण मूल्य: → पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण के परिणामस्वरूप प्राप्त या अर्जित राशि

What is th cost of acquisition in case of Equity share/ Units of Mutual Fund ?

Cost of Acquisition → If purchased before 31.1.18

(i) or (ii) w. e. is higher    

(i) Purchase price

(ii) :  (a) Sale Consideration

(b) Fair market value as on 31.1.18

          (a) or (b) w. e. Lower

इक्विटी शेयर/म्युचुअल फंड की इकाइयों के मामले में अधिग्रहण की लागत क्या है?

अधिग्रहण की लागत → यदि 31.1.18 से पहले खरीदा गया हो

(i) या (ii) डब्ल्यू। इ। से ज़्यादा ऊँचा

(i) खरीद मूल्य

(ii) : (ए) बिक्री विचार

(बी) 31.1.18 को उचित बाजार मूल्य

          (ए) या (बी) डब्ल्यू। इ। निचला

How to find Fair market value of Equity share/ Units of Mutual Fund as on 31.1.18 ?

Fair market value as on 31.1.18

1.Shares :

a)    Highest Trading Price on Recognised Stock Exchange on 31.1.18

 2. Units :  

a)    Listed on 31.1.18       Highest Trading Price on Recognised Stock Exchange on 31.1.18

b)    Unlisted on 31.1.18     Net Asset Value on 31.1.18

 

31.1.18 को इक्विटी शेयर/म्युचुअल फंड की इकाइयों का उचित बाजार मूल्य कैसे पता करें?

31.1.18 को उचित बाजार मूल्य

1.शेयर :

a) 31.1.18 को मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर उच्चतम ट्रेडिंग मूल्य

 2 यूनिट :

a) 31.1.18 को मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर 31.1.18 उच्चतम ट्रेडिंग मूल्य पर सूचीबद्ध

बी) 31.1.18 को असूचीबद्ध 31.1.18 को शुद्ध संपत्ति मूल्य

What is full Value of consideration in case transfer of Land & Building ?

When Land or Building or Both is transferred then:

FVOC is Sale price OR Stamp Duty value Which Ever is higher shall be deemed to be Full Value of Consideration

→ If Stamp duty value < 110% of Sale Price then FVOC= Sale price

भूमि और भवन के हस्तांतरण के मामले में विचार का पूर्ण मूल्य क्या है?

जब भूमि या भवन या दोनों को स्थानांतरित किया जाता है तो:

FVOC बिक्री मूल्य या स्टैंप ड्यूटी मूल्य है जो भी अधिक है, उसे प्रतिफल का पूर्ण मूल्य माना जाएगा

→ यदि स्टाम्प शुल्क मूल्य <बिक्री मूल्य का 110% है तो FVOC = बिक्री मूल्य

What is included for calculating Cost of Acquisition in capital gain ?

-  Purchase price + all exp. incurred on purchase( STT will not be added.)

→ Any amount paid for obtaining clear title of property shall be included in cost of Acquisition

For Intangible Assets:

[Goodwill of Business, Profession, Brand Name, Trademark, Copyright] -

a)    Self Generated → Cost of Acquisition=Nil

b)    If purchased → Purchase price

 

For goodwill of Business or profession, on which  depreciation has been taken (up to P.Y. 19-20) then Cost of Acquisition = Purchase price-Deprecation till date

→ Cost of Acquisition of Asset obtained by way of Transactions which are Not regarded as transfer then Cost of Acquisition = Cost to the Previous owner There are 2 views with regards to indexation in this case. COI= Cost of Improvement of previous + present owner is considered then

There are 2 views with regards to indexation in this case.:

a)    As per provisions: CII will be taken for the year in which assessee (present owner) first held the asset

As per CIT vs Manjula J Shah: CII will be taken for the year in which previous owner bought the asset

पूंजीगत लाभ में अधिग्रहण की लागत की गणना के लिए क्या शामिल है?

- खरीद मूल्य + सभी ऍक्स्प। खरीद पर खर्च (एसटीटी नहीं जोड़ा जाएगा।)

→ संपत्ति का स्पष्ट शीर्षक प्राप्त करने के लिए भुगतान की गई कोई भी राशि अधिग्रहण की लागत में शामिल की जाएगी

अमूर्त संपत्ति के लिए:

[व्यापार, पेशे, ब्रांड नाम, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट की सद्भावना] -

ए) स्व-निर्मित → अधिग्रहण की लागत = शून्य

बी) अगर खरीदा → खरीद मूल्य

 

व्यापार या पेशे की सद्भावना के लिए, जिस पर मूल्यह्रास लिया गया है (P.Y. 19-20 तक) तो अधिग्रहण की लागत = खरीद मूल्य-मूल्यह्रास आज तक

→ लेन-देन के माध्यम से प्राप्त संपत्ति के अधिग्रहण की लागत जिसे हस्तांतरण के रूप में नहीं माना जाता है तो अधिग्रहण की लागत = पिछले मालिक की लागत इस मामले में इंडेक्सेशन के संबंध में 2 विचार हैं। सीओआई = पिछले + वर्तमान मालिक के सुधार की लागत तब मानी जाती है

इस मामले में इंडेक्सेशन के संबंध में 2 विचार हैं:

क) प्रावधानों के अनुसार: सीआईआई को उस वर्ष के लिए लिया जाएगा जिसमें निर्धारिती (वर्तमान मालिक) के पास पहली बार संपत्ति थी

सीआईटी बनाम मंजुला जे शाह के अनुसार: सीआईआई को उस वर्ष के लिए लिया जाएगा जिसमें पिछले मालिक ने संपत्ति खरीदी थी

How cost of acquisition is calculated under capital gain if Assets Acquired before 1.4.2001 ?

Cost of Acquisition orFair market value. As on 1.4.2001 (Which Ever is higher)

Imp Note: For land and Building, Fair market value as on 1.4.2001 can not exceed Stamp duty  so value as an 1.4.2001. - Cost of Acquisition: Fair market value or Stamp duty value  (Which Ever is lower)

यदि संपत्ति 1.4.2001 से पहले अधिग्रहीत की गई है, तो पूंजीगत लाभ के तहत अधिग्रहण की लागत की गणना कैसे की जाती है?

अधिग्रहण की लागत या उचित बाजार मूल्य। 1.4.2001 को (जो भी अधिक हो)

महत्वपूर्ण नोट: भूमि और भवन के लिए, 1.4.2001 को उचित बाजार मूल्य स्टाम्प शुल्क से अधिक नहीं हो सकता है, इसलिए मूल्य 1.4.2001 के बराबर है। - अधिग्रहण की लागत: उचित बाजार मूल्य या स्टाम्प शुल्क मूल्य (जो भी कम हो)

What is the Cost of Acquisition of Bonus shares in case of capital gain ?

Date of Allotment :

  1. BEFORE 1.4.2001 Fair market value as on 1.4.2001
  2. AFTER 1.4.2001 NIL

 

पूंजीगत लाभ के मामले में बोनस शेयरों के अधिग्रहण की लागत क्या है?

आवंटन की तिथि :
1. 1.4.2001 से पहले 1.4.2001 को उचित बाजार मूल्य
2. 1.4.2001 के बाद शून्य

What is the Cost of Acquisition of Right share in case of capital gain ?

RIGHT SHARES:

1. If Right Shares are purchased Purchase price of Right Share

2. If Right Shares Renounced Nil than

3. If Right shares are sold to other person, then :

a)    In the hands of purchaser Cost of Acquisition = Cost of share + Price of Rights

b)    In the hands of seller Proceeds from sale of Rights will be taxable as Short Term capital Gains(POH<3 yrs)

 

पूंजीगत लाभ के मामले में राइट शेयर के अधिग्रहण की लागत क्या है?

सही शेयर:

1. यदि राइट शेयर खरीदे जाते हैं तो राइट शेयर का क्रय मूल्य

2. यदि सही शेयरों से त्याग दिया शून्य

3. यदि राइट शेयर किसी अन्य व्यक्ति को बेचे जाते हैं, तो :

क) क्रेता के हाथ में अधिग्रहण की लागत = शेयर की लागत + अधिकारों की कीमत

ख) विक्रेता के हाथ में अधिकारों की बिक्री से आय अल्पावधि पूंजीगत लाभ (पीओएच <3 वर्ष) के रूप में कर योग्य होगी

How Maturity of ULIP [Unit linked Insurance Plan] taxed in Income Tax act ?

Maturity of ULIP [Unit linked Insurance Plan] - Sec 45(1B)- → Any Amount (not exempt us 10(10D) received by any person under ULIP issued on or after 01.02.2021

          Shall be taxable as capital Gains Income if :

a)    premium paid> Rs. 2,50000 for any year

b)    Aggregate premium paid by a person for more than one P.Y.s More than Rs. 2,50,000

 Taxation of ULIP :

Conditions to check for Exemption: 

Before 1.2.21 -    Premium → upto 10% of sum assured

on or after 1.2. 21-       Premium →upto 2,50,000

                          premium → upto 10% of sum assured

1.     In Case of Single ULIP issued on or after 1.2.21: If Premium Paid on such policy is upto 2,50,000, then the maturity is exempt u/s 10(10D). If Premium Paid on such policy is > 2,50,000, then the maturity is taxable.

2.     In Case if Multiple ULIPs issued on or after 1.2.21: The ULIPs in respect of which aggregate Premium is upto 2,50,000, those ULIPs' Maturity will be exempt u/s 10(10D). Other ULIPs maturity will be taxable

3.     In Case of Death of Insured, Maturity will be Exempt u/s Sec 10(10D)

Where any person receives any amount under ULIP which is not exempt u/s 10(10D), then any profit or gain arising from such amount shall be taxable as Capital Gain

Rule 8AD :

  1. A-B is taxable as Capital Gain :

A= Any Amount from Policy Received = Jo Paisa mila - Jo paisa Diya

B= Premium Paid till Now = Jo Paisa mila - Jo paisa Diya

  1. C-D :

C= Balance Maturity Amount Received = Jo Baad me Paisa Mila - Jo Extra Premium Diya

D= Premium paid on this amount=   Jo Baad me Paisa Mila - Jo Extra Premium Diya

 

यूलिप [यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान] की परिपक्वता पर आयकर अधिनियम में कैसे कर लगाया जाता है?

यूलिप की परिपक्वता [यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान] - सेक्शन 45(1बी)- → 01.02.2021 को या उसके बाद जारी यूलिप के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त कोई भी राशि (हमें छूट नहीं 10(10डी)
पूंजीगत लाभ आय के रूप में कर योग्य होगा यदि:
क) भुगतान किया गया प्रीमियम> रु. किसी भी वर्ष के लिए 2,50000
ख) एक व्यक्ति द्वारा एक से अधिक P.Y. के लिए भुगतान किया गया कुल प्रीमियम रु. 2,50,000
 यूलिप का कराधान:
छूट की जांच के लिए शर्तें:
1.2.21 से पहले - प्रीमियम → बीमित राशि का 10% तक
1.2 पर या उसके बाद। 21- प्रीमियम →2,50,000 तक
प्रीमियम → सम एश्योर्ड के 10% तक
1. 1.2.21 को या उसके बाद जारी एकल यूलिप के मामले में: यदि ऐसी पॉलिसी पर भुगतान किया गया प्रीमियम 2,50,000 तक है, तो परिपक्वता धारा 10(10डी) के तहत छूट प्राप्त है। यदि ऐसी पॉलिसी पर भुगतान किया गया प्रीमियम > 2,50,000 है, तो परिपक्वता कर योग्य है।
2. यदि 1.2.21 को या उसके बाद एक से अधिक यूलिप जारी किए जाते हैं: ऐसे यूलिप जिनके संबंध में कुल प्रीमियम 2,50,000 तक है, उन यूलिप की परिपक्वता को धारा 10(10डी) के तहत छूट दी जाएगी। अन्य यूलिप की परिपक्वता पर कर लगेगा
3. बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में, परिपक्वता पर धारा 10(10D) के तहत छूट दी जाएगी
जहां कोई व्यक्ति यूलिप के तहत कोई राशि प्राप्त करता है जो धारा 10(10डी) के तहत छूट प्राप्त नहीं है, तो ऐसी राशि से उत्पन्न कोई भी लाभ या लाभ पूंजीगत लाभ के रूप में कर योग्य होगा।
नियम 8एडी :
1. ए-बी पूंजीगत लाभ के रूप में कर योग्य है :
ए = पॉलिसी से प्राप्त कोई राशि = जो पैसा मिला - जो पैसा दिया
बी = अब तक भुगतान किया गया प्रीमियम = जो पैसा मिला - जो पैसा दिया
2. सी-डी :
सी = शेष परिपक्वता राशि प्राप्त = जो बाद में पैसा मिला - जो अतिरिक्त प्रीमियम दिया
D= इस राशि पर भुगतान किया गया प्रीमियम = जो बाद में पैसा मिला - जो अतिरिक्त प्रीमियम दिया

What do you mean by SLUMP SALE and how it is taxed in the Income Tax act ?

SLUMP SALE [Sec. 50B] :

Slump Sale means Sale of Undertaking/Unit/division for Lump Sum Consideration. If unit/ undertaking is held for more than 3 years than Long term capital Gain will arise Otherwise short term

→Indexation not allowed in Slump sale :

a)    Full Value of Consideration = Fair market value 1 or Fair market value 2  (Which Ever is higher)

b)    Cost of Acquisition = Net worth of Unit Transferred

 

a)    Full Value of Consideration: Fair market value 1 or Fair market value 2 (Which Ever is higher)

Jo Assts ki value nahi badhti - Book value. Jo Assets kii value Badhti hai- Fair market value/Stamp duty value/OMV Liabilities - Book value

Fair market value 1 = A + B + C + D - L

A = Book Value Of All Assets

Less (-) [TDS/Advance Tax Less Refund]

Less (-) Unamortized deferred expenditure then

Except Some Assets

Jewelry, artistic work- B

Shares & Securities - C

Immovable property - D

B = Open Market Value of Jewellery, Artistic work

C = Fair market value of shares & securities

D = Stamp duty value of Immovable properties

L=Book value of all the liabilities shall be taken Excluding:

a)    → Any provision of Income Tax

b)    → Paid up capital

c)    → any contingent liability other than arrears of dividend on cumulative pref. shares

d)    → any unascertained liability

e)    → any reserve or surplus

f)      → any provision for dividend which were not declared before date of transfer

 

          Fair market value 2 = E + F + G + H

E = Amount received from Transfer

F = Fair market value of shares & securities received

G = Stamp duty value of Immovable property Received

H = Open Market Value of Other Assets received

Jo paise mile for transfer + Jo Assets mile unki - Fair market value/Stamp duty value/OMV

→ for all the above assets, Valuation date is date of slump sale.

Cost of Acquisition = Net worth of the Undertaking :

Total Value of Assets Transferred

Less  (-) Book Value of liabilities

= Net worth of Unit

Total Value of Assets Transferred -

a)    Depreciable Assets = WDV

b)    Sec 35 AD Assets =Nil

c)    Self generated goodwill= Nil

d)     Other Assets = Book value

Note: For Revalued Assets, Remove the effect of Revaluation i.e. take the original value without revaluation

 

SLUMP SALE से आप क्या समझते हैं और आयकर अधिनियम में इस पर कैसे कर लगाया जाता है?

मंदी की बिक्री [सेक। 50बी] :
स्लम्प सेल का अर्थ है एकमुश्त प्रतिफल के लिए अंडरटेकिंग/यूनिट/डिवीजन की बिक्री। यदि इकाई/उपक्रम 3 वर्ष से अधिक के लिए आयोजित किया जाता है तो दीर्घावधि पूंजीगत लाभ उत्पन्न होगा अन्यथा अल्पावधि
→ मंदी की बिक्री में सूचीकरण की अनुमति नहीं है :
ए) प्रतिफल का पूर्ण मूल्य = उचित बाजार मूल्य 1 या उचित बाजार मूल्य 2 (जो भी अधिक हो)
बी) अधिग्रहण की लागत = हस्तांतरित इकाई का निवल मूल्य

ए) प्रतिफल का पूर्ण मूल्य: उचित बाजार मूल्य 1 या उचित बाजार मूल्य 2 (जो भी अधिक हो)
जो अस्सिट्स की वैल्यू नहीं बढ़ती - बुक वैल्यू। जो एसेट्स की वैल्यू बढ़ती है- फेयर मार्केट वैल्यू/स्टांप ड्यूटी वैल्यू/ओएमवी लायबिलिटीज - ​​बुक वैल्यू
उचित बाजार मूल्य 1 = ए + बी + सी + डी - एल
ए = सभी संपत्तियों का बुक वैल्यू
कम (-) [टीडीएस/एडवांस टैक्स घटाकर रिफंड]
कम (-) तब अपरिशोधित आस्थगित व्यय
कुछ संपत्तियों को छोड़कर
आभूषण, कलात्मक कार्य- बी
शेयर और सिक्योरिटीज - ​​सी
अचल संपत्ति - डी
बी = आभूषण, कलात्मक कार्य का खुला बाजार मूल्य
सी = शेयरों और प्रतिभूतियों का उचित बाजार मूल्य
डी = अचल संपत्तियों का स्टांप शुल्क मूल्य
एल = सभी देनदारियों का बही मूल्य लिया जाएगा:
क) → आयकर का कोई प्रावधान
b) → प्रदत्त पूंजी
c) → संचयी वरीयता पर लाभांश के बकाया के अलावा कोई भी आकस्मिक देयता। शेयरों
d) → कोई अनिश्चित दायित्व
e) → कोई आरक्षित या अधिशेष
f) → लाभांश के लिए कोई प्रावधान जो हस्तांतरण की तिथि से पहले घोषित नहीं किया गया था

उचित बाजार मूल्य 2 = ई + एफ + जी + एच
ई = स्थानांतरण से प्राप्त राशि
एफ = प्राप्त शेयरों और प्रतिभूतियों का उचित बाजार मूल्य
G = प्राप्त अचल संपत्ति का स्टाम्प शुल्क मूल्य
एच = प्राप्त अन्य संपत्तियों का खुला बाजार मूल्य
हस्तांतरण के लिए जो पैसे मील + संपत्ति मील उसकी - उचित बाजार मूल्य/स्टांप शुल्क मूल्य/ओएमवी
→ उपरोक्त सभी परिसंपत्तियों के लिए, मूल्यांकन तिथि मंदी की बिक्री की तिथि है।
अधिग्रहण की लागत = उपक्रम का निवल मूल्य :
हस्तांतरित संपत्ति का कुल मूल्य
कम (-) देनदारियों का बही मूल्य
= यूनिट का नेट वर्थ
हस्तांतरित संपत्ति का कुल मूल्य -
a) मूल्यह्रास योग्य संपत्ति = WDV
बी) धारा 35 ईस्वी संपत्ति = शून्य
ग) स्वयं सृजित ख्याति = शून्य
डी) अन्य संपत्ति = बुक वैल्यू
नोट: पुनर्मूल्यांकित संपत्तियों के लिए, पुनर्मूल्यांकन के प्रभाव को हटा दें अर्थात पुनर्मूल्यांकन के बिना मूल मूल्य लें

If Partner transfer asset to Firm/AOP/BOI as a Capital contribution than how it is taxed ?

TRANSFER BETWEEN FIRM & PARTNER :

Partner/member Transfer Cap Asset (as a capital contribution ) - Firm/AOP/BOI -  Sec 45(3)

Than Taxable in the hands of partner

FVOC= Amount credited in Partner/Member's Capital A/c

 

यदि भागीदार संपत्ति को फर्म/एओपी/बीओआई को पूंजी योगदान के रूप में स्थानांतरित करता है तो उस पर कैसे कर लगाया जाता है?

फर्म और भागीदार के बीच स्थानांतरण :
पार्टनर/सदस्य ट्रांसफर कैप एसेट (पूंजी योगदान के रूप में) - फर्म/एओपी/बीओआई - धारा 45(3)
पार्टनर के हाथों टैक्सेबल से ज्यादा
FVOC = भागीदार/सदस्य के पूंजी खाते में जमा की गई राशि

If Firm/AOP/BOI Transfer assets to partner than how it is taxed ?

Firm/AOP/BOI Transfer Cap Asset(Stock in Trade) to Partner/Member

Taxable in the hands of firm- :

a)     Sec 9B - Dissolution or Reconstitution (Cap Asset or SIT)

b)    Sec 45(4)- Reconstitution

Note: In case of Reconstitution, both sections are applicable section 9B & 45(4)

 Where a partner receives an Dissolution/Reconstitution :

a)    Capital Asset

b)    Stock in Trade

Than

Taxability in the hands of firm :

a)    Capital Gains : Taxable in the year in which partner, member receives Cap Assets.

b)    PGBP : Taxable in the year in which partner, member receives Such Stock

 

FVOC/Value at which it is Taxable : - Fair market value on the date of receipt by partner

 

यदि फर्म/एओपी/बीओआई संपत्ति को भागीदार को हस्तांतरित करते हैं तो उस पर कैसे कर लगाया जाता है?

पार्टनर/सदस्य को फर्म/एओपी/बीओआई ट्रांसफर कैप एसेट (स्टॉक इन ट्रेड)।
फर्म के हाथों कर योग्य- :
क) धारा 9बी - विघटन या पुनर्गठन (कैप एसेट या एसआईटी)
b) धारा 45(4) - पुनर्गठन
नोट: पुनर्गठन के मामले में, दोनों धाराएं धारा 9बी और 45(4) लागू होती हैं
 जहां एक भागीदार को विघटन/पुनर्गठन प्राप्त होता है:
ए) पूंजीगत संपत्ति
बी) व्यापार में स्टॉक
बजाय
फर्म के हाथों करदेयता :
a) पूंजीगत लाभ: उस वर्ष में कर योग्य है जिसमें भागीदार, सदस्य कैप एसेट्स प्राप्त करता है।
बी) पीजीबीपी: उस वर्ष में कर योग्य है जिसमें भागीदार, सदस्य को ऐसा स्टॉक प्राप्त होता है

FVOC/मूल्य जिस पर यह कर योग्य है: - भागीदार द्वारा प्राप्ति की तिथि पर उचित बाजार मूल्य

How a person save tax if he have capital gain on shifting of Industrial unit ?

section 54 G - Method 1 : Shifting to rural area

  1. Any Person is Eligible Assessee
  2. Shifting Industrial Unit Activity
  3. Shift from Urban Area to Rural Area L&B/ Pl&M  Assets Transferred and purchased

 

Time limit :  Date of Transfer 1 year before and  3 years After

Exemption Amount : Capital Gains OR Amount Invested w.e. is lower

Lock in period- : 3 Year If transferred within 3 years than Exemption will be withdraw than Cost of Acquisition of New Asset - Exemption Amount

 

Section 54GA - Method 2 : Shifting to sez 

  1. Any Person is Eligible Assessee
  2. Shifting Industrial Unit Activity
  3.  Urban Area to SEZ L&B/ Pl&M  Assets Transferred and purchased

Time limit :  Date of Transfer 1 year before and  3 years After

Exemption Amount : Capital Gains OR Amount Invested w.e. is lower

Lock in period- : 3 Year If transferred within 3 years than Exemption will be withdraw than Cost of Acquisition of New Asset - Exemption Amount

 

औद्योगिक इकाई के स्थानांतरण पर पूंजीगत लाभ होने पर व्यक्ति कर कैसे बचाता है?

धारा 54 जी - विधि 1: ग्रामीण क्षेत्र में स्थानांतरण
1. कोई भी व्यक्ति पात्र निर्धारिती है
2. औद्योगिक इकाई गतिविधि को स्थानांतरित करना
3. शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में स्थानांतरण L&B/Pl&M संपत्तियां हस्तांतरित और खरीदी गई

समय सीमा : स्थानांतरण की तिथि 1 वर्ष पूर्व और 3 वर्ष पश्चात
छूट राशि: पूंजीगत लाभ या निवेशित राशि w.e. कम है
लॉक इन अवधि- : 3 वर्ष यदि 3 वर्ष के भीतर स्थानांतरित किया जाता है तो नई संपत्ति के अधिग्रहण की लागत से छूट वापस ले ली जाएगी - छूट राशि

धारा 54GA - विधि 2: एसईजेड में स्थानांतरण
1. कोई भी व्यक्ति पात्र निर्धारिती है
2. औद्योगिक इकाई गतिविधि को स्थानांतरित करना
3. एसईजेड एल एंड बी / पीएल एंड एम संपत्तियों के लिए शहरी क्षेत्र को हस्तांतरित और खरीदा गया
समय सीमा : स्थानांतरण की तिथि 1 वर्ष पूर्व और 3 वर्ष पश्चात
छूट राशि: पूंजीगत लाभ या निवेशित राशि w.e. कम है
लॉक इन अवधि- : 3 वर्ष यदि 3 वर्ष के भीतर स्थानांतरित किया जाता है तो नई संपत्ति के अधिग्रहण की लागत से छूट वापस ले ली जाएगी - छूट राशि

Which New Pl&M does not include in Exemption of section 54 ?

  1. 2nd Hand Pl&M
  2. Pl&M installed in office or residence
  3. Computer & Computer software
  4. Any Vehicle
  5. Any Pl&M whose 100% deduction is allowed in PGBP

 

कौन सा नया पीएलएंडएम धारा 54 की छूट में शामिल नहीं है?

1. दूसरा हाथ पीएल एंड एम
2. कार्यालय या निवास में स्थापित पीएल एंड एम
3. कंप्यूटर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर
4. कोई वाहन
5. कोई भी Pl&M जिसकी PGBP में 100% कटौती की अनुमति है

How a person save tax if he have capital gain on shifting of Urban agriculture land ?

Sec 54B

 Individual  HUF /  Transfers  Urban Agri land  used to 2 years than purchases within 2 year Agri land Rural or Urban

Exemption Amount:  Capital Gain or Amt Invested w.e. is lower

Lock in period -:   3 years

शहरी कृषि भूमि के स्थानांतरण पर पूंजीगत लाभ होने पर कोई व्यक्ति कर कैसे बचाता है?

धारा 54बी

 व्यक्तिगत एचयूएफ / शहरी कृषि भूमि का स्थानांतरण 2 वर्ष के भीतर खरीद की तुलना में 2 वर्ष के लिए उपयोग की गई कृषि भूमि ग्रामीण या शहरी

छूट राशि: पूंजीगत लाभ या राशि निवेश w.e. कम है

लॉक इन पीरियड -: 3 साल

How a person save tax if he have capital gain on shifting of Compulsory Acq. of Land & Building of Industrial undertaking ?

Sec 54D

Any person  On Compulsory Acq. of L&B of Industrial undertaking used for 2 years purchases within 3 years L&B for Industrial Unit

Exemption Amount:  Capital Gain or Amt Invested w.e. is lower

Lock in period- 3 years

अनिवार्य Acq के स्थानांतरण पर पूंजीगत लाभ होने पर कोई व्यक्ति कर कैसे बचाता है। औद्योगिक उपक्रम की भूमि और भवन का?

धारा 54डी
अनिवार्य Acq पर कोई भी व्यक्ति। 2 वर्षों के लिए उपयोग किए गए औद्योगिक उपक्रम के एलएंडबी का 3 वर्षों के भीतर औद्योगिक इकाई के लिए एलएंडबी की खरीद
छूट राशि: पूंजीगत लाभ या राशि निवेश w.e. कम है
लॉक इन पीरियड- 3 साल

What is the Capital Gains Account Scheme ?

For all the sections except 54EC is  If Investment is not made before due date of ROI Then amount shall be deposited in Capital Gains Account Scheme in a Bank before due date of 139(1) for claiming exemption

पूंजीगत लाभ खाता योजना क्या है?

54ईसी को छोड़कर सभी वर्गों के लिए यदि आरओआई की देय तिथि से पहले निवेश नहीं किया जाता है तो छूट का दावा करने के लिए 139(1) की देय तिथि से पहले बैंक में पूंजीगत लाभ खाता योजना में राशि जमा की जाएगी।

Which Transactions not regarded as Transfer in Income Tax act. ?

1.     47(i) Any distribution on the total or partial partition of a HUF

2.     47(iii) Any transfer under a gift or will or an irrevocable trust

3.     47(iv) Any transfer by a company to its subsidiary company

4.     47(v) Any transfer by a subsidiary company to the holding company

5.     47(vi) Any transfer by the amalgamating company to the amalgamated company, in a scheme of amalgamation

6.     47(via) Any transfer by the amalgamating foreign companyto the amalgamated foreign company, in a scheme of amalgamation of two foreign companies.

7.     47(viaa) Any transfer by a banking company to banking institution, in a scheme of amalgamation of the banking company with the banking institution, sanctioned and brought into force by the Central Government under section 45(7) of the Banking Regulation Act, 1949.

8.     47(viab) Any transfer by the amalgamating foreign companyto the amalgamated foreign company, in a scheme of amalgamation of two foreign companies.

9.     47(vib) Any transfer, in a demerger, by the demerged company to the resulting company

10. 47(vic) Any transfer by the demerged foreign company to the resulting foreign company, in a scheme of demerger of a foreign company.

11. 47(vica) Any transfer by the predecessor co-operative bank to the successor cooperative bank or to the converted banking company, in a business reorganization of co- operative bank.

12. 47(vicb) Any transfer by a shareholder of predecessor co-operative bank, in a business reorganization.

13. 47(vicc) Any transfer by the demerged foreign company to the resulting foreign company, in a scheme of demerger of a foreign company.

14. 47(vid) Any transfer or issue of shares by the resulting company, in a scheme of demerger to the shareholders of the demerged company.

15. 47(vii) Any transfer by a shareholder of amalgamating company, in a scheme of amalgamation of companies.

16. 47(viia) Any transfer by a non- resident to another non- resident outside India.

17. 47(viiaa) Any transfer, made outside India, by a non-resident to another non-resident.

18. 47(viiab) Any transfer of specified capital assets by a non- resident on a recognised stock exchange located in any International Financial Services Centre (IFSC)

19. 47(viiac) Any transfer, in a relocation, of a capital asset by the original fund to the resulting fund

20. 47(viiad)Any transfer by a shareholder or unit holder or interest holder of original fund, in a relocation of fund.

21. 47(viiae) Any transfer by India Infrastructure Finance Company Limited to an institution established for financing the infrastructure and development.

22. 47(viiaf ) Any transfer by a public sector company to another public sector company notified by the Central Government for this purpose or to the Central Government or to a State Government.

23. 47(viib) Any transfer of a capital asset made outside India by a non- resident to another non- resident.

24. 47(viic) Any transfer by way of redemption by an individual.

25. 47(ix) Any transfer to the Government or to a University or the National Museum, National Art Gallery, National Archives or any other public museum or institution notified by the Central Government to be of national importance or to be of renown throughout any State.

26. 47(x) Any transfer by way of conversion of bonds or deben- tures, debenture-stock or deposit certificates in any form, of a company into shares or debentures of that company.

27. 47(xa) Any transfer by way of conversion of bonds into shares or debentures of any company.

28. 47(xb) Any transfer by way of conversion of preference shares of a company into equity shares of that company.

29. 47(xii) Any transfer under a scheme prepared and sanctioned under section 18 of the Sick Industrial Companies (Special Provisions) Act, 1985, by a sick industrial company which is managed by its workers’ co- operative.

30. 47(xii)  a) Any transfer under a scheme prepared and sanctioned under section 18 of the Sick Industrial Companies (Special Provisions) Act, 1985, by a sick industrial company which is managed by its workers’ co- operative.

b) Transfer of a capital asset by AOP/ BOI to company consequent to demutualisation or corporatisation of a recognised stock exchange in India

31. 47(xiiia) Any transfer of a membership right by a member of recognised stock exchange in India for acquisition of shares and trading or clearing rights acquired by such member in that recognised stock exchange in accordance with a scheme for demutualisation or corporatisation approved by SEBI

32.  47(xiiib) -  a) Transfer of capital asset or intangible asset by private company or unlisted public company to LLP

b) - Transfer of shares held in the company by the shareholder as a result of conversion of the company into a LLP

33. 47(xiv) Transfer of capital asset or intangible asset by sole proprietary concern to a company on succession of the sole proprietary concern by the company

34. 47(xv) Any transfer in a scheme for lending of any securities under an agreement or arrangement which the assessee has entered into with the borrower of such securities and which is subject to the guidelines issued by SEBI or the RBI

35. 47(xvi) Transfer of capital asset under Reverse Mortgage

36. 47(xvii) Any transfer of a capital asset to a business trust

37. 47(xviii) Any transfer by a unit holder in the consolidating scheme of a mutual fund

38. 47(xix) Any transfer by a unit holder in the consolidating plan of a mutual fund scheme

किन लेन-देन को आयकर अधिनियम में स्थानांतरण के रूप में नहीं माना जाता है। ?

1. 47(i) एचयूएफ के कुल या आंशिक विभाजन पर कोई वितरण
2. 47(iii) उपहार या वसीयत या अपरिवर्तनीय ट्रस्ट के तहत कोई भी स्थानांतरण
3. 47(iv) किसी कंपनी द्वारा अपनी सहायक कंपनी को कोई स्थानांतरण
4. 47(v) सहायक कंपनी द्वारा होल्डिंग कंपनी को कोई भी स्थानांतरण
5. 47(vi) समामेलन की योजना में समामेलित कंपनी द्वारा समामेलित कंपनी को कोई भी स्थानांतरण
6. 47 (के माध्यम से) दो विदेशी कंपनियों के समामेलन की एक योजना में समामेलित विदेशी कंपनी द्वारा समामेलित विदेशी कंपनी द्वारा कोई भी स्थानांतरण।
7. 47(के माध्यम से) बैंकिंग संस्था के साथ बैंकिंग कंपनी के समामेलन की एक योजना में बैंकिंग कंपनी द्वारा बैंकिंग संस्था को कोई हस्तांतरण, बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 45(7) के तहत केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत और लागू किया गया , 1949.
8. 47 (viएबी) दो विदेशी कंपनियों के समामेलन की योजना में समामेलित विदेशी कंपनी द्वारा समामेलित विदेशी कंपनी द्वारा कोई स्थानांतरण।
9. 47 (vib) डीमर्जर में, डिमर्ज कंपनी द्वारा परिणामी कंपनी को कोई भी स्थानांतरण
10. 47(vic) किसी विदेशी कंपनी के डीमर्जर की योजना में डिमर्ज की गई विदेशी कंपनी द्वारा परिणामी विदेशी कंपनी को कोई भी स्थानांतरण।
11. 47(vica) सहकारी बैंक के व्यवसाय पुनर्गठन में पूर्ववर्ती सहकारी बैंक द्वारा उत्तराधिकारी सहकारी बैंक या परिवर्तित बैंकिंग कंपनी को कोई भी स्थानांतरण।
12. 47(vicb) व्यवसाय पुनर्गठन में पूर्ववर्ती सहकारी बैंक के शेयरधारक द्वारा कोई भी स्थानांतरण।
13. 47(vicc) किसी विदेशी कंपनी के डीमर्जर की योजना में डिमर्ज की गई विदेशी कंपनी द्वारा परिणामी विदेशी कंपनी को कोई भी स्थानांतरण।
14. 47(vid) डिमर्ज की गई कंपनी के शेयरधारकों को डिमर्जर की योजना में परिणामी कंपनी द्वारा शेयरों का कोई हस्तांतरण या जारी करना।
15. 47(vii) कंपनियों के समामेलन की योजना में समामेलन करने वाली कंपनी के शेयरधारक द्वारा कोई स्थानांतरण।
16. 47(viia) एक अनिवासी द्वारा भारत के बाहर किसी अन्य अनिवासी को कोई स्थानांतरण।
17. 47(viiaa) एक अनिवासी द्वारा दूसरे अनिवासी को भारत के बाहर किया गया कोई भी स्थानांतरण।
18. 47(viiab) किसी भी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में स्थित मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर एक अनिवासी द्वारा निर्दिष्ट पूंजीगत संपत्ति का कोई हस्तांतरण
19. 47(viiac) मूल निधि द्वारा परिणामी निधि में किसी पूंजीगत संपत्ति के स्थानांतरण में, कोई स्थानांतरण
20. 47(viiad)शेयरधारक या यूनिट धारक या मूल निधि के हितधारक द्वारा निधि के स्थानांतरण में कोई स्थानांतरण।
21. 47(viiae) इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास के वित्तपोषण के लिए स्थापित संस्था को इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा कोई हस्तांतरण।
22. 47(viiaf) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा इस उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा या केंद्र सरकार या राज्य सरकार को अधिसूचित किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को कोई हस्तांतरण।
23. 47(viib) एक अनिवासी द्वारा दूसरे अनिवासी को भारत के बाहर की गई पूंजीगत संपत्ति का कोई भी स्थानांतरण।
24. 47(viic) किसी व्यक्ति द्वारा मोचन के माध्यम से कोई भी स्थानांतरण।
25. 47(ix) सरकार या किसी विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय कला दीर्घा, राष्ट्रीय अभिलेखागार या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य सार्वजनिक संग्रहालय या संस्था को राष्ट्रीय महत्व का या किसी भी समय में प्रसिद्ध होने के लिए कोई भी स्थानांतरण राज्य।
26. 47(x) किसी कंपनी के बॉन्ड या डिबेंचर, डिबेंचर-स्टॉक या डिपॉजिट सर्टिफिकेट के किसी भी रूप में उस कंपनी के शेयरों या डिबेंचर में रूपांतरण के माध्यम से कोई भी स्थानांतरण।
27. 47(xa) किसी भी कंपनी के बॉन्ड को शेयर या डिबेंचर में बदलने के माध्यम से कोई भी स्थानांतरण।
28. 47(xb) किसी कंपनी के वरीयता शेयरों को उस कंपनी के इक्विटी शेयरों में बदलने के माध्यम से कोई स्थानांतरण।
29. 47(xii) बीमार औद्योगिक कंपनी (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1985 की धारा 18 के तहत तैयार और स्वीकृत एक योजना के तहत कोई भी स्थानांतरण, एक बीमार औद्योगिक कंपनी द्वारा किया जाता है जिसका प्रबंधन उसके श्रमिकों की सहकारी समिति द्वारा किया जाता है।
30. 47(xii) a) बीमार औद्योगिक कंपनी (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1985 की धारा 18 के तहत तैयार और स्वीकृत एक योजना के तहत कोई भी स्थानांतरण, एक बीमार औद्योगिक कंपनी द्वारा किया जाता है जिसका प्रबंधन उसके श्रमिकों की सहकारी समिति द्वारा किया जाता है।
बी) भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के डिम्यूचुअलाइजेशन या निगमीकरण के परिणामस्वरूप एओपी/बीओआई द्वारा कंपनी को पूंजीगत संपत्ति का हस्तांतरण
31. 47(xiiia) शेयरों के अधिग्रहण के लिए भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के एक सदस्य द्वारा सदस्यता अधिकार का कोई भी हस्तांतरण और उस मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में ऐसे सदस्य द्वारा प्राप्त किए गए व्यापार या समाशोधन अधिकारों को डिम्यूचुलाइजेशन या निगमीकरण के लिए एक योजना के अनुसार अनुमोदित किया गया है। सेबी
32. 47(xiiib) - ए) निजी कंपनी या असूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी द्वारा एलएलपी को पूंजीगत संपत्ति या अमूर्त संपत्ति का स्थानांतरण
बी) - कंपनी के एलएलपी में रूपांतरण के परिणामस्वरूप शेयरधारक द्वारा कंपनी में रखे गए शेयरों का स्थानांतरण
33. 47(xiv) कंपनी द्वारा एकमात्र स्वामित्व प्रतिष्ठान के उत्तराधिकार पर एक कंपनी को पूंजीगत संपत्ति या अमूर्त संपत्ति का हस्तांतरण
34. 47(xv) एक समझौते या व्यवस्था के तहत किसी भी प्रतिभूतियों को उधार देने के लिए एक योजना में कोई हस्तांतरण जो निर्धारिती ने ऐसी प्रतिभूतियों के उधारकर्ता के साथ किया है और जो सेबी या आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अधीन है
35. 47(xvi) रिवर्स मॉर्टगेज के तहत पूंजीगत संपत्ति का स्थानांतरण
36. 47(xvii) एक व्यापार ट्रस्ट को पूंजीगत संपत्ति का कोई भी हस्तांतरण
37. 47(xviii) एक म्युचुअल फंड की समेकित योजना में एक यूनिट धारक द्वारा कोई स्थानांतरण
38. 47(xix) म्युचुअल फंड योजना की समेकित योजना में एक यूनिट धारक द्वारा कोई स्थानांतरण

Income From Other Sources अन्य स्रोतों से आय

 Any income which is not taxable under head of salary, house property, business & profession or capital gain, that income shall be taxable under IFOS

 कोई भी आय जो वेतन, गृह संपत्ति, व्यवसाय और पेशे या पूंजीगत लाभ के तहत कर योग्य नहीं है, वह आय IFOS के तहत कर योग्य होगी

Question

Question and Answare

What type of income taxable under the head Income from other sources ?

 

  1. Casual Income in the nature of winning from lotteries, crossword puzzles, races including horse races, card games and other games of any sort, gambling, betting etc. Such winnings are chargeable to tax at a flat rate of 30% under section 115BB.
  2. Dividend received on Shares
  3. Interest on bank deposits & loan given.
  4. Royalty Income
  5. Directors Sitting fees (if there is ER-EE relationship and receiving remuneration in terms of salary, then taxable under head of salary)
  6. Agriculture Income if agriculture land located outside India.
  7. Income from Subletting of house property.
  8. Salary of MP/MLA/MLC taxable under head of IFOS because there is no ER-EE relationship.
  9. Interest on Income Tax refund.
  10. Income on Any investment made.
  11. Amount received as family pension taxable under head IFOS.

Amount allowed as deduction u/s 57-

-         1/3rd of family pension, or

-        15,000 per annum.

-        whichever is Less

  1.  Interest on compensation of compulsory acquisition of capital asset 50% deduction allowed u/s 57.
  2. Taxability of Gifts u/s 56(2)(x) (Annexure-1)
  3. Compensation or any other payment received in connection with termination of his employment u/s 56(2)(xi)

          Compensation received from :

a)    Employer head   is Taxable under  head of salary

b)    Others is Taxable under of IFOS

  1.  If any closely held Company issues share to any resident shareholder On premium then- [ issue price of share - Fair market value of such shares ] shall be taxable in hands of company under IFOS. (Annexure-2)

अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय के अंतर्गत किस प्रकार की आय पर कर लगता है?

1. लॉटरी, पहेली पहेली, घुड़दौड़ सहित दौड़, ताश के खेल और किसी भी प्रकार के अन्य खेल, जुआ, सट्टेबाजी आदि से जीतने की प्रकृति की आकस्मिक आय। ऐसी जीत धारा 115BB के तहत 30% की फ्लैट दर से कर के लिए प्रभार्य है।
2. शेयरों पर प्राप्त लाभांश
3. बैंक जमा और दिए गए ऋण पर ब्याज।
4. रॉयल्टी आय
5. निदेशकों की बैठक की फीस (यदि ईआर-ईई संबंध है और वेतन के मामले में पारिश्रमिक प्राप्त कर रहे हैं, तो वेतन के मद में कर योग्य है)
6. कृषि आय यदि कृषि भूमि भारत के बाहर स्थित है।
7. हाउस प्रॉपर्टी को सबलेट करने से आय।
8. सांसद/विधायक/एमएलसी का वेतन आईएफओएस के मद में करयोग्य है क्योंकि ईआर-ईई संबंध नहीं है।
9. इनकम टैक्स रिफंड पर ब्याज।
10. किए गए किसी भी निवेश पर आय।
11.पारिवारिक पेंशन के रूप में प्राप्त राशि IFOS प्रमुख के तहत कर योग्य है।
धारा 57 के तहत कटौती के रूप में स्वीकृत राशि-

- परिवार पेंशन का 1/3, या

- 15,000 प्रति वर्ष।

-        जो भी कम हो

 12. पूंजीगत संपत्ति के अनिवार्य अधिग्रहण के मुआवजे पर ब्याज 50% कटौती की अनुमति धारा 57 के तहत।
13. धारा 56(2)(x) के अंतर्गत उपहारों पर करदेयता (अनुबंध-1)
14. धारा 56(2)(xi) के तहत उसके रोजगार की समाप्ति के संबंध में प्राप्त मुआवजा या कोई अन्य भुगतान
          से प्राप्त मुआवजा:

क) नियोक्ता मद वेतन मद के तहत करयोग्य है

बी) अन्य आईएफओएस के तहत कर योग्य हैं

 15. यदि कोई करीबी धारित कंपनी किसी निवासी शेयरधारक को प्रीमियम पर शेयर जारी करती है तो- [शेयर का निर्गम मूल्य - ऐसे शेयरों का उचित बाजार मूल्य] IFOS के तहत कंपनी के हाथों कर योग्य होगा। (अनुबंध-2)

Which Items that are taxable under the head Income from other sources only if not chargeable under head of Profits and gain form business and profession ?

  1. Any sum received by an employer-assessee from his employees as contributions to any provident fund, superannuation fund or any other fund for the welfare of the employees.
  2. Rent income from letting out of plants, machinery, furniture
  3. Where letting out of buildings is inseparable from the letting out of machinery, plant or furniture, the income from such letting.
  4. Interest on securities

 

कौन-सी मदें जो अन्य स्रोतों से आय शीर्षक के तहत करयोग्य हैं, यदि व्यापार और पेशे से लाभ और लाभ के शीर्ष के तहत प्रभार्य नहीं हैं?

1. किसी नियोक्ता-निर्धारिती द्वारा अपने कर्मचारियों से किसी भविष्य निधि, अधिवर्षिता निधि या कर्मचारियों के कल्याण के लिए किसी अन्य कोष में अंशदान के रूप में प्राप्त कोई राशि।
2. प्लांट, मशीनरी, फर्नीचर को किराये पर देने से होने वाली आय
3. जहां भवनों को किराये पर देना मशीनरी, संयंत्र या फर्नीचर को किराये पर देने से अविभाज्य है, ऐसे किराये से होने वाली आय।
4. प्रतिभूतियों पर ब्याज

How gift is taxable if received as money ?

The whole amount if the same exceeds Rs. 50,000.

धन के रूप में प्राप्त होने पर उपहार कैसे कर योग्य है?

पूरी राशि यदि वही रुपये से अधिक है। 50,000।

How gift is taxable if received as Movable property ?

a) Without consideration:  The aggregate Fair market value of the Property > 50,000

 b) Inadequate consideration: (Fair market value-Consideration)=if such difference is 50,000

चल संपत्ति के रूप में प्राप्त होने पर उपहार कैसे कर योग्य है?

ए) बिना विचार के: संपत्ति का कुल उचित बाजार मूल्य> 50,000
बी) अपर्याप्त विचार: (उचित बाजार मूल्य-प्रतिफल) = यदि ऐसा अंतर 50,000 है

How gift is taxable if received as Immovable property ?

a) Without consideration:  The Stamp duty value of the property

b) (a) (Stamp duty value-Consideration) per property is 50,000 and 10% of consideration

[Note- if (Stamp duty value-Consideration)is more than higher of 50,000 and 20% of consideration, 50,000 and 20% of consideration, in case the immovable property is a residential unit which is held as stock-in-trade by the seller and the transfer is during the period between 12.11.2020 and 30.6.2021 by way of first time allotment to the buyer and the consideration for transfer is 2 crores.]

अचल संपत्ति के रूप में प्राप्त होने पर उपहार कैसे कर योग्य है?

क) बिना प्रतिफल के: संपत्ति का स्टांप शुल्क मूल्य
बी) (ए) (स्टांप शुल्क मूल्य-विचार) प्रति संपत्ति 50,000 और प्रतिफल का 10% है
[नोट- यदि (स्टांप शुल्क मूल्य-विचार) 50,000 से अधिक है और प्रतिफल का 20%, 50,000 और प्रतिफल का 20%, यदि अचल संपत्ति एक आवासीय इकाई है जिसे स्टॉक-इन-ट्रेड के रूप में रखा गया है विक्रेता और हस्तांतरण 12.11.2020 और 30.6.2021 के बीच की अवधि के दौरान खरीदार को पहली बार आवंटन के माध्यम से होता है और हस्तांतरण के लिए विचार 2 करोड़ है।]

In which cases gifts are not taxable ?

1.     any sum of money or value of property received in the following circumstances would be outside the ambit of section 56(2)(x) -

a)    from any relative; or

b)    on the occasion of the marriage of the individual; or

c)    under a will/by way of inheritance; or

d)    in contemplation of death of the payer or donor, as the case may be; or

e)    from any local authority as defined in the Explanation to section 10(20); or

f)      from any fund/foundation/university/other educational institution/ hospital/other medical institution/any trust/institution referred to in section 10(23C); or

g)    from/by any trust/institution registered u/s 12A or 12AA or 12AB; or

h)    by any fund or trust or institution or any university or other educational institution or any hospital or other medical institution referred to in Section 10(23C)(iv)/(v)/ (vi)/(via).

i)      ) by way of transaction not regarded as transfer under section 47(i)/(iv)/(v)/(vi)/(via)/(viaa)/(vib)/(vic)/(vica)/(vicb)/(vid)/(vii)/(vii ac)/ (viiad)/(viiae)/(viiaf).

j)      from an individual by a trust created or established solely for the benefit of relative of the individual

k)    From such class of persons and subject to such conditions, as may be prescribed.

 

किन मामलों में उपहार कर योग्य नहीं हैं?

1. निम्नलिखित परिस्थितियों में प्राप्त कोई भी राशि या संपत्ति का मूल्य धारा 56(2)(x) के दायरे से बाहर होगा -
ए) किसी रिश्तेदार से; या
बी) व्यक्ति के विवाह के अवसर पर; या
ग) वसीयत के तहत/विरासत के माध्यम से; या
घ) भुगतानकर्ता या दाता की मृत्यु के विचार में, जैसा भी मामला हो; या
ई) धारा 10(20) के स्पष्टीकरण में परिभाषित किसी भी स्थानीय प्राधिकरण से; या
च) धारा 10(23सी) में संदर्भित किसी फंड/फाउंडेशन/विश्वविद्यालय/अन्य शैक्षणिक संस्थान/अस्पताल/अन्य चिकित्सा संस्थान/किसी ट्रस्ट/संस्थान से; या
छ) धारा 12ए या 12एए या 12एबी के तहत पंजीकृत किसी भी ट्रस्ट/संस्थान से/द्वारा; या
h) धारा 10(23सी)(iv)/(v)/ (vi)/(via) में संदर्भित किसी फंड या ट्रस्ट या संस्थान या किसी विश्वविद्यालय या अन्य शैक्षणिक संस्थान या किसी अस्पताल या अन्य चिकित्सा संस्थान द्वारा।
i) ) धारा 47(i)/(iv)/(v)/(vi)/(via)/(viaa)/(vib)/(vic)/(vica)/ (vicb)/(vid)/(vii)/(vii ac)/ (viiad)/(viiae)/(viiaf).
j) किसी व्यक्ति से केवल व्यक्ति के रिश्तेदार के लाभ के लिए बनाए गए या स्थापित किए गए ट्रस्ट द्वारा
k) व्यक्तियों के ऐसे वर्ग से और ऐसी शर्तों के अधीन, जो निर्धारित की जा सकती हैं।

List down special cases where section 56(2)(x) is not applicable ?

Accordingly, CBDT has, vide Notification No. 40/2020, dated 29th 4.4 June, 2020, notified that the provisions of section 56(2)(x) would not be applicable to the following transactions –

  1. Any movable property, being unquoted shares, of a company and its subsidiary and the subsidiary of such subsidiary Received by Shareholder Condition Where,

a)     the Tribunal, on an application moved by the Central Government under section 241 of the Companies Act, 2013, has suspended the Board of Directors of such company and has appointed new directors nominated by the Central Government under section 242 of the said Act; and

b)     share of company and its subsidiary and the subsidiary of such subsidiary has been received pursuant to a resolution plan approved by the Tribunal under sec-242 of the Companies Act, 2013 after affording a reasonable opportunity of being heard to the jurisdictional Principal Commissioner or Commissioner

  1. Any movable property, being equity shares, of the reconstructed bank Received by Investor or investor bank (SBI)  Condition where the said share has been allotted by the reconstructed bank (Yes Bank) under the Yes Bank Limited Reconstruction Scheme, 2020 at 10 per share (Face value 2 per share; Premium 8 per share).
  2. Any movable property, being equity shares, of the public sector company Received by a person Condition It should be received from the Central Government or any State Government under strategic disinvestment.
  3. Amendment by FA 2022 w.e.f. AY 20-21 :  Section 56(2)(x) not applicable in the following cases; -

a)    an individual, from any person, in respect of any expenditure actually incurred by him on his medical treatment or treatment of any member of his family, for any illness related to COVID-19 subject to conditions notified by the Central Government. Accordingly, the Central Government has, vide Notification No. 91/2022 dated 5.8.2022, specified the following conditions -                                    The individual has to keep a record of the following documents, namely:-

i) the COVID-19 positive report of the individual or his family member, or medical report if clinically determined to be COVID-19 positive through investigations in a hospital or an in-patient facility by a treating physician for a person so admitted;

ii) all necessary documents of medical diagnosis or treatment of the individual or family member due to COVID-19 or illness related to COVID-19 suffered within 6 months from the date of being determined as a COVID-19 positive; The details of the amount so received in any financial year has to be furnished in Form No. 1 to the Income-tax Department within 9 months from the end of such financial year or 31.12.2022 whichever is later.

b)    a member of the family of a deceased person -

i) from the employer of the deceased person (without any limit); or

ii) from any other person or persons to the extent that such sum or aggregate of such sum more than 10 lakhs or what

where the cause of death of such person is illness related to COVID-19 and the payment is -

(i) received within 12 months from the date of death of such person; and

(ii) subject to such other conditions notified by the Central Government.

5. Accordingly, the Central Government has, vide Notification No. 92/2022 dated 5.8.2022, specified the following conditions -

1.     (i) the death of the individual should be within 6 months from the date of testing positive or from the date of being clinically determined as a COVID-19 case, for which any sum of money has been received by the member of the family;

(ii) the family member of the individual has to keep a record of the following documents,

(a) the COVID-19 positive report of the individual, or medical report if clinically determined to be COVID-19 positive through investigations in a hospital or an inpatient facility by a treating physician;

(b) a medical report or death certificate issued by a medical practitioner or a Government civil registration office, in which it is stated that death of the person is related to corona virus disease (COVID-19).

2.     The details of such amount received in any financial year has to be furnished in Form A to the Assessing Officer within 9 months from the end of such financial year or 31.12.2022 whichever is later.

Meaning of “Family” -

Family, in relation to an individual,

(i) the spouse and children of the individual; and

(ii) the parents, brothers and sisters of the individual or any of them, wholly or mainly dependent on the individual.

 

उन विशेष मामलों की सूची बनाएं जहां धारा 56(2)(x) लागू नहीं है?

तदनुसार, सीबीडीटी ने, अधिसूचना संख्या 40/2020, दिनांक 29, 4.4 जून, 2020 द्वारा अधिसूचित किया है कि धारा 56(2)(x) के प्रावधान निम्नलिखित लेनदेन पर लागू नहीं होंगे -
1. किसी कंपनी और उसकी सहायक कंपनी और ऐसी सहायक कंपनी की सहायक कंपनी की कोई भी चल संपत्ति, बिना उद्धृत शेयर होने के नाते, शेयरधारक द्वारा प्राप्त शर्त जहां,
क) ट्रिब्यूनल ने, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 241 के तहत केंद्र सरकार द्वारा दायर एक आवेदन पर, ऐसी कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया है और उक्त अधिनियम की धारा 242 के तहत केंद्र सरकार द्वारा नामित नए निदेशकों को नियुक्त किया है; और
b) कंपनी और उसकी सहायक कंपनी का हिस्सा और ऐसी सहायक कंपनी की सहायक कंपनी को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा -242 के तहत ट्रिब्यूनल द्वारा अनुमोदित समाधान योजना के अनुसार क्षेत्राधिकार प्रधान आयुक्त को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के बाद प्राप्त किया गया है या आयुक्त
2. निवेशक या निवेशक बैंक (SBI) द्वारा प्राप्त पुनर्निमित बैंक की कोई भी चल संपत्ति, इक्विटी शेयर होने की शर्त, जहां उक्त शेयर यस बैंक लिमिटेड पुनर्निर्माण योजना, 2020 के तहत पुनर्गठित बैंक (यस बैंक) द्वारा 10 बजे आवंटित किया गया है। प्रति शेयर (अंकित मूल्य 2 प्रति शेयर; प्रीमियम 8 प्रति शेयर)। 
3. किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की कोई भी चल संपत्ति, इक्विटी शेयर होने की शर्त यह रणनीतिक विनिवेश के तहत केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार से प्राप्त की जानी चाहिए।
4. एफए 2022 द्वारा संशोधन प्रभावी। नि.व. 20-21: धारा 56(2)(x) निम्नलिखित मामलों में लागू नहीं होती; -
a) एक व्यक्ति, किसी भी व्यक्ति से, केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित शर्तों के अधीन COVID-19 से संबंधित किसी भी बीमारी के लिए उसके द्वारा चिकित्सा उपचार या उसके परिवार के किसी सदस्य के उपचार पर वास्तव में किए गए किसी भी खर्च के संबंध में। तदनुसार, केंद्र सरकार ने अधिसूचना संख्या 91/2022 दिनांक 5.8.2022 द्वारा निम्नलिखित शर्तों को निर्दिष्ट किया है - व्यक्ति को निम्नलिखित दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखना होगा, अर्थात्: -
i) व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य की COVID-19 पॉजिटिव रिपोर्ट, या मेडिकल रिपोर्ट अगर किसी अस्पताल में जांच के माध्यम से COVID-19 पॉजिटिव होना निर्धारित है या किसी व्यक्ति के लिए इलाज करने वाले चिकित्सक द्वारा इन-पेशेंट सुविधा;
ii) COVID-19 या COVID-19 से संबंधित बीमारी के कारण व्यक्ति या परिवार के सदस्य के चिकित्सा निदान या उपचार के सभी आवश्यक दस्तावेज COVID-19 पॉजिटिव के रूप में निर्धारित होने की तारीख से 6 महीने के भीतर; किसी भी वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि का विवरण ऐसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति से 9 महीने के भीतर या 31.12.2022, जो भी बाद में हो, के भीतर आयकर विभाग को फॉर्म नंबर 1 में प्रस्तुत करना होगा।
b) मृत व्यक्ति के परिवार का सदस्य -
i) मृत व्यक्ति के नियोक्ता से (बिना किसी सीमा के); या
ii) किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों से इस हद तक कि ऐसी राशि या ऐसी कुल राशि 10 लाख से अधिक या क्या
जहां ऐसे व्यक्ति की मृत्यु का कारण कोविड-19 से संबंधित बीमारी है और भुगतान है -
(i) ऐसे व्यक्ति की मृत्यु की तारीख से 12 महीने के भीतर प्राप्त; और
(ii) केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसी अन्य शर्तों के अधीन। 
5. तदनुसार, केंद्र सरकार ने अधिसूचना संख्या 92/2022 दिनांक 5.8.2022 द्वारा निम्नलिखित शर्तों को निर्दिष्ट किया है -
1. (i) व्यक्ति की मृत्यु सकारात्मक परीक्षण की तारीख से 6 महीने के भीतर होनी चाहिए या नैदानिक ​​रूप से COVID-19 मामले के रूप में निर्धारित होने की तारीख से होनी चाहिए, जिसके लिए सदस्य द्वारा कोई भी धनराशि प्राप्त की गई हो परिवार;
(ii) व्यक्ति के परिवार के सदस्य को निम्नलिखित दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखना होगा,
(ए) व्यक्ति की कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट, या मेडिकल रिपोर्ट अगर चिकित्सकीय रूप से किसी अस्पताल में जांच के माध्यम से सीओवीआईडी ​​​​-19 पॉजिटिव होना या उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा एक इनपेशेंट सुविधा के माध्यम से निर्धारित किया गया हो;
(बी) एक चिकित्सा व्यवसायी या एक सरकारी नागरिक पंजीकरण कार्यालय द्वारा जारी एक चिकित्सा रिपोर्ट या मृत्यु प्रमाण पत्र, जिसमें यह कहा गया है कि व्यक्ति की मृत्यु कोरोना वायरस रोग (कोविड-19) से संबंधित है।
2. किसी भी वित्तीय वर्ष में प्राप्त ऐसी राशि का विवरण ऐसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति से 9 महीने के भीतर या 31.12.2022, जो भी बाद में हो, के भीतर निर्धारण अधिकारी को फॉर्म ए में प्रस्तुत करना होगा।
"परिवार" का अर्थ -
परिवार, एक व्यक्ति के संबंध में,
(i) व्यक्ति का जीवनसाथी और बच्चे; और
(ii) व्यक्ति के माता-पिता, भाई और बहनें या उनमें से कोई भी व्यक्ति पर पूरी तरह या मुख्य रूप से निर्भर है।

What is treatment under Income tax if equity share issued with premium ?

SHARES ISSUED ON PREMIUM [Sec-56(2)(viib)] -

If any closely held company issues shares to any resident share holder on premium then, Issue price of share xxx  Less(-) Fair market value of such shares xxx Shall be taxable under IFOS

यदि इक्विटी शेयर प्रीमियम के साथ जारी किया जाता है तो आयकर के अंतर्गत क्या उपचार है?

प्रीमियम पर जारी शेयर [धारा-56(2)(viib)] -
यदि कोई करीबी कंपनी किसी निवासी शेयर धारक को प्रीमियम पर शेयर जारी करती है तो, शेयर का निर्गम मूल्य XXX ऐसे शेयरों का उचित बाजार मूल्य घटाकर (-) IFOS के तहत कर योग्य होगा

Which cases share issued with premium by new company that is startup is not taxable under Income tax ?

If share issued to : a) By venture capital undertaking from a venture capital company or a venture capital fund

b) from Non Resident

c) Specified-fund (see definition)

d) Persons notified by CG - Start-up company (see definition)

Specified fund means :

a)    a fund established or incorporated in India in the form of a trust or a company or a LLP or a body corporate

b)    which has-been granted a certificate of registration as a Category I or a Category II Alternative Investment Fund and is regulated under the SEBI (Alternative Investment Fund) Regulations, 2012

 

किन मामलों में नई कंपनी द्वारा प्रीमियम के साथ जारी किया गया शेयर, जो स्टार्टअप है, आयकर के तहत कर योग्य नहीं है?

यदि शेयर जारी किया गया है: क) वेंचर कैपिटल कंपनी या वेंचर कैपिटल फंड से वेंचर कैपिटल अंडरटेकिंग द्वारा
बी) अनिवासी से
ग) विनिर्दिष्ट निधि (परिभाषा देखें)
घ) सीजी - स्टार्ट-अप कंपनी द्वारा अधिसूचित व्यक्ति (परिभाषा देखें)
निर्दिष्ट निधि का अर्थ है:
क) एक ट्रस्ट या एक कंपनी या एक एलएलपी या एक निकाय कॉर्पोरेट के रूप में भारत में स्थापित या निगमित एक फंड
बी) जिसे श्रेणी I या श्रेणी II वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है और सेबी (वैकल्पिक निवेश कोष) विनियम, 2012 के तहत विनियमित है

What is the meaning of startup and other conditions applicable to startups ?

Meaning of Start- up-  A company would be considered as Start-up if the following conditions are satisfied:

  1. It would be considered as Start-up up to a period of 10 years from the date of incorporation/ registration, if it is incorporated as a Pvt Ltd Company (as defined in the Companies Act, 2013) in India.
  2. Turnover of the company for any of the financial years since incorporation/registration has not exceeded 100 crore rupees
  3. The company is working towards innovation, development or improvement of products or processes or services, or if it is a scalable business model with a high potential of employment generation or wealth creation.

Note - Pvt Ltd Co. shall not be considered a "Start- up", if it formed by splitting up or reconstruction of an existing business.

  1. Condition 1. For startup : a) Aggregate amount of paid up capital and share premium of the start-up after issue or proposed issue of shares, does not exceed, 25 crore rupees. b) However, in computing the aggregate amount of paid up share capital, in respect of shares issued to any of the following persons shall not be included: a) a non-resident b) venture capital company or a venture capital fund c) - a specified company
  2. Condition 2. For startup :

a)     Building or land appurtenant thereto, being a residential house. [Allowed if Start-ups business is renting or held by it as Stock in trade)

b)    - Land or building, or both, not being a residential house. [Allowed if Start-ups business is renting or held by it as Stock in trade)

c)     Loans & advances. [Allowed if Start-up business is lending of money]

d)    Capital contribution made to any other entity.

e)    Shares and securities.

f)      - Motor vehicle, aircraft, yacht or any other mode of transport, the actual cost of which exceeds 10 lakh rupees. [Allowed if Start-up business is plying, hiring, leasing]

g)    Jewellery. [Allowed if it held as stock-in-trade in the ordinary course of business]

h)    Any other asset, whether in the nature of capital asset or otherwise, of the nature specified in section 56(2)(vii)(d)(iv) to (ix) i.e., archaeological collections, drawings, paintings, sculptures, any work of art or bullion.

i)      However, the Start-up should not invest in any of the assets mentioned above for the period of 7 years from the end of the latest FY in which shares are issued at premium.

6.  Proviso added by FA 2019 - If fails to comply :  If company fails to comply with above conditions then, any consideration received for issue of share that exceeds the Fair market value of such share shall be deemed to be the income of that company chargeable to income-tax for the PY in which such failure has taken place Deemed mis-reporting u/s 270A Penalty - 200% of Tax.

स्टार्टअप का क्या मतलब है और स्टार्टअप पर लागू होने वाली अन्य शर्तें क्या हैं?

स्टार्ट-अप का अर्थ- एक कंपनी को स्टार्ट-अप माना जाएगा यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं:
1. इसे निगमन/पंजीकरण की तारीख से 10 वर्ष की अवधि तक स्टार्ट-अप माना जाएगा, यदि इसे भारत में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (कंपनी अधिनियम, 2013 में परिभाषित) के रूप में शामिल किया गया है।
2. निगमन/पंजीकरण के बाद से किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी का कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हुआ है
3. कंपनी उत्पादों या प्रक्रियाओं या सेवाओं के नवाचार, विकास या सुधार की दिशा में काम कर रही है, या यदि यह रोजगार सृजन या धन सृजन की उच्च क्षमता वाला एक स्केलेबल बिजनेस मॉडल है।
नोट - प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को "स्टार्ट-अप" नहीं माना जाएगा, अगर यह किसी मौजूदा व्यवसाय के विभाजन या पुनर्निर्माण से बना है।
4. शर्त 1. स्टार्टअप के लिए: क) शेयर जारी करने या प्रस्तावित शेयर जारी करने के बाद स्टार्ट-अप की चुकता पूंजी और शेयर प्रीमियम की कुल राशि 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। बी) हालांकि, निम्नलिखित व्यक्तियों में से किसी को जारी किए गए शेयरों के संबंध में प्रदत्त शेयर पूंजी की कुल राशि की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा: ए) एक अनिवासी बी) उद्यम पूंजी कंपनी या उद्यम पूंजी निधि सी) - एक निर्दिष्ट कंपनी
5. शर्त 2. स्टार्टअप के लिए :
क) भवन या उससे जुड़ी भूमि, एक आवासीय घर होने के नाते। [अनुमति है यदि स्टार्ट-अप व्यवसाय किराए पर है या व्यापार में स्टॉक के रूप में इसके द्वारा आयोजित किया गया है)
ख) - भूमि या भवन, या दोनों, आवासीय घर न होने पर। [अनुमति है यदि स्टार्ट-अप व्यवसाय किराए पर है या व्यापार में स्टॉक के रूप में इसके द्वारा आयोजित किया गया है)
ग) ऋण और अग्रिम। [अनुमति है अगर स्टार्ट-अप व्यवसाय पैसा उधार दे रहा है]
घ) किसी अन्य संस्था को किया गया पूंजीगत योगदान।
ई) शेयर और प्रतिभूतियां।
f) - मोटर वाहन, विमान, नौका या परिवहन का कोई अन्य साधन, जिसकी वास्तविक लागत 10 लाख रुपये से अधिक हो। [अनुमति है अगर स्टार्ट-अप व्यवसाय चल रहा है, काम पर रख रहा है, पट्टे पर दे रहा है]
छ) आभूषण। [अनुमति है अगर यह व्यवसाय के सामान्य पाठ्यक्रम में स्टॉक-इन-ट्रेड के रूप में है]
h) धारा 56(2)(vii)(d)(iv) से (ix) में निर्दिष्ट प्रकृति की कोई अन्य संपत्ति, चाहे पूंजीगत संपत्ति की प्रकृति में हो या अन्यथा, यानी पुरातात्विक संग्रह, चित्र, पेंटिंग, मूर्तियां, कला या बुलियन का कोई काम।
i) हालांकि, स्टार्ट-अप को नवीनतम वित्त वर्ष के अंत से 7 साल की अवधि के लिए ऊपर उल्लिखित किसी भी संपत्ति में निवेश नहीं करना चाहिए जिसमें शेयर प्रीमियम पर जारी किए गए हैं।
6. एफए 2019 द्वारा जोड़ा गया प्रावधान - यदि अनुपालन करने में विफल रहता है: यदि कंपनी उपरोक्त शर्तों का पालन करने में विफल रहती है, तो शेयर जारी करने के लिए प्राप्त कोई भी विचार जो ऐसे शेयर के उचित बाजार मूल्य से अधिक है, उस कंपनी की आय के रूप में माना जाएगा। पीवाई के लिए आयकर जिसमें ऐसी विफलता हुई है, धारा 270ए के तहत गलत सूचना देने पर जुर्माना - कर का 200%।

What is the meaning of property under Income tax act . ?

A capital asset of the assessee, namely,-

(a) immovable property being land or building or both,

(b) shares and securities,

 (c) jewellery,

(d) archaeological collections,

(e) drawings,

 (f) paintings,

 (g) sculptures,

 (h) any work of art or bullion

(i) virtual digital asset

आयकर अधिनियम के तहत संपत्ति का क्या अर्थ है? ?

निर्धारिती की एक पूंजीगत संपत्ति, अर्थात्, -

(ए) अचल संपत्ति भूमि या भवन या दोनों है,

(बी) शेयर और प्रतिभूतियां,

 (सी) आभूषण,

(डी) पुरातात्विक संग्रह,

(ई) चित्र,

 (एफ) पेंटिंग,

 (जी) मूर्तियां,

 (एच) कला या बुलियन का कोई काम

(i) आभासी डिजिटल संपत्ति

What is the meaning of Resident under Income tax act . ?

Resident means a person having physical possession of property on the basis of a registered sale deed or latest set of Power of Attorney, Agreement to Sale, Will, possession letter and other documents including documents evidencing payment of consideration in respect of a property in unauthorized colonies and includes their legal heirs but does not include tenant, licensee or permissive user.

आयकर अधिनियम के तहत निवासी का क्या अर्थ है? ?

निवासी का अर्थ है एक पंजीकृत बिक्री विलेख या मुख्तारनामा के नवीनतम सेट, बिक्री के लिए समझौते, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति का भौतिक कब्जा रखने वाला व्यक्ति, अनधिकृत कॉलोनियों में एक संपत्ति के संबंध में प्रतिफल के भुगतान के साक्ष्य सहित अन्य दस्तावेज और उनके कानूनी उत्तराधिकारी शामिल हैं लेकिन किरायेदार, लाइसेंसधारी या अनुज्ञेय उपयोगकर्ता शामिल नहीं हैं।

What is the meaning of Unauthorized colony under Income tax act . ?

Means a colony or development comprising of a contiguous area, where no permission has been obtained for approval of layout plan or building plans and has been identified for regularization of such colony in pursuance to the notification number S.O. 683(E), dated the 24th March, 2008, of the Delhi Development Authority

आयकर अधिनियम के तहत अनधिकृत कॉलोनी का क्या अर्थ है? ?

का अभिप्राय एक ऐसी कालोनी या विकास से है जिसमें एक निकटस्थ क्षेत्र शामिल है, जहां अभिन्यास योजना या भवन नक्शों के अनुमोदन के लिए कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई है और ऐसी कालोनी के नियमितीकरण के लिए अधिसूचना संख्या एस.ओ. दिल्ली विकास प्राधिकरण का 683(ई), दिनांक 24 मार्च, 2008

What is the meaning of Strategic disinvestment colony under Income tax act . ?

Sale of shareholding by the Central Government or any State Government in a public sector company which results in reduction of its shareholding to below 51% along with transfer of control to the buyer.

आयकर अधिनियम के तहत सामरिक विनिवेश कॉलोनी का क्या अर्थ है? ?

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार द्वारा शेयरधारिता की बिक्री जिसके परिणामस्वरूप खरीदार को नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ इसकी शेयरधारिता 51% से कम हो जाती है।

Minimum Alternate Tax न्यूनतम वैकल्पिक कर

.

.

Question

Question and Answare

In which companies MAT provisions are applicable ?

MAT provisions are applicable to All COMPANIES :

  1. Domestic Co.
  2. Foreign Co.
  3. Govt/Non-Govt. Co.

MAT प्रावधान किन कंपनियों में लागू होते हैं?

MAT प्रावधान सभी कंपनियों पर लागू होते हैं:

1. घरेलू कंपनी

2. विदेशी कंपनी

3. सरकारी/गैर सरकारी. कं

What is the Sec 115JB ?

Companies have to pay tax at:

  1. Tax computed as per Normal provisions of Income tax OR
  2. 15% of Book Profit (MAT) WHICHEVER IS HIGHER

Note: If Company is located in IFSC, MAT Rate is 9% instead OF 15%.Income of Co. must be in Convertible Foreign Exchange

→ MAT is Not Applicable to Companies Opting Sec 115BAA & 115BAB

धारा 115जेबी क्या है?

कंपनियों को इस पर टैक्स देना होगा:
1. कर की गणना आयकर के सामान्य प्रावधानों के अनुसार की जाती है
2. बुक प्रॉफिट (MAT) का 15%, जो भी अधिक हो
नोट: यदि कंपनी आईएफएससी में स्थित है, तो MAT दर 15% के बजाय 9% है। कंपनी की आय परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में होनी चाहिए
→ MAT धारा 115BAA और 115BAB चुनने वाली कंपनियों पर लागू नहीं है

What is the Computation of BOOK PROFIT as per Sec 115 JB ?

Profit as per Profit & loss A/c as per Companies Act, 2013 xxx

1. Add:

a)    Any amount Transferred to Any Reserve A/c

b)    Expenses incurred for earning Such Exempt Income (See 10/11/12)

c)    Depreciation Debited to P&L A/c as per companies act

d)    Deferred Tax debited to P & L

e)     Income Tax : i) Paid ii) Provision  includes interest, surcharge, Cess but less(-) Not penalty - Means Penalty will not be added back

f)      Expenditure incurred relating to share in Income of AOP/BOI

g)     Expenses incurred by foreign Co. for earning such income:

i) Capital Gain on securities

ii) Interest Sec 115A

iii)  Dividend* Sec 115A

iv) Royalty or FTS Sec 115A

h)    Expenditure incurred on Earning Royalty Income

i)      Balance in Revaluation Reserve on Retirement or Disposal of Assets if not credited to P&L

j)      Business Trust Units :  i) Notional Loss ii) Actual GAIN on transfer

i) Notional Loss on :  Shares of SPV exchange Units of Business Trust,  Change in Carrying value

ii)  Loss on Transfer of such units

iii) Amount of Actual GAIN on Transfer of units of Business Trust [Selling price of units- Cost/Carrying value of shares of SPV]

k)    Dividend : i) PAID  ii) PROPOSED

l)      Provision for Contingent/ Unascertained liability

m)  Provision for Diminution in the value of Assets. [eg. Provision for Bad Debts]

n)    Provision for losses of Subsidiary company.


 2. Less:

a)     Any Amount withdrawn from any Reserve A/c (Only reduced if it was added in the Book profit in the Year of making reserve.)

b)    Income Exempt u/s Sec 10,Sec 11, & Sec 12

c)    Depreciation excluding depreciation on Revalued Assets as per companies act

d)    Deferred Tax credited to P & L

e)    Share of Company in the Income of AOP/BOI (Already taxed in the hands of AOP/BOI)

f)      Income Of Foreign Co. from:

i) Capital Gain on securities

ii) Interest If Tax rates on these income is less than 15% CMAT Rate)

iii) Dividend* If Tax rates on these income is less than 15% CMAT Rate)

iv) Royalty or FTS If Tax rates on these income is less than 15% CMAT Rate)

g)    Royalty Income on Patent Taxable u/s 115BBF @10%

h)    Transfer from Revaluation Reserve (to the extent of depreciation on Revalued assets)

i)      Business Trust Units : i) Notional gain  ii)  Actual LOSS on transfer

i) Notional Gain on:  Shares of SPV Exchange Units of Business Trust

ii) Change in Carrying value

iii)  Gain on Transfer of such units

iv) Amount of Actual LOSS on Transfer of units of Business Trust [Selling price of units- Cost/Carrying value of shares of SPV]

j)      Profit of Sick Industrial Company

k)    B/F losses/Unabsorbed Depreciation :

धारा 115 जेबी के अनुसार पुस्तक लाभ की गणना क्या है?

कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार लाभ और हानि खाते के अनुसार लाभ xxx

1. जोड़ें:

क) किसी भी आरक्षित खाते में हस्तांतरित कोई भी राशि

बी) ऐसी छूट वाली आय अर्जित करने के लिए किए गए व्यय (10/11/12 देखें)

ग) कंपनी अधिनियम के अनुसार पी एंड एल खाते में मूल्यह्रास डेबिट किया गया

घ) आस्थगित कर पी एंड एल से डेबिट किया गया

ई) आयकर: i) भुगतान किया गया ii) प्रावधान में ब्याज, अधिभार, उपकर शामिल है लेकिन कम (-) जुर्माना नहीं - मतलब जुर्माना वापस नहीं जोड़ा जाएगा

च) एओपी/बीओआई की आय में हिस्सेदारी से संबंधित व्यय

छ) ऐसी आय अर्जित करने के लिए विदेशी कंपनी द्वारा किया गया व्यय:

i) प्रतिभूतियों पर पूंजीगत लाभ

ii) ब्याज धारा 115ए

iii) लाभांश* धारा 115ए

iv) रॉयल्टी या एफटीएस धारा 115ए

ज) रॉयल्टी आय अर्जित करने पर किया गया व्यय

i) सेवानिवृत्ति या परिसंपत्तियों के निपटान पर पुनर्मूल्यांकन रिजर्व में शेष राशि यदि पी एंड एल में जमा नहीं की जाती है

जे) बिजनेस ट्रस्ट इकाइयाँ: i) काल्पनिक हानि ii) स्थानांतरण पर वास्तविक लाभ

i) सांकेतिक हानि: एसपीवी एक्सचेंज के शेयर, बिजनेस ट्रस्ट की इकाइयां, कैरिंग वैल्यू में बदलाव

ii) ऐसी इकाइयों के स्थानांतरण पर हानि

iii) बिजनेस ट्रस्ट की इकाइयों के हस्तांतरण पर वास्तविक लाभ की राशि [इकाइयों की बिक्री मूल्य-एसपीवी के शेयरों की लागत/वहन मूल्य]

k) लाभांश : i) भुगतान ii) प्रस्तावित

एल) आकस्मिक/अनिर्धारित दायित्व के लिए प्रावधान

एम) संपत्ति के मूल्य में कमी का प्रावधान। [उदा. अशोध्य ऋणों के लिए प्रावधान]

n) सहायक कंपनी के घाटे के लिए प्रावधान।

2. कम:

क) किसी भी रिजर्व खाते से निकाली गई कोई भी राशि (केवल तभी घटाई जाती है जब इसे रिजर्व बनाने के वर्ष में बुक प्रॉफिट में जोड़ा गया हो।)

बी) धारा 10, धारा 11 और धारा 12 के तहत आय छूट

ग) कंपनी अधिनियम के अनुसार पुनर्मूल्यांकित संपत्तियों पर मूल्यह्रास को छोड़कर मूल्यह्रास

घ) आस्थगित कर पी एंड एल में जमा किया गया

ई) एओपी/बीओआई की आय में कंपनी का हिस्सा (एओपी/बीओआई के हाथों पहले से ही कर लगाया गया है)

च) विदेशी कंपनी की आय:

i) प्रतिभूतियों पर पूंजीगत लाभ

ii) ब्याज यदि इन आय पर कर की दरें 15% से कम हैं तो सीएमएटी दर)

iii) लाभांश* यदि इन आय पर कर की दरें 15% सीएमएटी दर से कम हैं)

iv) रॉयल्टी या एफटीएस यदि इन आय पर कर की दरें 15% सीएमएटी दर से कम हैं)

छ) पेटेंट पर रॉयल्टी आय धारा 115बीबीएफ के तहत 10% की दर से करयोग्य है

ज) पुनर्मूल्यांकन रिजर्व से स्थानांतरण (पुनर्मूल्यांकित परिसंपत्तियों पर मूल्यह्रास की सीमा तक)

i) बिजनेस ट्रस्ट इकाइयाँ: i) काल्पनिक लाभ ii) स्थानांतरण पर वास्तविक हानि

i) अनुमानित लाभ: बिजनेस ट्रस्ट की एसपीवी एक्सचेंज इकाइयों के शेयर

ii) कैरिंग वैल्यू में बदलाव

iii) ऐसी इकाइयों के स्थानांतरण पर लाभ

iv) बिजनेस ट्रस्ट की इकाइयों के हस्तांतरण पर वास्तविक हानि की राशि [इकाइयों की बिक्री मूल्य - एसपीवी के शेयरों की लागत/वहन मूल्य]

j) रुग्ण औद्योगिक कंपनी का लाभ

k) बी/एफ घाटा/अवशोषित मूल्यह्रास:

How books profit is calculated if company follow Ind-AS ?

In case of companies which are required to Comply with Ind-As, then following additional adjustments is required to be done after above adjustments

1. ADD:-

a)    Items CREDITED to Other Comprehensive Income (OCI) which will never be classified to P&L 

Except :

i) Revaluation Surplus from Asset as per IndAs 16 & 38

ii) Gain or Loss From Investment in Equity Instruments designated at Fair value through OCI as per Ind As 109

b)    GAIN from:

i) Change in fair value of Equity instruments through OCI &

ii) Revaluation surplus from Assets on Retirement, Disposal, Realization or Transfer.

c)     Amount DEBITED to Profit & loss on Distribution of Non-Cash assets to Shareholder in a demerger as per Appendix A of Ind As-10.

d)    1/5th of Transition Amount(Credit)


 2. LESS:-

a)    Items DEBITED to Other Comprehensive Income (OCI) which will never be classified to P&L  

 Except :

i) Revaluation Surplus from Asset as per IndAs 16 & 38

ii) Gain or Loss From Investment in Equity Instruments designated at Fair value through OCI as per Ind As 109

b)    LOSS from:

i) Change in fair value of Equity instruments through OCI &

ii) Revaluation surplus from Assets on Retirement, Disposal, Realization or Transfer

c)    Amount CREDITED to Profit & loss on Distribution of Non-Cash assets to Shareholder in a demerger as per Appendix A of Ind As-10.

d)    1/5th of Transition Amount(Debit)*

यदि कंपनी Ind-AS का अनुसरण करती है तो बही लाभ की गणना कैसे की जाती है?

उन कंपनियों के मामले में जिन्हें इंड-एज़ का अनुपालन करना आवश्यक है, उपरोक्त समायोजन के बाद निम्नलिखित अतिरिक्त समायोजन करना आवश्यक है

1. जोड़ें:-

ए) अन्य व्यापक आय (ओसीआई) में जमा की गई वस्तुएं जिन्हें कभी भी पी एंड एल में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा

के अलावा :

i) इंडस्ट्रीज़ 16 और 38 के अनुसार संपत्ति से पुनर्मूल्यांकन अधिशेष

ii) इंडस्ट्रीज़ 109 के अनुसार ओसीआई के माध्यम से उचित मूल्य पर निर्दिष्ट इक्विटी उपकरणों में निवेश से लाभ या हानि

ख) इससे लाभ:

i) ओसीआई और के माध्यम से इक्विटी उपकरणों के उचित मूल्य में परिवर्तन

ii) सेवानिवृत्ति, निपटान, वसूली या स्थानांतरण पर परिसंपत्तियों से पुनर्मूल्यांकन अधिशेष।

ग) इंडस्ट्रीज़ एज़-10 के परिशिष्ट ए के अनुसार डीमर्जर में शेयरधारक को गैर-नकद परिसंपत्तियों के वितरण पर लाभ और हानि के लिए डेबिट की गई राशि।

घ) संक्रमण राशि का 1/5वां हिस्सा (क्रेडिट)



 2. कम:-

ए) अन्य व्यापक आय (ओसीआई) में डेबिट की गई वस्तुएं जिन्हें कभी भी पी एंड एल में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा

 के अलावा :

i) इंडस्ट्रीज़ 16 और 38 के अनुसार संपत्ति से पुनर्मूल्यांकन अधिशेष

ii) इंडस्ट्रीज़ 109 के अनुसार ओसीआई के माध्यम से उचित मूल्य पर निर्दिष्ट इक्विटी उपकरणों में निवेश से लाभ या हानि

ख) इससे हानि:

i) ओसीआई और के माध्यम से इक्विटी उपकरणों के उचित मूल्य में परिवर्तन

ii) सेवानिवृत्ति, निपटान, वसूली या स्थानांतरण पर परिसंपत्तियों से पुनर्मूल्यांकन अधिशेष

ग) इंडस्ट्रीज़-10 के परिशिष्ट ए के अनुसार एक डिमर्जर में शेयरधारक को गैर-नकद परिसंपत्तियों के वितरण पर लाभ और हानि के लिए जमा की गई राशि।

घ) संक्रमण राशि (डेबिट) का 1/5वां भाग*

What is adjustment in other equity for calculation of book profit?

1. Capital Reserve & Securities Premium

2. Amount adjusted in OCI but subsequently reclassified to P&L
3. Revaluation Surplus from Assets on convergence date
4.Gain or loss in fair value of Equity instrument through OCI
5.Adjustments relating to :
a)    Investments in Subsidiary/JV/Associate through OCI
b)    Cumulative Translation difference of foreign Operation
c)    PPE & Intangible Assets


→ All the above amounts are to be taken at convergence date. 1st day of 1st Ind-As

Reporting Year

→ For All Companies - Net profit shall be computed as per Companies Act 2013

→ For :

i) Electricity co Profit shall be calculated as per respective Act.

ii) Banking Co Profit shall be calculated as per respective Act.

iii) General Insurance Co Profit shall be calculated as per respective Act.

For Life Insurance Co, MAT not applicable

→ If :

i) Provision for Gratuity If Made as per actuarial valuation, then Not to be added Back.

ii) Leave Salary  If Made as per actuarial valuation, then Not to be added Back.

iii) Provision for warranty  If Made as per actuarial valuation, then Not to be added Back.

[Note: In PGBP, only gratuity paid is allowed]

→ Advance Tax Int u/s 234ABC : These provisions will be applicable to MAT following

Companies

→ MAT not applicable to companies opting 115BAA or 115BAB

 

बही लाभ की गणना के लिए अन्य इक्विटी में समायोजन क्या है?

1. पूंजी आरक्षित एवं प्रतिभूति प्रीमियम
2. राशि को OCI में समायोजित किया गया लेकिन बाद में P&L में पुनः वर्गीकृत किया गया
3. अभिसरण तिथि पर परिसंपत्तियों से पुनर्मूल्यांकन अधिशेष
4.ओसीआई के माध्यम से इक्विटी उपकरण के उचित मूल्य में लाभ या हानि
5.संबंधित समायोजन:
ए) ओसीआई के माध्यम से सहायक/जेवी/एसोसिएट में निवेश
बी) विदेशी ऑपरेशन का संचयी अनुवाद अंतर
ग) पीपीई और अमूर्त संपत्ति


→ उपरोक्त सभी राशियाँ अभिसरण तिथि पर ली जानी हैं। 1st Ind-As का पहला दिन

रिपोर्टिंग वर्ष

→ सभी कंपनियों के लिए - शुद्ध लाभ की गणना कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार की जाएगी

→ के लिए:

i) विद्युत सह लाभ की गणना संबंधित अधिनियम के अनुसार की जाएगी।

ii) बैंकिंग सह लाभ की गणना संबंधित अधिनियम के अनुसार की जाएगी।

iii) सामान्य बीमा सह लाभ की गणना संबंधित अधिनियम के अनुसार की जाएगी।

जीवन बीमा कंपनी के लिए, MAT लागू नहीं है

→ यदि :

i) यदि ग्रेच्युटी का प्रावधान बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार किया गया है, तो इसे वापस नहीं जोड़ा जाएगा।

ii) अवकाश वेतन यदि बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार बनाया गया है, तो वापस नहीं जोड़ा जाएगा।

iii) वारंटी का प्रावधान यदि बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार किया गया है, तो वापस नहीं जोड़ा जाएगा।

[नोट: पीजीबीपी में, केवल ग्रेच्युटी भुगतान की अनुमति है]

→ धारा 234एबीसी के तहत एडवांस टैक्स इंट: ये प्रावधान निम्नलिखित मैट पर लागू होंगे

कंपनियों

→ MAT 115BAA या 115BAB चुनने वाली कंपनियों पर लागू नहीं है

In which type of Foreign companies Mat provision are not applicable ?

1. MAT not applicable to foreign Cos. which have opted :

a)    44B : presumptive
b)    44BB : presumptive
c)    44BBA  : presumptive
d)    44BBB : presumptive

2. MAT not applicable to :
a)    Foreign Co. is of Country with which India has DTAA : Foreign country DTAA  Exchange India & Foreign Co. does not have PE in India.
b)    Foreign Co. is of country with India does not have DTAA : Foreign country No DTAA Exchange India & Foreign Co. is not required to take any registration under any law in India.

 


किस प्रकार की विदेशी कंपनियों में मैट प्रावधान लागू नहीं होते हैं?

1. MAT उन विदेशी कंपनियों पर लागू नहीं है जिन्होंने विकल्प चुना है:
ए) 44बी: अनुमानात्मक
बी) 44बीबी: अनुमानात्मक
ग) 44बीबीए: अनुमानात्मक
घ) 44बीबीबी: अनुमानात्मक

2. MAT इन पर लागू नहीं है:
a) विदेशी कंपनी उस देश की है जिसके साथ भारत का DTAA है: विदेशी देश DTAA एक्सचेंज इंडिया और विदेशी कंपनी का भारत में PE नहीं है।
बी) विदेशी कंपनी भारत के साथ देश की है, उसके पास डीटीएए नहीं है: विदेशी देश कोई डीटीएए एक्सचेंज नहीं है, भारत और विदेशी कंपनी को भारत में किसी भी कानून के तहत कोई पंजीकरण लेने की आवश्यकता नहीं है।

What if MAT payable more then Tax as per normal provision ?

MAT credit arises when: MAT payable more then Tax as per normal provision

MAT Credit = MAT payable - Tax as per normal provisions

  1. It can be carried forward for 15 years
  2. → MAT credit can be utilized in the year in which Tax as per Normal provisions  more then MAT payable  : Allowed to the extent Normal Tax exceeds MAT
  3. If Unlisted Co. Converts to LLP, MAT credit shall not be allowed to LLP.

 

क्या होगा यदि MAT सामान्य प्रावधान के अनुसार कर से अधिक देय हो?

MAT क्रेडिट तब उत्पन्न होता है जब: सामान्य प्रावधान के अनुसार MAT कर से अधिक देय होता है

MAT क्रेडिट = देय MAT - सामान्य प्रावधानों के अनुसार कर

इसे 15 साल तक आगे बढ़ाया जा सकता है
→ MAT क्रेडिट का उपयोग उस वर्ष में किया जा सकता है जिसमें सामान्य प्रावधानों के अनुसार MAT से अधिक कर देय है: सामान्य कर MAT से अधिक होने की सीमा तक स्वीकार्य है
यदि असूचीबद्ध कंपनी एलएलपी में परिवर्तित हो जाती है, तो एलएलपी को मैट क्रेडिट की अनुमति नहीं दी जाएगी।

What is the Amendment F. A. 2021 in MAT provision ?

Amendment F. A. 2021

1. If there is increase in Book Profit of current P.Y.  Due to APA or Sec Adj.

2. Change in Income of Past year included in Book profit on Account of

3. Advance pricing Agreement or Secondary Adjustment

4. Then Assessee can apply to AO to recompute Book profit and tax payable by assessee for past year or years.

MAT प्रावधान में संशोधन F. A. 2021 क्या है?

संशोधन एफ.ए. 2021

1. यदि वर्तमान P.Y के बुक प्रॉफिट में वृद्धि हुई है। एपीए या सेक एडजस्टमेंट के कारण।

2. पिछले वर्ष की आय में परिवर्तन को खाते के बही लाभ में शामिल किया गया है

3. अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता या द्वितीयक समायोजन

4. फिर निर्धारिती पिछले वर्ष या वर्षों के लिए निर्धारिती द्वारा देय बही लाभ और कर की पुनर्गणना करने के लिए एओ को आवेदन कर सकता है।

What is the Rule 10RB in MAT provision ?

(A-B) – (D-C)

A= tax payable by the assessee company under section 115JB(1) on the book profit of the previous year including the past income.

B =tax payable by the assessee company under section 115JB(1) on the book profit of the previous year after reducing the book profit with the past income. 

C =Aggregate of tax payable by the assessee company under section 115JB(1) on the book profit of those past year or years to which the past income belongs.

D=Aggregate of tax payable by the assessee company under section 115JB(1) on the book profit of past year or years, referred to in item C, after increasing the book profit with the relevant past income of such year or years. It may be noted that if the value of (A-B)-(D-C) in the formula is negative, its value would be deemed to be zero.

MAT प्रावधान में नियम 10RB क्या है?

(ए-बी) – (डी-सी)
ए= पिछली आय सहित पिछले वर्ष के बही लाभ पर धारा 115जेबी(1) के तहत निर्धारिती कंपनी द्वारा देय कर।
बी = पिछली आय के साथ बुक प्रॉफिट को कम करने के बाद पिछले वर्ष के बुक प्रॉफिट पर धारा 115जेबी(1) के तहत निर्धारिती कंपनी द्वारा देय कर।
सी = पिछले वर्ष या जिन वर्षों की पिछली आय है, उनके बही लाभ पर धारा 115जेबी(1) के तहत निर्धारिती कंपनी द्वारा देय कर का योग।
डी=पिछले वर्ष या वर्षों के बही लाभ पर धारा 115जेबी(1) के तहत निर्धारिती कंपनी द्वारा देय कर का योग, आइटम सी में संदर्भित, ऐसे वर्ष या वर्षों की प्रासंगिक पिछली आय के साथ बही लाभ को बढ़ाने के बाद। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि सूत्र में (ए-बी) - (डी-सी) का मान नकारात्मक है, तो इसका मान शून्य माना जाएगा।

Taxation of Trust ट्रस्ट का कराधान

.

.

Question

Question and Answare

For which purpose trust can be created ?

  1. Preservation of Monuments/ Places/objects of Artistic or historic Interest
  2. Relief of Poor
  3. Medical Relief
  4. Preservation of Environment
  5. Education
  6. Yoga se hi Hoga
  7. Advancement of any other object of General Public Utility

 

ट्रस्ट किस उद्देश्य से बनाया जा सकता है?

1. कलात्मक या ऐतिहासिक रुचि के स्मारकों/स्थानों/वस्तुओं का संरक्षण
2. गरीबों की राहत
3. चिकित्सा राहत
4. पर्यावरण का संरक्षण
5. शिक्षा
6. योग से ही होगा
7. सामान्य सार्वजनिक उपयोगिता की किसी अन्य वस्तु की उन्नति

What do you mean by Advancement of any other Object of General Public Utility ?

If it involves any activity related to TRADE, COMMERCE or BUSINESS

is a Charitable purpose only if Aggregate Receipts from Business Activity then Not more than 20% of Total Receipts

→ If it exceeds 20%, Exemption will be denied for that particular year, Registration will not be canceled.

आम जनता की किसी अन्य वस्तु की उन्नति से आपका क्या तात्पर्य है? उपयोगिता ?

यदि इसमें व्यापार, वाणिज्य या व्यवसाय से संबंधित कोई गतिविधि शामिल है
एक धर्मार्थ उद्देश्य केवल तभी है जब व्यावसायिक गतिविधि से कुल प्राप्तियां हों तो कुल प्राप्तियों का 20% से अधिक नहीं
→ यदि यह 20% से अधिक है, तो उस विशेष वर्ष के लिए छूट से इनकार कर दिया जाएगा, पंजीकरण रद्द नहीं किया जाएगा।

What is the procedure of calculating INCOME OF TRUST ?

Following income of Trust are Exempt:-

i) Corpus donation (exempt only if invested in 11(5) modes)

ii) 15% of Gross Income

iii) Income applied for charitable or Religious purposes in India - From remaining 85%

Notes:

→ Applied Means:

  1. Capital + Revenue Exp
  2. Donation to other trust regd. u/s 12AA/12AB
  3. Repayment of loan taken for acquisition capital Assets

( corpus donation will not be considered as applied )

   Cost of Asset - Taken in applied. Then depreciation will not be taken in applied.

→ 40(a)(ia), 40A(3) , 40A(3A) is applicable in case of Trust

  1. TDS not deducted (30%) If expense is disallowed in these 3 Sections, it will not be taken in applied.
  2. cash payment  more then 10k If expense is disallowed in these 3 Sections, it will not be taken in applied.
  3. cash payment more then 10K of last Year If expense is disallowed in these 3 Sections, it will not be taken in applied.

ट्रस्ट की आय की गणना करने की प्रक्रिया क्या है?

ट्रस्ट की निम्नलिखित आय पर छूट है:-

i) कॉर्पस दान (केवल 11(5) मोड में निवेश करने पर छूट)

ii) सकल आय का 15%

iii) भारत में धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों के लिए लागू आय - शेष 85% से

टिप्पणियाँ:

→ अनुप्रयुक्त साधन:

पूंजी + राजस्व व्यय
अन्य ट्रस्ट को दान रजि. धारा 12एए/12एबी के तहत
पूंजीगत संपत्ति के अधिग्रहण के लिए लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान
(शेष दान को लागू नहीं माना जाएगा)

 → संपत्ति की लागत - लागू में ली गई। तब मूल्यह्रास को लागू नहीं माना जाएगा।

→ ट्रस्ट के मामले में 40(a)(ia), 40A(3), 40A(3A) लागू है

टीडीएस नहीं काटा गया (30%) यदि इन 3 अनुभागों में व्यय की अनुमति नहीं है, तो इसे लागू नहीं किया जाएगा।
10 हजार से अधिक नकद भुगतान यदि इन 3 धाराओं में व्यय की अनुमति नहीं है, तो इसे लागू नहीं किया जाएगा।
पिछले वर्ष के 10K से अधिक नकद भुगतान यदि इन 3 अनुभागों में व्यय की अनुमति नहीं है, तो इसे लागू नहीं किया जाएगा।

What type of Income of trust treated as a Corpus ?

1. If trust is having any temple, mosque/gurdwara/church or any place notified u/s 80G(2)(b)

2. & it has received any donation for repair or renovation of such places
3. then such donation may be treated by trust as Corpus if following conditions are satisfied; -
a)    Such amount should be applied only for repair or renovation
b)    Such amount should not be donated to any other person or trust,
c)    Such corpus must be separately identifiable, &
d)    Such amount must be Invested/deposited in Safe modes u/s 11(5).

Note:

If any condition mentioned in Exp. 3A above is violated then such sum shall be deemed as income of the PY in which violation takes place.

 

ट्रस्ट की किस प्रकार की आय को कॉर्पस माना जाता है?

1. यदि ट्रस्ट के पास कोई मंदिर, मस्जिद/गुरुद्वारा/चर्च या धारा 80जी(2)(बी) के तहत अधिसूचित कोई स्थान है।
2. और इसे ऐसे स्थानों की मरम्मत या नवीकरण के लिए कोई दान प्राप्त हुआ है
3. यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं तो ऐसे दान को ट्रस्ट द्वारा कॉर्पस के रूप में माना जा सकता है; -
क) ऐसी राशि केवल मरम्मत या नवीनीकरण के लिए ही लागू की जानी चाहिए
ख) ऐसी राशि किसी अन्य व्यक्ति या ट्रस्ट को दान नहीं की जानी चाहिए,
ग) ऐसा कोष अलग से पहचाने जाने योग्य होना चाहिए, और
घ) ऐसी राशि को धारा 11(5) के तहत सुरक्षित तरीके से निवेश/जमा किया जाना चाहिए।
टिप्पणी:

यदि ऍक्स्प में कोई शर्त उल्लिखित है। उपरोक्त 3ए का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी राशि उस पीवाई की आय मानी जाएगी जिसमें उल्लंघन हुआ है।

When expenditure treated as application of income under Trust ?

  1. Any sum payable by any trust or institution shall be considered as application of income
  2. in the P.Y. in which
  3. trust has actually paid the sum. Method of accounting Irrelevant

However, where during any Preceding P.Y., Trust/Inst. has already claimed any amount as application,  such sum shall not be allowed as application again in any subsequent P.Y based on actual payment due to this explanation.

ट्रस्ट के अंतर्गत व्यय को आय का अनुप्रयोग कब माना जाता है?

1. किसी ट्रस्ट या संस्था द्वारा देय कोई भी राशि आय के अनुप्रयोग के रूप में मानी जाएगी
2. पी.वाई. में जिसमें
3. ट्रस्ट ने वास्तव में राशि का भुगतान कर दिया है। लेखांकन की विधि अप्रासंगिक
हालाँकि, जहां किसी पूर्ववर्ती पी.वाई. के दौरान, ट्रस्ट/संस्थान। आवेदन के रूप में पहले ही किसी राशि का दावा किया जा चुका है, इस स्पष्टीकरण के कारण वास्तविक भुगतान के आधार पर ऐसी राशि को किसी भी आगामी P.Y में दोबारा आवेदन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

What is the procedure a trust follow if it want to accumulate income for specific purpose ?

Conditions:

  1. Assessee will tell period & purpose to A.O
  2. Max period - 5 years
  3. This Amount must be invested in Sec 11(5) Safe Investment modes
  4. This amount can not be donated to Other Trust.

Note: After 5 Years period, One bonus year(6th Year) will be given. If accumulated Amount is not applied in the 6th year, it will become Income of 6th year

→ If this amount is applied for any purpose other than the purpose for which it was accumulated - the amount will become the income of the year in which it is applied. [Sec 11(3)]

यदि कोई ट्रस्ट किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए आय संचय करना चाहता है तो वह क्या प्रक्रिया अपनाता है?

स्थितियाँ:
1. निर्धारिती ए.ओ. को अवधि और उद्देश्य बताएगा
2. अधिकतम अवधि - 5 वर्ष
3. इस राशि को धारा 11(5) सुरक्षित निवेश मोड में निवेश किया जाना चाहिए
4. यह राशि अन्य ट्रस्ट को दान नहीं की जा सकती।
नोट: 5 वर्ष की अवधि के बाद, एक बोनस वर्ष (छठा वर्ष) दिया जाएगा। यदि संचित राशि को छठे वर्ष में लागू नहीं किया जाता है, तो यह छठे वर्ष की आय बन जाएगी
→ यदि यह राशि उस उद्देश्य के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए लागू की जाती है जिसके लिए इसे जमा किया गया था - तो यह राशि उस वर्ष की आय बन जाएगी जिसमें इसे लागू किया गया है। [धारा 11(3)]

IN which case Exemption to trust not given ?

  1. Statement to A.O. is. not given upto Due Date of ROI
  2. ROI not filed upto due date of ROI.

किस मामले में भरोसा करने की छूट नहीं दी गई?

1. ए.ओ. को बयान है। आरओआई की नियत तिथि तक नहीं दिया गया
2. आरओआई की नियत तिथि तक आरओआई दाखिल नहीं किया गया।

When business income of trust is eligible for exemption ?

  1. If Business is Incidental to the main object of the Trust & separate BOA is maintained, Exemption of Sec 11(1) & 11(2) will be allowed.
  2. If A.O. finds any concealed Income, no exemption will be allowed on such concealed Income, whole Concealed Income will be taxable.

 

ट्रस्ट की व्यावसायिक आय कब छूट के लिए पात्र है?

1. यदि व्यवसाय ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य के लिए प्रासंगिक है और अलग बीओए बनाए रखा गया है, तो धारा 11(1) और 11(2) से छूट की अनुमति दी जाएगी।
2. यदि ए.ओ. यदि कोई छिपी हुई आय मिलती है, तो ऐसी छिपी हुई आय पर कोई छूट नहीं दी जाएगी, पूरी छुपाई गई आय कर योग्य होगी।

When exemption in section 10 not allowed to trust ?

- If Trust takes exemption u/s 11/12, Exemption under Section 10 will not be allowed.

2 Exceptions :

  1. Section 10(1)
  2. Section 10(23C)

Provided that registration of Trust will become inoperative from the date on which trust or institution is approved u/s

10 (23C)(iv),10 (23C)(v),10(23C)(vi),10(23C)(via) or notified us 10(46) or the date on which this proviso has come into force, whichever is later (Added by FA 2020 W.e.f. 01.06.20)

धारा 10 में छूट कब विश्वास करने की अनुमति नहीं है?

- यदि ट्रस्ट धारा 11/12 के तहत छूट लेता है, तो धारा 10 के तहत छूट की अनुमति नहीं दी जाएगी।
2 अपवाद :
1. धारा 10(1)
2. धारा 10(23सी)
बशर्ते कि ट्रस्ट का पंजीकरण उस तारीख से निष्क्रिय हो जाएगा जिस दिन ट्रस्ट या संस्था को धारा के तहत मंजूरी दी जाती है
10 (23C)(iv),10 (23C)(v),10(23C)(vi),10(23C)(के माध्यम से) या हमें 10(46) या वह तारीख सूचित करें जिस दिन यह प्रावधान लागू हुआ है, जो भी बाद में हो (01.06.20 से एफए 2020 द्वारा जोड़ा गया)

What is the condition for claiming exemption under Sec 11&12 for trust?

1. Trust shall be registered u/s 12AA/12AB

2.Exemption will be available from the P.Y. in which application is given.
3. If Total Income (Before Claiming Exemption) > Basic Exemption limit then trust has to submit audit report with ROI
Notes: 
1.     Exemption is available from P.Y. in which application was made but, If on the date of registration, no case is pending for earlier A. Ys: then In which activities of Trust are same on the basis of which registration is granted then Exemption u/s 11 & 12 will be available for such earlier A.Y.s also.
2.     147 - Reassessment proceedings can not be done on the basis that Trust was not registered in any preceding A.Y. The above benifit of earlier A.Y is not available if:
3.     Trust had applied for registration & CIT had rejected it.
4.      Trust had Registration but it got canceled.

ट्रस्ट के लिए धारा 11 और 12 के तहत छूट का दावा करने की शर्त क्या है?

1. ट्रस्ट को धारा 12एए/12एबी के तहत पंजीकृत किया जाएगा
2. P.Y से छूट मिलेगी. जिसमें आवेदन दिया गया है.
3. यदि कुल आय (छूट का दावा करने से पहले)> मूल छूट सीमा है तो ट्रस्ट को आरओआई के साथ ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी
टिप्पणियाँ:
1. P.Y से छूट मिलती है. जिसमें आवेदन किया गया था, लेकिन, यदि पंजीकरण की तिथि पर, पहले ए के लिए कोई मामला लंबित नहीं है। Ys: तो जिसमें ट्रस्ट की गतिविधियां वही हैं जिसके आधार पर पंजीकरण दिया गया है तो धारा 11 और 12 के तहत छूट दी जाएगी ऐसी पिछली A.Y.s के लिए भी उपलब्ध है।
2. 147 - इस आधार पर पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही नहीं की जा सकती कि ट्रस्ट किसी भी पूर्ववर्ती ए.वाई. में पंजीकृत नहीं था। पिछली A.Y का उपरोक्त लाभ उपलब्ध नहीं है यदि:
3. ट्रस्ट ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया था और सीआईटी ने इसे खारिज कर दिया था।
4. ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन था लेकिन वह रद्द हो गया.

Which type of trust not eligible to claim Exemption under section 11/12 ?

The Exemption of Trust shall not be available in the following cases:

1. Income from Property of trust for Private Religious Purpose

2. Income from trust established for the benefit of particular religious caste or community.

3. Income of trust ensuring for the benefit of any person referred in Sec 13(3) (Related persons)

4. Funds invested in any modes other than 11(5) modes.

Person referred in sec 13(3):

a)    Author/founder of Trust

b)    Member of HUF if founder/donor is HUF

c)    Trustee or manager of Trust

d)    People who made donation more then 50k

e)    Relative of any one above

5. If education/Medical facility is given to above referred person, then Value/FMV of such service shall be treated as Income of the Trust.

Sec 11(1A): Capital Gain is deemed to be applied for charitable purpose then If new Asset is purchased on transfer of Old asset

1.      If whole Net consideration is utilized- Fully exempt

2.     If Net Consideration is partly utilized →[Cost of New Asset - Cost of Old Asset] shall be exempt

 

किस प्रकार का ट्रस्ट धारा 11/12 के तहत छूट का दावा करने के लिए पात्र नहीं है?

ट्रस्ट की छूट निम्नलिखित मामलों में उपलब्ध नहीं होगी:
1. निजी धार्मिक प्रयोजन के लिए ट्रस्ट की संपत्ति से आय
2. विशेष धार्मिक जाति या समुदाय के लाभ के लिए स्थापित ट्रस्ट से आय।
3. धारा 13(3) में निर्दिष्ट किसी भी व्यक्ति के लाभ को सुनिश्चित करने वाली ट्रस्ट की आय (संबंधित व्यक्ति)
4. 11(5) मोड के अलावा किसी भी मोड में निवेश किया गया फंड।
धारा 13(3) में निर्दिष्ट व्यक्ति:
क) ट्रस्ट के लेखक/संस्थापक
ख) एचयूएफ का सदस्य यदि संस्थापक/दाता एचयूएफ है
ग) ट्रस्ट का ट्रस्टी या प्रबंधक
घ) जिन लोगों ने 50 हजार से अधिक का दान दिया है
ई) उपरोक्त किसी एक का रिश्तेदार
5. यदि उपरोक्त संदर्भित व्यक्ति को शिक्षा/चिकित्सा सुविधा दी जाती है, तो ऐसी सेवा का मूल्य/एफएमवी ट्रस्ट की आय के रूप में माना जाएगा।

धारा 11(1ए): पूंजीगत लाभ को धर्मार्थ उद्देश्य के लिए लागू माना जाता है यदि पुरानी संपत्ति के हस्तांतरण पर नई संपत्ति खरीदी जाती है

1. यदि संपूर्ण नेट प्रतिफल का उपयोग किया जाता है - पूर्णतः छूट

2. यदि शुद्ध प्रतिफल का आंशिक रूप से उपयोग किया जाता है → [नई संपत्ति की लागत - पुरानी संपत्ति की लागत] पर छूट दी जाएगी

What is the ANONYMOUS DONATION ?

where a person receiving such contribution does not maintain a record of the identity indicating the name and address of the person making such contribution.

बेनामी दान क्या है?

जहां ऐसा योगदान प्राप्त करने वाला व्यक्ति ऐसा योगदान देने वाले व्यक्ति का नाम और पता दर्शाते हुए पहचान का रिकॉर्ड नहीं रखता है।

What is the procedure to calculate taxability of Anonymous donation ?

Sec 115 BBC: Taxable @ 30%

Whole Anonymous donation is not taxable @ 30%, some amount is deducted from it →

Higher of:-

i) 5% of TOTAL DONATION  : All donation.- corpus, anonymous, govt. Grant

(ii) Rs. 1,00,000

→ Anonymous donation received by wholly Religious trust - Not Taxable

→ The amount which is deducted from anonymous donation → This is added with normal donation - and it is taxed at normal rates.

बेनामी दान की करदेयता की गणना करने की प्रक्रिया क्या है?

धारा 115 बीबीसी: 30% की दर से करयोग्य

संपूर्ण बेनामी दान पर 30% की दर से कर नहीं लगता है, इसमें से कुछ राशि काट ली जाती है →

इससे अधिक:-

i) कुल दान का 5%: सभी दान - कॉर्पस, गुमनाम, सरकार। अनुदान

(ii) रु. 1,00,000

→ पूर्ण धार्मिक ट्रस्ट द्वारा प्राप्त गुमनाम दान - कर योग्य नहीं

→ वह राशि जो गुमनाम दान से काटी जाती है → इसे सामान्य दान के साथ जोड़ा जाता है - और इस पर सामान्य दरों से कर लगाया जाता है।

Which type of income Taxable 30% of trust ?

Tax Rate: 30%   Deductions Allowed: No Deduction allowed of any expense/loss.

Following specified Incomes are taxable @ 30%: -

1. Income accumulated or set apart in excess of 15% where such accumulation is not allowed under any specific provision of IT Act

1. Deemed Income on Violation of use of Accumulated Income u/s 11(3) :

a)    eg: used for some other purpose

b)    donated to other trust

3. Deemed Income on account of deemed application provisions u/s 11(1B) Eg: Not able to apply Income in this year, gave declaration to AO that we will apply in next year or year of receipt but could not apply.

4. Any Income applied for the benefit of Specified prohibited person(Relative) u/s 13(1)

5. Income which is not deposited/invested in modes specified in 11(5).

6. Income from property held by trust to promote International Welfare. :

a)    If Income is Applied for Charitable purposes in India then Not a Specified Income.

b)    If Income is Applied for Charitable purposes Outside India then Specified Income.

 

किस प्रकार की आय पर ट्रस्ट का 30% करयोग्य है?

कर की दर: 30% कटौती की अनुमति: किसी भी व्यय/हानि पर कोई कटौती की अनुमति नहीं है।

निम्नलिखित निर्दिष्ट आय 30% की दर से कर योग्य हैं: -

1. 15% से अधिक संचित या अलग रखी गई आय, जहां आईटी अधिनियम के किसी विशिष्ट प्रावधान के तहत इस तरह के संचय की अनुमति नहीं है

1. धारा 11(3) के तहत संचित आय के उपयोग के उल्लंघन पर आय मानी गई:

a) उदाहरण: किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है

बी) अन्य ट्रस्ट को दान दिया गया

3. धारा 11(1बी) के तहत डीम्ड आवेदन प्रावधानों के कारण मानी गई आय उदाहरण: इस वर्ष आय लागू करने में सक्षम नहीं, एओ को घोषणा दी कि हम अगले वर्ष या प्राप्ति के वर्ष में आवेदन करेंगे लेकिन आवेदन नहीं कर सके।

4. धारा 13(1) के तहत निर्दिष्ट निषिद्ध व्यक्ति (रिश्तेदार) के लाभ के लिए लागू कोई भी आय

5. आय जो 11(5) में निर्दिष्ट तरीकों से जमा/निवेश नहीं की गई है।

6. अंतर्राष्ट्रीय कल्याण को बढ़ावा देने के लिए ट्रस्ट द्वारा रखी गई संपत्ति से आय। :

ए) यदि आय का उपयोग भारत में धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाता है तो यह निर्दिष्ट आय नहीं है।

बी) यदि आय का उपयोग भारत के बाहर धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाता है तो निर्दिष्ट आय।

What is the consequence if trust violate rules ?

1. Where Commercial receipts  more then 20% of Total receipts in case of Advancement of any object of GPU; or

2. Prescribed BOA not maintained by Trust; or
3. Return not filed or BOA not audited before due date of ROI then the Income Shall be Computed in following manner:
1.  Conditions for Allowance of Expenditure :
a)    Revenue Exp Allowed
b)    Such Exp is not incurred Out of the Closing Corpus Balance of Preceeding PY;
c)    Such expenditure is not from any loan or borrowing;
d)    Where Cost is Already Applied, Depreciation will not be allowed;
e)    Such expenditure is not in the form of any contribution or donation to any person.
2.  Disallowances :
a)    Capital Expense Not Allowed
b)    Disallowance of 40(a)(ia) & 40A(3)/(3A) would be attracted.
c)    No Deduction/Allowance/set-off of loss shall be allowed under any provision of act.

यदि ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करता है तो परिणाम क्या होता है?

1. जहां जीपीयू के किसी भी उद्देश्य की उन्नति के मामले में वाणिज्यिक प्राप्तियां कुल प्राप्तियों के 20% से अधिक हैं; या
2. निर्धारित बीओए का रखरखाव ट्रस्ट द्वारा नहीं किया जाता; या
3. आरओआई की नियत तारीख से पहले रिटर्न दाखिल नहीं किया गया या बीओए का ऑडिट नहीं किया गया तो आय की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाएगी:
1. व्यय भत्ते की शर्तें:
क) राजस्व व्यय की अनुमति
बी) ऐसा व्यय पूर्ववर्ती पीवाई के समापन कॉर्पस शेष से नहीं किया जाता है;
ग) ऐसा व्यय किसी ऋण या उधार से नहीं है;
घ) जहां लागत पहले से ही लागू है, मूल्यह्रास की अनुमति नहीं दी जाएगी;
ई) ऐसा व्यय किसी भी व्यक्ति को किसी योगदान या दान के रूप में नहीं है।
2. अस्वीकृतियाँ :
क) पूंजीगत व्यय की अनुमति नहीं है
बी) 40(ए)(आईए) और 40ए(3)/(3ए) की अस्वीकृति लागू होगी।
ग) अधिनियम के किसी भी प्रावधान के तहत कोई कटौती/भत्ता/नुकसान की भरपाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।

What is the Procedure of Registration of trust ?

CIT/PCIT on receipt of application can give registration in different situations:

1. Without Enquiries :
a)    New applicants Provisional Registration
b)    Existing Trust (12A/12AA) - Registration in I2AB then
(1) & (2)
2. With Enquiries :  CIT may call for record & docs to satisfy himself about:. - Genuineness of activity of trust , - Compliance of any other law by trust:-
3. Provisional to final
4. Re-registration after 5 years
5. Trusts adopting Modification
6. Trust inoperative u/s 11(7) then (3), (4),(5),(6)
→ All applications u/s 12 AA, pending on 01.04.21 → Shall be deemed to be applied u/s 12AB as new application.
→ After satisfying himself, He can either within prescribed time limit. Is Accept  or Reject.

ट्रस्ट के पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?

आवेदन प्राप्त होने पर सीआईटी/पीसीआईटी विभिन्न स्थितियों में पंजीकरण दे सकते हैं:

1. बिना पूछताछ के :
क) नए आवेदकों का अनंतिम पंजीकरण
बी) मौजूदा ट्रस्ट (12ए/12एए) - तब आई2एबी में पंजीकरण
(1) एवं (2)
2. पूछताछ के साथ: सीआईटी खुद को संतुष्ट करने के लिए रिकॉर्ड और दस्तावेज़ मांग सकता है:। - ट्रस्ट की गतिविधि की वास्तविकता, - ट्रस्ट द्वारा किसी अन्य कानून का अनुपालन:-
3. अनंतिम से अंतिम
4. 5 साल बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन
5. संशोधन अपनाने वाले ट्रस्ट
6. धारा 11(7) के तहत निष्क्रिय ट्रस्ट फिर (3), (4),(5),(6)
→ धारा 12 एए के तहत 01.04.21 को लंबित सभी आवेदन → धारा 12 एबी के तहत नए आवेदन के रूप में लागू माने जाएंगे।
→ खुद को संतुष्ट करने के बाद, वह निर्धारित समय सीमा के भीतर या तो कर सकता है। स्वीकार है या अस्वीकार.

In which cases registration of trust is canceled ?

Registration or provisional registration granted u/s 12 AB can be canceled in following conditions: -

1.     The CIT/PCIT noticed occurrence of 1 or more specified violations during any PY;

2.     The CIT/PCIT has received a reference from the AO under 2nd proviso of section 143(3) for any PY to withdraw approval of trust; or

3.     Case has been selected as per risk management strategy of CBDT, for any PY:

Procedure of Cancellation:

1.     To Satisfy himself, CIT/PCIT shall Call for such documents or information, or make such inquiry as he thinks necessary. :

a)    If he is satisfied that 1 or more specified violation took place : After Giving OOBH, he shall cancel the registration for that P.Y & All Subsequent PYs By Passing an Order in Writing

b)    If he is satisfied that specified violation has not taken place : He Shall refuse to cancel the Registration By Passing an Order in Writing

c)    within 6 months from end of quarter in which the first notice is issued by CIT/PCIT

d)    CIT/PCIT shall Forward a copy of the order to A.O & Trust

 

किन मामलों में ट्रस्ट का पंजीकरण रद्द किया जाता है?

धारा 12 एबी के तहत दिया गया पंजीकरण या अनंतिम पंजीकरण निम्नलिखित स्थितियों में रद्द किया जा सकता है: -

1. सीआईटी/पीसीआईटी ने किसी भी पीवाई के दौरान 1 या अधिक निर्दिष्ट उल्लंघनों की घटना देखी;

2. सीआईटी/पीसीआईटी को किसी भी पीवाई के लिए ट्रस्ट की मंजूरी वापस लेने के लिए धारा 143(3) के दूसरे प्रावधान के तहत एओ से एक संदर्भ प्राप्त हुआ है; या

3. किसी भी PY के लिए सीबीडीटी की जोखिम प्रबंधन रणनीति के अनुसार मामले का चयन किया गया है:

रद्द करने की प्रक्रिया:

1. खुद को संतुष्ट करने के लिए, सीआईटी/पीसीआईटी ऐसे दस्तावेज़ या जानकारी मांगेगा, या ऐसी पूछताछ करेगा जो वह आवश्यक समझे। :

ए) यदि वह संतुष्ट है कि 1 या अधिक निर्दिष्ट उल्लंघन हुआ है: ओओबीएच देने के बाद, वह लिखित में आदेश पारित करके उस पी.वाई और उसके बाद की सभी पीवाई के लिए पंजीकरण रद्द कर देगा।

ख) यदि वह संतुष्ट है कि निर्दिष्ट उल्लंघन नहीं हुआ है: तो वह लिखित में आदेश पारित करके पंजीकरण रद्द करने से इनकार कर देगा।

ग) उस तिमाही के अंत से 6 महीने के भीतर जिसमें सीआईटी/पीसीआईटी द्वारा पहला नोटिस जारी किया जाता है

घ) सीआईटी/पीसीआईटी आदेश की एक प्रति ए.ओ. एवं ट्रस्ट को अग्रेषित करेगा

What is the Meaning of Specified Violation under trust ?

1. Any Income from property under trust → has been applied, other than for the . objects of the trust or institution; or

2.the trust or institution has income from PGBP which is not incidental to the main object or separate BOA are not maintained by such trust or institution; or
3. the trust or institution has applied its income for private religious purposes; or
4. the trust or institution has applied its income for the benefit of any particular n religious community or caste; or
5. any activity being carried out by the trust or institution—
a)    is not genuine; or
b)    is not being carried out in accordance the conditions; or
6. the trust or institution has not complied with the requirement of any other law.

 

विश्वास के अंतर्गत निर्दिष्ट उल्लंघन का क्या अर्थ है?

1. ट्रस्ट के तहत संपत्ति से कोई भी आय लागू की गई है, इसके अलावा। ट्रस्ट या संस्था की वस्तुएं; या
2. ट्रस्ट या संस्थान को पीजीबीपी से आय होती है जो मुख्य उद्देश्य के लिए प्रासंगिक नहीं है या ऐसे ट्रस्ट या संस्थान द्वारा अलग बीओए का रखरखाव नहीं किया जाता है; या
3. ट्रस्ट या संस्था ने अपनी आय को निजी धार्मिक उद्देश्यों के लिए लागू किया है; या
4. ट्रस्ट या संस्था ने अपनी आय किसी विशेष धार्मिक समुदाय या जाति के लाभ के लिए लागू की है; या
5. ट्रस्ट या संस्था द्वारा की जा रही कोई भी गतिविधि-
क) असली नहीं है; या
बी) शर्तों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है; या
6. ट्रस्ट या संस्था ने किसी अन्य कानून की आवश्यकता का अनुपालन नहीं किया है।

What is special procedure to calculate tax on income of Certain Universities, Hospitals, Educational Institutions ?

1. (iiiab/iiiac) :

a)    Universities, Hospital and Other Edu. Inst. wholly or substantially financed by Govt. (Govt Grant more then 50%)
b)     which exists solely for Medical or edu. Purposes & Not for profit
c)    Income fully Exempt from Tax
2. (iiiad/iiiae) :
a)    Universities, Hospitals & Other Edu Inst.
b)    which exists solely for Medical or edu. purposes & Not for profit
c)    & their aggregate annual receipts are upto Rs. 5 crore
d)    Income Fully Exempt from Tax
3. (iv)/(v)/(vi)/(via) :
a)    Any fund, Trust, Inst. registered for Religious or Charitable purposes approved by CIT
b)    which exists solely for Medical or edu. purposes & Not for profit
c)    Income exempt subject to certain conditions, same as Sec 11/12

Some Additional Points:

1) Amount applied out of Corpus Fund 

a)    It shall not be treated as application.

b)    It shall be considered as applied in the year in which the amount is invested or deposited back

Eg: Corpus Fund= 20 lakh Amt applied out of corpus (P.Y. 21-22)  (Corpus Balance: 15 lakhs. P.Y. 22-23)  then 5 lakhs not considered as applied in PY. 21-22.

Corpus fund -15 lakhs + Amt deposited 5 lakh back in corpus= 20 Lakhs then Now this amount of Rs.5 lakh will be  considered as applied in PY-22-23.

2) Application out of loans and borrowings

a)    not considered as applied

b)    It will be treated as applied in the year of Repayment of loan

3) When expenditure is more than Income of the trust it can not be carried forward and taken as applied in next P. Y., it just lapses.

 

 

 

कुछ विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों की आय पर कर की गणना करने की विशेष प्रक्रिया क्या है?

1. (iiiab/iiiac):
क) विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य शिक्षा। उदाहरण. पूर्णतया या पर्याप्त रूप से सरकार द्वारा वित्तपोषित। (सरकारी अनुदान 50% से अधिक)
बी) जो पूरी तरह से मेडिकल या शिक्षा के लिए मौजूद है। उद्देश्य और लाभ के लिए नहीं
ग) आय पूरी तरह से कर से मुक्त है
2. (iiiad/iiiae) :
क) विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य शिक्षा संस्थान।
बी) जो पूरी तरह से मेडिकल या शिक्षा के लिए मौजूद है। उद्देश्य और लाभ के लिए नहीं
ग) और उनकी कुल वार्षिक प्राप्तियाँ रुपये तक हैं। 5 करोड़
घ) आय कर से पूर्णतः मुक्त
3. (iv)/(v)/(vi)/(के माध्यम से) :
क) कोई फंड, ट्रस्ट, संस्थान। सीआईटी द्वारा अनुमोदित धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए पंजीकृत
बी) जो पूरी तरह से मेडिकल या शिक्षा के लिए मौजूद है। उद्देश्य और लाभ के लिए नहीं
ग) धारा 11/12 के समान कुछ शर्तों के अधीन आय पर छूट
कुछ अतिरिक्त बिंदु:

1) कॉर्पस फंड से लागू राशि

क) इसे आवेदन के रूप में नहीं माना जाएगा।

बी) इसे उस वर्ष लागू माना जाएगा जिसमें राशि निवेश की गई है या वापस जमा की गई है

उदाहरण के लिए: कॉर्पस फंड = कॉर्पस में से लागू 20 लाख राशि (पी.वाई. 21-22) (कॉर्पस बैलेंस: 15 लाख. पी.वाई. 22-23) तो 5 लाख को पीवाई में लागू नहीं माना जाता है। 21-22.

कॉर्पस फंड -15 लाख + कॉर्पस में जमा राशि 5 लाख वापस = 20 लाख तो अब 5 लाख रुपये की यह राशि पीवाई-22-23 में लागू मानी जाएगी।

2) ऋण और उधार से आवेदन

ए) लागू नहीं माना जाता

बी) इसे ऋण चुकौती के वर्ष में लागू माना जाएगा

3) जब व्यय ट्रस्ट की आय से अधिक होता है तो इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है और अगले पी.वाई. में लागू किया जा सकता है, यह समाप्त हो जाता है।

EXIT TAX टैक्स से बाहर निकलें

.

.

Question

Question and Answare

Which Accreted Income' of trust registeredu/ under section 12AA/12AB/10(23C) shall be taxable ?

The 'Accreted Income' of trust registered u/s 12AA/12AB/10(23C) shall be taxable at MMR- 34.944% (30%+12%+4%) in 3 Cases:

1. Conversion of Trust, Institution in a non- eligible form,

a)    Registration granted has been cancelled

b)    Objects of the trust has been modified and :

i) It has not applied for fresh registration or

ii) It has applied for fresh registration but application rejected

2. Merger with other trust having different object

3. Non-distribution of assets within 12 months from the end of dissolution to other trust/ Inst. regd. u/s 12AA/12AB/ 10(23C) on Dissolution


धारा 12एए/12एबी/10(23सी) के तहत पंजीकृत ट्रस्ट की कौन सी अर्जित आय कर योग्य होगी?

धारा 12एए/12एबी/10(23सी) के तहत पंजीकृत ट्रस्ट की 'संवर्धित आय' 3 मामलों में एमएमआर- 34.944% (30%+12%+4%) पर कर योग्य होगी:
1. ट्रस्ट, संस्था का गैर-पात्र रूप में रूपांतरण,
a) दिया गया पंजीकरण रद्द कर दिया गया है
ख) ट्रस्ट के उद्देश्यों को संशोधित किया गया है और:
i) इसने नए पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है
ii) इसने नए पंजीकरण के लिए आवेदन किया है लेकिन आवेदन खारिज कर दिया गया है
2. भिन्न उद्देश्य वाले अन्य ट्रस्ट के साथ विलय
3. विघटन की समाप्ति से 12 महीने के भीतर अन्य ट्रस्ट/संस्थान को संपत्ति का वितरण न करना। रजि. विघटन पर धारा 12एए/12एबी/10(23सी) के तहत

What is the Accreted Income means ?

Aggregate FMV of Total Assets                                        xxx

Less (-) Total liability of Trust                                (xxx)

Accreted Income                                          xxx

संचित आय का मतलब क्या है?

कुल संपत्ति का समग्र एफएमवी                    xxx
कम (-) ट्रस्ट की कुल देनदारी                       (xxx)
अर्जित आय                                               xxx          

In which case accreted Income shall not be considered ?

1. Assets bought out of agriculture Income

2. Assets purchased by trust before registration became effective u/s 12AA/12AB :
a)    Basically, Trust has not claimed exemption on this Income. 
3. Assets transferred to other Inst. within 12 months of dissolution

किस मामले में अर्जित आय पर विचार नहीं किया जाएगा?

1. कृषि आय से खरीदी गई संपत्ति
2. धारा 12एए/12एबी के तहत पंजीकरण प्रभावी होने से पहले ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई संपत्ति:
ए) मूलतः, ट्रस्ट ने इस आय पर छूट का दावा नहीं किया है।
3. संपत्ति अन्य संस्थानों को हस्तांतरित। विघटन के 12 महीने के भीतर

Which type Calculation of FMV of Asset ?

1. ASSETS :

a)    FMV of all assets should be taken excluding:
i)  any amount of TDS, TCS, Advance Tax (reduced by refund if taken).
ii) any unamortised amount of deferred revenue expenditure.

2. LIABILITIES ;
a)    Book value of all the liabilities shall be taken excluding:
i) Any provision of income Tax
ii) any Corpus fund or Capital fund
iii) any contingent liability
iv) any unascertained liability
v) any reserve or surplus

FMV of Assets :

1) Quoted Shares & Securities (listed): Average of lowest & Highest price on valuation date If Shares are not Traded on Valuation date, One day preceeding to Valuation date will be taken for highest & lowest price.

2) Unquoted Equity Shares:

A+B-L

x PV → Discussed later

PE 

3) Unquoted shares & securities (other than Shares):

 FMV/ NRV of Securities

4) Immovable property :

SDV on Valuation date

or FMV/NRV on that date

 w.e. is higher.

5) A Business Undertaking: (A+B-L)

6) Any Other Assets: FMV/NRV on valuation date

Notes:

• Exit Tax should be paid within 14 days from prescribed date.

• Interest @ 1% pm or part from 15th day till payment of tax

  

संपत्ति के एफएमवी की गणना किस प्रकार की जाती है?

1. संपत्ति :
क) निम्नलिखित को छोड़कर सभी संपत्तियों का एफएमवी लिया जाना चाहिए:
i) टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स की कोई भी राशि (यदि ली गई है तो रिफंड से कम)।
ii) आस्थगित राजस्व व्यय की कोई भी अपरिवर्तित राशि।

2. देनदारियाँ ;
ए) सभी देनदारियों का बुक वैल्यू निम्नलिखित को छोड़कर लिया जाएगा:
i) आयकर का कोई प्रावधान
ii) कोई कॉर्पस फंड या कैपिटल फंड
iii) कोई आकस्मिक दायित्व
iv) कोई अज्ञात दायित्व
v) कोई आरक्षित या अधिशेष
परिसंपत्तियों का एफएमवी:
1) उद्धृत शेयर और प्रतिभूतियां (सूचीबद्ध): मूल्यांकन तिथि पर न्यूनतम और उच्चतम कीमत का औसत यदि मूल्यांकन तिथि पर शेयरों का कारोबार नहीं किया जाता है, तो मूल्यांकन तिथि से एक दिन पहले उच्चतम और निम्नतम कीमत के लिए लिया जाएगा।

2) गैर-उद्धृत इक्विटी शेयर:
ए+बी-एल
x पीवी → बाद में चर्चा की गई
पी.ई

3) गैर उद्धृत शेयर और प्रतिभूतियां (शेयरों के अलावा):
 प्रतिभूतियों का एफएमवी/एनआरवी
4)अचल संपत्ति :
मूल्यांकन तिथि पर एस.डी.वी
या उस तारीख को एफएमवी/एनआरवी
 हम। से ज़्यादा ऊँचा।
5) एक व्यावसायिक उपक्रम: (ए+बी-एल)
6) कोई अन्य संपत्ति: मूल्यांकन तिथि पर एफएमवी/एनआरवी
टिप्पणियाँ:
• एग्जिट टैक्स का भुगतान निर्धारित तिथि से 14 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।
• ब्याज @ 1% प्रतिमाह या 15वें दिन से कर भुगतान तक का कुछ भाग

What is the Unquoted Equity shares ?

(A+B-L) × PV

Where,                   PE

A = Book value of all the assets in the balance sheet (other than bullion, jewellery, precious stone, artistic work, shares, securities, and immovable property) as reduced by-

 (i) any amount of income-tax paid as TDS, TCS or as advance tax payment as . reduced by the amount of refund; and

(ii) any amount of unamortised deferred expenditure

B = Fair market value of bullion, jewellery, precious stone, artistic work, shares, securities and immovable property

L= Book value of liabilities shown in the balance sheet, but not including : 

(i) Contingent liabilities other than arrears of dividends payable in respect of the paid-up capital in respect of equity shares;

(ii) the amount set apart for payment of dividends on preference shares and equity shares;

(iii) reserves and surplus, other than those set apart towards depreciation;

(iv) Any amount of provision for taxation, reduced by refund under the Act

(v) any amount of provision for unascertained liabilities;

(vi) any amount of cumulative preference shares;

PE = total amount of paid up equity share capital as shown in the balance-sheet;

PV = the paid up value of such equity share.

अनकोटेड इक्विटी शेयर क्या है?

(ए+बी-एल) × पीवी
कहां, पीई
ए = बैलेंस शीट में सभी संपत्तियों का बुक वैल्यू (सराफा, आभूषण, कीमती पत्थर, कलात्मक कार्य, शेयर, प्रतिभूतियां और अचल संपत्ति के अलावा) घटाया गया है-
 (i) टीडीएस, टीसीएस या अग्रिम कर भुगतान के रूप में भुगतान की गई आयकर की कोई भी राशि। धनवापसी की राशि कम कर दी गई; और
(ii) अपरिवर्तित आस्थगित व्यय की कोई भी राशि
बी = सराफा, आभूषण, कीमती पत्थर, कलात्मक कार्य, शेयर, प्रतिभूतियां और अचल संपत्ति का उचित बाजार मूल्य
एल= बैलेंस शीट में देनदारियों का बुक वैल्यू दिखाया गया है, लेकिन इसमें शामिल नहीं है:
(i) इक्विटी शेयरों के संबंध में चुकता पूंजी के संबंध में देय लाभांश के बकाया के अलावा आकस्मिक देनदारियां;
(ii) वरीयता शेयरों और इक्विटी शेयरों पर लाभांश के भुगतान के लिए अलग रखी गई राशि;
(iii) मूल्यह्रास के लिए अलग रखे गए भंडार और अधिशेष के अलावा;
(iv) अधिनियम के तहत रिफंड द्वारा कम किए गए कराधान के प्रावधान की कोई भी राशि
(v) अज्ञात देनदारियों के लिए प्रावधान की कोई भी राशि;
(vi) संचयी वरीयता शेयरों की कोई भी राशि;
पीई = चुकता इक्विटी शेयर पूंजी की कुल राशि जैसा कि बैलेंस-शीट में दिखाया गया है;
पीवी = ऐसे इक्विटी शेयर का चुकता मूल्य।

What is the income under which deduction under chapter VI A not allowed ?

Common Points:

1. As per Sec 80AC – Deduction u/s 80-IA to 80RRB (Part C Deduction) is not allowed unless assesses furnishes Return of Income within due date u/s 139(1).

2. Deduction under chapter VI-A is Not Allowed against

-         LTCG u/s 112 and 112A,

-         STCG u/s 111A &

-         Special tax rate income.

वह कौन सी आय है जिसके अंतर्गत अध्याय VI A के अंतर्गत कटौती की अनुमति नहीं है?

सामान्य बिंदु:

1. धारा 80एसी के अनुसार - धारा 80-आईए से 80आरआरबी (भाग सी कटौती) के तहत कटौती की अनुमति नहीं है जब तक कि करदाता धारा 139(1) के तहत नियत तारीख के भीतर आय का रिटर्न प्रस्तुत नहीं करता है।

2. अध्याय VI-ए के तहत कटौती की अनुमति नहीं है

- धारा 112 और 112ए के तहत एलटीसीजी,

- धारा 111ए के तहत एसटीसीजी और

- विशेष कर दर आय.

How a person can save income tax ?

80C- Specified Investment

A person can save tax through specified investment under section 80C

Assessee : Individual & HUF

Max Deduction : 1,50,000

Eligible Amount for deduction  :

1. Life Insurance Premium for Individual- Self, Spouse, Children

2. Life Insurance Premium for HUF- Any member of HUF

3. Contribution in Unit-linked Insurance Plan (ULIP) 1971 & plan of LIC Mutual Fund- individual - Self, Spouse, Children, - HUF - Any member of HUF.

4. Premium paid in respect of a contract for deferred annuity 

5. Any sum deducted from the salary payable of a Government employee for securing a deferred annuity

6. Contribution to SPF/PPF/RPF

Other Points to be noted :

7. Any sum received under a life insurance policy, including the sum allocated by way of bonus on such policy are exempt u/s 10(10D) if,

a)    Policies issued before 01/04/12-

(a) Premium paid or

(b) 20% of sum assured

W.E.L

b)    Policies issued after 01/04/12 but before 01/04/2013-

(i) Premium Paid or

(ii) 10% of sum assured

W.E.L

a)    Policies issued after 01/04/13-

(i) Premium paid or W.E.L

(ii) 10% of sum assured

(iii) 15% of sum assured in case where the insurance is on the life of a person with disability or severe disability as referred to in section 80U or a person suffering from disease or ailment as specified under section 80DDB.          W.E.L

2. Notes regarding Exemption u/s 10(10D) :

1.     Exemption u/s 10(10D) wouldn’t be available Premium payable in one or more ULIP(issued on or after 01/02/2021) exceeds 2,50,000. (this 2,50,000 limit wouldn’t applicable in case of sum received on death of person)

2.      Any sum received under section 80DD(3) shall not be exempt under section 10(10D)

3.     Any sum received under a Keyman insurance policy shall also not be exempt.

4.     Contribution to SPF/PPF/RPF (maximum limit for deposit in PPF is 1,50,000 in a year)

3. Other deduction u/s 80C :

1.     Contribution to approved superannuation Fund

2.     Any sum paid or deposited in Sukanya Samridhi Account (for any girl child)

3.     Subscription to National Savings Certificates VIII

4.     Contribution to approved annuity plan of LIC

5.     Subscription towards notified units of mutual fund orUTI

6.     Subscription to any units of any mutual fund referred to in section 10(23D) and approved by the Board on an application made by such mutual fund in the prescribed form.

7.     Investment in five year Term Deposit in scheduled bank (The maximum limit for investment in term deposit is 1,50,000)

8.     Contribution to National Housing Bank (Tax Saving) Term Deposit Scheme, 2008

9.     Contribution to notified pension fund set up by mutual fund or UTI

10. Subscription to notified deposit scheme (for example, public deposit scheme of HUDCO)

11. Subscription to notified bonds issued by NABARD

12. Deposit in Senior Citizens Savings Scheme Rules, 2004

13. Investment in five year Post Office time deposit

14. Contribution to additional account under NPS

15. Payment of tuition fees to any university, college, school or other educational institutions within India for full-time education for maximum 2 children (for full-time education of any two children)

16. Subscription to certain equity shares or debentures

17. Repayment of housing loan including stamp duty, registration fee and other expenses towards the cost of purchase or construction of a new residential house 1o.4 property. (But do not include cost of any addition or alteration or renovation or repair of the house property after the issue of completion certificate)

4. Repayment of amount borrowed by the assessee from:

1.     The Central Government or any State Government;

2.     Any bank including a co-operative bank ;

3.     The Life Insurance Corporation;

4.     The National Housing Bank;

5.     Any public company formed and registered in India with the main object of carrying on the business of providing long-term finance for construction or purchase of houses in India for residential purposes which is eligible for deduction under section 36(1)(viii);

6.     Any company in which the public are substantially interested or any cooperative society engaged in the business of financing the construction of houses;

7.     The assessee’s employer

 

2) 80CCC- Deduction in respect of pension fund :

Assessee               :         Individual & HUF

Max Deduction       :         1,50,000 

कोई व्यक्ति आयकर कैसे बचा सकता है?

80सी- निर्दिष्ट निवेश

कोई व्यक्ति धारा 80सी के तहत निर्दिष्ट निवेश के माध्यम से कर बचा सकता है

निर्धारिती: व्यक्तिगत और एचयूएफ

अधिकतम कटौती: 1,50,000

कटौती के लिए योग्य राशि:

1. व्यक्ति के लिए जीवन बीमा प्रीमियम - स्वयं, पति/पत्नी, बच्चे

2. एचयूएफ के लिए जीवन बीमा प्रीमियम- एचयूएफ का कोई भी सदस्य

3. यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) 1971 और एलआईसी म्यूचुअल फंड की योजना में योगदान - व्यक्तिगत - स्वयं, पति या पत्नी, बच्चे, - एचयूएफ - एचयूएफ का कोई भी सदस्य।

4. आस्थगित वार्षिकी के अनुबंध के संबंध में भुगतान किया गया प्रीमियम

5. आस्थगित वार्षिकी प्राप्त करने के लिए सरकारी कर्मचारी के देय वेतन से कटौती की गई कोई भी राशि

6. एसपीएफ़/पीपीएफ/आरपीएफ में योगदान

ध्यान देने योग्य अन्य बिंदु:

7. जीवन बीमा पॉलिसी के तहत प्राप्त कोई भी राशि, जिसमें ऐसी पॉलिसी पर बोनस के माध्यम से आवंटित राशि भी शामिल है, धारा 10(10डी) के तहत छूट प्राप्त है, यदि,

a) 01/04/12 से पहले जारी की गई पॉलिसियाँ-

(ए) प्रीमियम का भुगतान या

(बी) बीमा राशि का 20%

डब्ल्यू.ई.एल

बी) 01/04/12 के बाद लेकिन 01/04/2013 से पहले जारी की गई पॉलिसियाँ-

(i) प्रीमियम भुगतान या

(ii) बीमा राशि का 10%

डब्ल्यू.ई.एल

a) 01/04/13 के बाद जारी की गई पॉलिसियाँ-

(i) प्रीमियम भुगतान या डब्ल्यू.ई.एल

(ii) बीमा राशि का 10%

(iii) ऐसे मामले में बीमा राशि का 15% जहां बीमा धारा 80यू में निर्दिष्ट विकलांगता या गंभीर विकलांगता वाले व्यक्ति या धारा 80डीडीबी के तहत निर्दिष्ट बीमारी या बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जीवन पर है। डब्ल्यू.ई.एल
2. धारा 10(10डी) के तहत छूट के संबंध में नोट्स:

1. धारा 10(10डी) के तहत छूट उपलब्ध नहीं होगी। एक या अधिक यूलिप (01/02/2021 को या उसके बाद जारी) में देय प्रीमियम 2,50,000 से अधिक है। (यह 2,50,000 की सीमा व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि के मामले में लागू नहीं होगी)

2. धारा 80डीडी(3) के तहत प्राप्त कोई भी राशि धारा 10(10डी) के तहत छूट नहीं होगी।

3. कीमैन बीमा पॉलिसी के तहत प्राप्त कोई भी राशि छूट नहीं दी जाएगी।

4. एसपीएफ़/पीपीएफ/आरपीएफ में योगदान (पीपीएफ में जमा की अधिकतम सीमा एक वर्ष में 1,50,000 है)

3. धारा 80सी के तहत अन्य कटौती:

1. अनुमोदित सेवानिवृत्ति निधि में अंशदान

2. सुकन्या समृद्धि खाते में भुगतान या जमा की गई कोई भी राशि (किसी भी बालिका के लिए)

3. राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र आठवीं की सदस्यता

4. एलआईसी की अनुमोदित वार्षिकी योजना में योगदान

5. म्यूचुअल फंड या यूटीआई की अधिसूचित इकाइयों के लिए सदस्यता

6. धारा 10(23डी) में निर्दिष्ट किसी भी म्यूचुअल फंड की किसी भी इकाई की सदस्यता और निर्धारित प्रपत्र में ऐसे म्यूचुअल फंड द्वारा किए गए आवेदन पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित।

7. अनुसूचित बैंक में पांच साल की सावधि जमा में निवेश (सावधि जमा में निवेश की अधिकतम सीमा 1,50,000 है)

8. राष्ट्रीय आवास बैंक (कर बचत) सावधि जमा योजना, 2008 में योगदान

9. म्यूचुअल फंड या यूटीआई द्वारा स्थापित अधिसूचित पेंशन फंड में योगदान

10. अधिसूचित जमा योजना की सदस्यता (उदाहरण के लिए, हुडको की सार्वजनिक जमा योजना)

11. नाबार्ड द्वारा जारी अधिसूचित बांड की सदस्यता

12. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना नियम, 2004 में जमा

13. पांच साल की पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में निवेश

14. एनपीएस के तहत अतिरिक्त खाते में योगदान

15. अधिकतम 2 बच्चों की पूर्णकालिक शिक्षा के लिए भारत के किसी भी विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थानों को ट्यूशन फीस का भुगतान (किन्हीं दो बच्चों की पूर्णकालिक शिक्षा के लिए)

16. कुछ इक्विटी शेयरों या डिबेंचर की सदस्यता

17. नए आवासीय घर 1o.4 संपत्ति की खरीद या निर्माण की लागत के लिए स्टाम्प शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य खर्चों सहित आवास ऋण का पुनर्भुगतान। (लेकिन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद घर की संपत्ति में किसी भी अतिरिक्त या परिवर्तन या नवीनीकरण या मरम्मत की लागत शामिल नहीं है)

4. निर्धारिती द्वारा उधार ली गई राशि का पुनर्भुगतान:
1. केंद्र सरकार या कोई राज्य सरकार;
2. सहकारी बैंक सहित कोई भी बैंक;
3. जीवन बीमा निगम;
4. राष्ट्रीय आवास बैंक;
5. भारत में आवासीय उद्देश्यों के लिए घरों के निर्माण या खरीद के लिए दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने के व्यवसाय को चलाने के मुख्य उद्देश्य के साथ भारत में बनाई और पंजीकृत कोई भी सार्वजनिक कंपनी जो धारा 36(1)(viii) के तहत कटौती के लिए पात्र है। ;
6. कोई भी कंपनी जिसमें जनता की पर्याप्त रुचि हो या कोई सहकारी समिति जो घरों के निर्माण के वित्तपोषण के व्यवसाय में लगी हो;
7. निर्धारिती का नियोक्ता

2) 80CCC- पेंशन फंड के संबंध में कटौती:
निर्धारिती: व्यक्तिगत और एचयूएफ
अधिकतम कटौती: 1,50,000

How person can save tax other then section 80C ?

80CCD- Contribution to pension scheme notified by the Central Government

1. 80CCD(1)  :

Assessee     :         Individual

Max Deduction :

i) Deduction for Salaried Employee :

a)    (a) EE own Contribution

b)    (b)10% of salary

W.E.L

         

ii) Deduction for any other Individual :

a)  EE own Contribute

b) 20% of GTI

W.E.L

(Salary = Basic salary DA (In terms)

2. 80CCD(1B) :

Assessee : Individual

Max Deduction : Additional Deduction upto 50,000- allowed other than contributions covered u/s 80CCD

3. 80CCD(2) :

Assessee : Individual (Salaried)

Max Deduction :

i) Deduction for Salaried Employee :

(a) ER’s Contribution

(b)10% of salary

 W.E.L

ii) Deduction for Government Salaried Employee :

(a) ER’s Contribution

(b)14% of salary

धारा 80सी के अलावा कोई व्यक्ति टैक्स कैसे बचा सकता है?

80CCD- केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित पेंशन योजना में योगदान

1. 80सीसीडी(1) :

निर्धारिती: व्यक्तिगत

अधिकतम कटौती :

i) वेतनभोगी कर्मचारी के लिए कटौती:

ए) (ए) ईई का अपना योगदान

बी) (बी) वेतन का 10%

डब्ल्यू.ई.एल

         

ii) किसी अन्य व्यक्ति के लिए कटौती:

ए) ईई अपना योगदान दें

बी) जीटीआई का 20%

डब्ल्यू.ई.एल

(वेतन = मूल वेतन डीए (शर्तों में)

2. 80सीसीडी(1बी):

निर्धारिती: व्यक्तिगत

अधिकतम कटौती: 50,000 तक की अतिरिक्त कटौती - धारा 80CCD के तहत कवर किए गए योगदान के अलावा अनुमति दी गई है

3. 80CCD(2) :

निर्धारिती: व्यक्तिगत (वेतनभोगी)

अधिकतम कटौती :

i) वेतनभोगी कर्मचारी के लिए कटौती:

(ए) ईआर का योगदान

(बी) वेतन का 10%

 डब्ल्यू.ई.एल

ii) सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के लिए कटौती:

(ए) ईआर का योगदान

(बी) वेतन का 14%

What is maximum a person can save tax through medical insurance ?

80D- Deduction in respect of medical insurance premium

Assessee : Individual & HUF

Max Deduction : Individual (self, spouse, dependent children & parents) (S+S+C & P) HUF (Any member of HUF)

Particular :

1. Medical Insurance Premium  S+S+C Age less then 60 year 25,000, S+S+C age  more then 60 year 50,000, Parent age  less than 60 year 25,000, Parent age  More than 60 year 50,000

2. CG. Health Scheme (CGHS)   S+S+C Age less than 60 year 25,000, S+S+C age  more then 60 year 25,000

3. Preventive Health check-up [Cash allowed]  S+S+C Age less than 60 year 5,000, S+S+C age  more than 60 year 5,000, Parent age  less than 60 year 5,000, Parent age  More than 60 year 5,000

4. Maximum Allowed   S+S+C Age less then 60  year 25,000, S+S+C age  more than 60 year 50,000, Parent age  less than 60 year 25,000, Parent age  More than 60 year 50,000

5. Medical Expenditure of senior  S+S+C age  more than 60 year 50,000,  Parent age  More than 60 year 50,000

6. Citizen Final Deduction S+S+C Age less then 60  year 25,000, S+S+C age  more than 60 year 50,000, Parent age  less than 60 year 25,000, Parent age  More than 60 year 50,000***

* Medical Expenditure is allowed if no amt has been paid towards health insurance.

** If parent has age more than 60, but if he is NR, then max deduction allowed only 25,000

चिकित्सा बीमा के माध्यम से एक व्यक्ति अधिकतम कितना टैक्स बचा सकता है?

80D- चिकित्सा बीमा प्रीमियम के संबंध में कटौती

निर्धारिती: व्यक्तिगत और एचयूएफ

अधिकतम कटौती: व्यक्तिगत (स्वयं, जीवनसाथी, आश्रित बच्चे और माता-पिता) (एस+एस+सी और पी) एचयूएफ (एचयूएफ का कोई भी सदस्य)

विशिष्ट :

1. चिकित्सा बीमा प्रीमियम एस+एस+सी की आयु 60 वर्ष से कम 25,000, एस+एस+सी की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से कम 25,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000

2. सीजी. स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से कम 25,000, एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से अधिक 25,000

3. निवारक स्वास्थ्य जांच [नकद की अनुमति] एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से कम 5,000, एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से अधिक 5,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से कम 5,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक 5,000

4. अधिकतम स्वीकृत एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से कम 25,000, एस+एस+सी आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से कम 25,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000

5. वरिष्ठ एस+एस+सी का चिकित्सा व्यय 60 वर्ष से अधिक आयु 50,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000

6. नागरिक अंतिम कटौती एस+एस+सी की आयु 60 वर्ष से कम 25,000, एस+एस+सी की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से कम 25,000, माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक 50,000***

* यदि स्वास्थ्य बीमा के लिए कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया है तो चिकित्सा व्यय की अनुमति है।

** यदि माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक है, लेकिन यदि वह एनआर है, तो अधिकतम कटौती केवल 25,000 की अनुमति है

What is the deduction under section 80DD ?

80DD- Deduction in respect of Medical treatment & Maintenance of Handicapped dependent relative [For others]

Assessee :

Individual- Spouse, Children, Brother, Sister, Mother

HUF- Any Member

Max Deduction :

Eligible Amount -

a)    Incurred for medical treatment, training, rehabilitation of dependent person being with disability

b)    Amount paid/deposited under a scheme for the maintenance of dependent person being with disability.

Flat Deduction - Normal Disability- 75,000 Severe Disability (Person with 80% or more disability)- 1,25,000

धारा 80डीडी के तहत कटौती क्या है?

80DD- विकलांग आश्रित रिश्तेदार के चिकित्सा उपचार और भरण-पोषण के संबंध में कटौती [अन्य के लिए]

निर्धारिती:

व्यक्तिगत- जीवनसाथी, बच्चे, भाई, बहन, माँ

एचयूएफ- कोई भी सदस्य

अधिकतम कटौती :

पात्र राशि -

क) विकलांगता वाले आश्रित व्यक्ति के चिकित्सा उपचार, प्रशिक्षण, पुनर्वास के लिए खर्च किया गया

ख) दिव्यांग होने पर आश्रित व्यक्ति के भरण-पोषण के लिए एक योजना के तहत भुगतान/जमा की गई राशि।

फ्लैट कटौती - सामान्य विकलांगता - 75,000 गंभीर विकलांगता (80% या अधिक विकलांगता वाला व्यक्ति) - 1,25,000

What is the deduction under section 80DDB ?

80DDB- Deduction in respect of medical treatment etc.

Assessee :

Individual     - Spouse, Children, Brother, Sister, Mother

HUF   - Any Member

Max Deduction :

a)    Eligible Amount :

i) Incurred for medical treatment, training, rehabilitation of dependent person being with  disability

ii) Amount paid/deposited under a scheme for the maintenance of dependent person being with disability.

b)    Deduction :

(a) Actual Exp

(b) 40,000

W.E.L

In case of senior citizen :

(a) Actual Exp

(b) 1,00,000

 W.E.L

Any Amount received under insurance from insurer, or reimburse by ER for medical treatment shall be reduced from deduction

Condition :  No deduction shall be allowed unless the assessee obtains the prescription for such medical treatment from a neurologist, an oncologist, a urologist, a hematologist, an immunologist or such other specialist, as may be prescribed

धारा 80DDB के तहत कटौती क्या है?

80DDB- चिकित्सा उपचार आदि के संबंध में कटौती।

निर्धारिती:

व्यक्तिगत - जीवनसाथी, बच्चे, भाई, बहन, माँ

एचयूएफ - कोई भी सदस्य

अधिकतम कटौती :

क) पात्र राशि :

i) विकलांगता वाले आश्रित व्यक्ति के चिकित्सा उपचार, प्रशिक्षण, पुनर्वास के लिए खर्च किया गया

ii) आश्रित व्यक्ति के विकलांग होने के भरण-पोषण के लिए एक योजना के तहत भुगतान/जमा की गई राशि।

ख) कटौती :

(ए) वास्तविक व्यय

(बी) 40,000

डब्ल्यू.ई.एल

वरिष्ठ नागरिक के मामले में:

(ए) वास्तविक व्यय

(बी) 1,00,000

 डब्ल्यू.ई.एल

बीमाकर्ता से बीमा के तहत प्राप्त कोई भी राशि, या चिकित्सा उपचार के लिए ईआर द्वारा प्रतिपूर्ति कटौती से कम कर दी जाएगी

शर्त: किसी भी कटौती की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि निर्धारिती किसी न्यूरोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, हेमेटोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट या ऐसे अन्य विशेषज्ञ से ऐसे चिकित्सा उपचार के लिए प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त नहीं कर लेता, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है।

How much deduction of education loan available in income tax and what is the condition?

80E- Deduction in respect of interest loan taken for higher education

Assessee : Individual

Deduction Amount : Amount of Interest Paid towards Higher Education loan

Condition :

1.The loan must have been taken for the purpose of pursuing his higher education or for the purpose of higher education of his or her relative.

2. The loan must have been taken from any financial institution or approved charitable institution

Period of deduction :

a)    Earlier of :

i) First 7 assessment years or

ii) Until the interest pain fully

एजुकेशन लोन पर इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलती है और क्या है शर्त?

80ई- उच्च शिक्षा के लिए लिए गए ऋण के ब्याज पर कटौती

निर्धारिती: व्यक्तिगत

कटौती राशि: उच्च शिक्षा ऋण के लिए भुगतान की गई ब्याज की राशि

स्थिति :

1.ऋण अपनी उच्च शिक्षा के लिए या अपने किसी रिश्तेदार की उच्च शिक्षा के लिए लिया गया होगा।

2. ऋण किसी वित्तीय संस्थान या अनुमोदित धर्मार्थ संस्थान से लिया गया होना चाहिए

कटौती की अवधि :

ए) इससे पहले:

i) पहले 7 मूल्यांकन वर्ष या

ii) जब तक ब्याज पूरी तरह से दर्द न हो जाए

Supply of goods or services Supply of goods or services

जी एस टी के तहत आपूर्ति के दायरे को निम्नलिखित मापदंडों के संदर्भ में समझा जा सकता है:

आपूर्ति माल या सेवाओं की होनी चाहिए ||

 आपूर्ति प्रतिफल के लिए की जानी चाहिए

आपूर्ति व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ाने के लिए की जानी चाहिए

हालांकि ये मानदंड आपूर्ति की अवधारणा का वर्णन करते हैंकुछ परिस्थितियों मेंलेन-देन को आपूर्ति के रूप में माना जाता हैभले ही आपूर्ति बिना किसी प्रतिफल के की जाती है या व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ने के दौरान नहीं की जाती है। अनुसूची में निर्दिष्ट गतिविधियों को बिना प्रतिफल के भी आपूर्ति माना जाता है।

Supply of goods or services or both between related persons or between distinct persons as specified in section 25, when made in the course or furtherance of business. Provided that gifts not exceeding fifty thousand rupees in value in a financial year by an employer to an employee shall not be treated as supply of goods or services or both

Question

Question and Answare

Supply of goods or services

Supply of goods or services or both between related persons or between distinct persons as specified in section 25, when made in the course or furtherance of business. Provided that gifts not exceeding fifty thousand rupees in value in a financial year by an employer to an employee shall not be treated as supply of goods or services or both

Supply of goods or services

जी एस टी के तहत आपूर्ति के दायरे को निम्नलिखित मापदंडों के संदर्भ में समझा जा सकता है:

आपूर्ति माल या सेवाओं की होनी चाहिए ||

 आपूर्ति प्रतिफल के लिए की जानी चाहिए

आपूर्ति व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ाने के लिए की जानी चाहिए

हालांकि ये मानदंड आपूर्ति की अवधारणा का वर्णन करते हैंकुछ परिस्थितियों मेंलेन-देन को आपूर्ति के रूप में माना जाता हैभले ही आपूर्ति बिना किसी प्रतिफल के की जाती है या व्यवसाय के दौरान या आगे बढ़ने के दौरान नहीं की जाती है। अनुसूची में निर्दिष्ट गतिविधियों को बिना प्रतिफल के भी आपूर्ति माना जाता है।